वोट बैंक

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नेताजी आज ग़रीबों की बस्ती में सपरिवार आए थे। वे तकरीबन हर घर के सामने रूकते, घर के मुखिया से राम - रूमाई करते। घर की स्त्रियों से नमस्कार करते एवं बच्चों का हाथ हिलाकर अभिवादन करते। नेताजी को पहली बार झोपड़पट्टी में आया देखकर सारे लोग हैरान थे। लेकिन अपने नेताजी को अपने घर देखकर खुश भी थे।

मोहल्ले के छुट भैये नेता के अलावा अनेक घरों में वे सपरिवार विराजमान हुए,और घर के लोगों के हाल चाल पूछे। नेताजी की मार्डन पत्नी ने कार से लौटते समय सबसे पहले कार के शीशे चढ़ाये, फिर कपड़ों पर परफ्यूम उडे़ला और अपना मेकअप सुधारा। इसके पश्चात् वह बोली - "तुम्हें इन गंदी बस्तियों के बजाय शहरी इलाके के दौरे पर ध्यान देना चाहिए।"

नेताजी मुस्कुराकर बोले - "राजनीति तुम क्या जानो, हमारा वोट बैंक जन्मदिन इन्हीं इलाकों में रहता है।" कार पुन: दूसरी गंदी बस्ती की ओर बढ़ रही थी। 


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