बड़ी बहू
बड़ी बहू
बड़ी बहू यानि की एक घर की सबसे बड़े बेटे की बीवी, सबकी भाभी, सास की लाडो बहू। 16 साल की आयु में रूनझुन करके आंगन में उतरी। ननदो की लाडली भाभी, रीना सांवली सी बहू जब आंगन में उतरी, हर कोई वाह वाह कर उठा। ऐसी बहू तो आस पड़ोस तो क्या दूर दराज तक किसी के आंगन में ना उतरी थी। अब वही बहू सबकी आँख की किरकिरी कैसे बन गयी?
दो बेटों की माँ है। वह पति या परिवार के बड़े बेटा तो और बुरा। दारू पीना, मन हुआ तो कमाया नही तो शराब तो कोई भी पिला देगा ही। आज सास देवरों ने मिल कर मारा पीटा। तब से हमारे सामने बै
ठकर रो रही है। सब लोग कहते घर छोड़कर कर जाये। कहाँ जाये और क्यों जाये? पहली बार तो पुलिस की मदद से लड़ाई तो शांत हो गयी। अब कचहरी का दरवाजा ना खटखटाये तो क्या करे, समझ में नहीं आता। बड़ा बेटा कब से बेगाना हो गया, छोटे बेटे अजीज हो गये। यह है उस परिवार की कथा जिस परिवार की लोग तारीफ करते नहीं थकते थे। आज उस परिवार की बुराई करते नहीं थक रह रहे। बहू लाडो, बहू बडी, बहू इतनी बुरी बन गयी। बताये क्यों?, उसने अपने हक के लिये बोलना जो शुरू कर दिया इसलिये। पर अपने हक के लिये तो बोलना ही चाहिये जो ना बोले वह मूर्ख है।