विश्वास

विश्वास

1 min
351


सीमा को हमेशा से सच्चाई की ताकत पर अटूट विश्वास था पर जब से शादी हुई ये विश्वास हिलने लगा था।

पति कान के कच्चे थे तो सीमा को छोड़ सबकी बातें सच्ची लगती थी उन्हें। सीमा को लगता था जैसे उसके पति कठपुतली हों, जैसे घरवाले चलाते वैसे चल जाते।

कई बार हारी, कई बार सोचा सीमा ने कि वो भी छोड़ दे सच्चाई का रास्ता पर अपने संस्कार छोड़ना कहां आसान होता है सो डटी रही वो भी।

धीरे धीरे जैसे पानी अपने निशान छोड़ता है वैसे ही उसकी सच्चाई सब पर छाप छोड़ने लगी थी। सच्चाई अपना रंग दिखाने लगी थी और सीमा का सच्चाई पर विश्वास फिर अटूट हो गया था।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama