Akash Yadav

Abstract

3.0  

Akash Yadav

Abstract

वक्त अपना हिसाब लिखेगा

वक्त अपना हिसाब लिखेगा

1 min
222



वक्त अपना हिसाब लिखेगा 

मेरे नाम का भी किताब लिखेगा 

मेरे मेहबूब मुझे खत मत लिखना 

मेरे पते पे अब तुझे दूसरा कोई मिलेगा 

मेरे लबो पे प्यास इतना है कि यारों 

कोई समुंदर इस प्यास को बुझा नहीं पायेगा

जलते चिरागो को बुझा दिया आँधियो ने 

इससे न कोई लड़ा है और ना कोई लड़ पायेगा !

 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract