रामदास
रामदास
रामदास यानि वाकई राम का दास बिना मुँह का मानव। हमारे आपके घर के आसपास रामदास रहते कभी मन लगा कर देखे सोचे माँ पिता कुछ बोले तो जी, वामअंगी कुछ बोले तो जी, बाल गोपाल कुछ बोले तो जी। उसके आगे ना पीछे कुछ नहींं, बचा खुचा समय राम की सेवा में भजन गाना वह भी इतना सुरीला,आप का मन करेगा बस सुनते ही रहे। रोज नवीन रचना, बस वह समय ही रामदास का अपना होता है, पर दुनिया में आंधी तूफान कुछ आये राम का भजन गाना है तो गाना। रामदास एक नामी कलाकार था, रोजी रोटी सभाँलते सभाँलते सब भूल गया था।
एक दिन हमसे मुलाकात हो गयी, हमने पूछा रामदास तुम तो इतना सुंदर गाते थे क्यों छोड़ा? वह बोला जी रियाज नहीं कर पाता हूँ। हमने बस इतना ही कहा भइया तुम हमारे घर आ सकते हो और जब समय मिले रियाज कर सकते हो, बस शुरू रियाज। आज रामदास एक मंजा हुआ कलाकार है, बहुत खुशी होती है किसी मेहनती कलाकार को, देखकर। अगर वाकई में, लगन है तो आप को कोई रोक नहीं सकता मंजिल मिल जाती है।बस घबराना नहीं चाहिये।