विश्वास
विश्वास
जैसे ही शॉपिंग मॉल के प्रवेश द्वार पर पहुंची एक 12-13 साल का बच्चा मेरे पास आकर किसी दूसरी भाषा में कुछ कहने लगा, मैं समझ नहीं पाई, लेकिन वह शॉपिंग मॉल से कुछ खरीदने के लिए कह रहा था। उसे अंदर लेकर गई और बिस्किट देने की कोशिश की, लेकिन वह मेरा हाथ पकड़ कर दूसरी ओर ले गया, और चकले को हाथ लगाकर कहा "रोटी।" समझ गई कि उसे चकला चाहिए था, अतः मॉल में आए सभी लोगों के लिए अनाउंसमेंट करवाया, कि क्या वे एक बच्चे की मदद के लिए 10-10 रुपये दे सकते हैं। खुशी हुई यह देखकर कि सभी तैयार थे और उससे ज्यादा खुशी तब हुई जब दो लोग सामने आए और कहने लगे हम इस बच्चे के साथ जाकर इसका घर भी देख आते हैं इससे इसकी बातों की पुष्टि भी हो जाएगी।