STORYMIRROR

Sanjay Pathade Shesh

Inspirational

2  

Sanjay Pathade Shesh

Inspirational

यादगार बना लिया उसे

यादगार बना लिया उसे

2 mins
263

तेवीस बरस की उम्र में मुझे केन्द्रीय विद्यालय में मेथ्स टीचर के रूप में नियुक्ति मिली। विद्यार्थी जीवन से सीधे शिक्षक जीवन में प्रवेश किया था। दिसम्बर की छुट्टियाँ बीता कर बच्चे लौटे थे। 1जनवरी को मेरा परिचय स्कूल एसेम्बली मे करवाया गया, नया होने के कारण मुझे पीजीटी टीचर की नियुक्ति के बावजूद माध्यमिक कक्षाएं पढ़ाने का अवसर मिला। हाफ ईयरली एक्जाम की कापियां चेक करने को दी गई। स्टाफ रूम में जब मैं कापियां जांच रहा था तब एक बालिका मेरे पास आई, वह मेरा परिचय पूछने लगी। मैंने उसका परिचय भी जानना चाहा, तो उसने बताया कि उसके माता-पिता दोनों यहीं टीचर हैं। बातों बातों में मैंने गणित विषय में उससे अंग्रेजी में अपनी समस्या भी सुलझा लिया। उसने मुझे थोड़ी देर में ही मेरी जिज्ञासा का समाधान कर दिया। मुझे बाद में पता चला कि वह अपने कक्षा की मेधावी छात्रा है। आया तो मैं यहाँ शिक्षक बनकर लेकिन मैं यहाँ सीख भी रहा था....चार महीने स्कूल में अजनबी मददगार का मैं शुक्रिया भी नहीं कर सका। व्यस्त होने की वजह से मुलाकात कम हुई। मैंने उस पल को यादगार बनाने के लिए अपनी बेटी का नाम उसी के नाम पर रखा। आज तीस बरस बाद भी उसे हर साल याद करता हूं। हाँ.. उस घटना के बाद मैं लोगों की निस्वार्थ मदद करना नहीं भूलता हूँ। 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational