वह रिकशा वाला
वह रिकशा वाला
आज जिस रिक्शे पर बैठे आदतवश बात चीत भी करने लगे। जो की हमें बहुत ही बढ़िया लगता है, साथ मे आप जब तक लोगों का अनुभव नहीं साझा करोगें ,तब तक कहानी का ताना बाना भी नहीं बुन सकते है। धीमे धीमे बुंदा-बादी भी हो रही थी मौसम भी सुहावना था । हमने पूछा भइया कहाँ के रहने वाले हो ? वह बोला मैम जी मथुरा का , अरे अब अपना नाम भी बता दो बोला मैम जी रामदीन। फिर इधर उधर की बात होने लगी , हमने पूछ कितने बाल गोपाल है, जी तीन बेटियॉ है सबकी शादी विवाह कर दिया। फिर अपने से ही बोला एक बेटा भी था पर हनुमान जी के पास चला गया । हम चौंक गये कैसे भइया बोला पडाई कर रहॉ था ,हनुमान जी बहुत पूजा करता था और पूजा करते ही हनुनान जी के पास चला गया । हमारे पास उसको ढ़ाढ़स देने के लिये कुछ ना था । हमने बस यही कह कि शिव को जिसकी जरूरत है ,बुला ही लेते है । उसका और हमारा दोनों का गला भर गया