Ankur Singh

Horror

4.5  

Ankur Singh

Horror

वैंपायर

वैंपायर

12 mins
439



अजय पहली बार मुम्बई जा रहा था .. घर वाले ट्रेन तक छोड़ने आये थे .. ट्रेन की सीटी के बजने के साथ जब अपने दूर जाने लगे तब आंखों में छिपी करुणा , स्नेह , लगाव आसुओं के रूप में बाहर आने लगा।अजय ने किसी तरह अपने आंसुओ को पोछा , हाथ हिला कर बाय किया और तब तक उन्हें देखता रहा जब तक वे आंखों से ओझल न हो गए।

अजय अपने गांव मानिकपुर से मुम्बई जा रहा है .. उसको एक गवर्नमेंट कॉलेज में ग्रेजुएशन की पढ़ाई - पढ़ने का मौका मिला था।

अजय पढ़ाई में होशियार तो था ही साथ ही पढ़ने के अलावा खेलकूद में भी अव्वल था।आंखों में विभन्न प्रकार के सपनों को समेटे 14 घंटे बाद मुम्बई की धरती पर अजय ने कदम रखा .. उसे इस बात की कितनी खुशी थी इसका बयान शब्दों में करना मुश्किल था।अजय को मुम्बई अपने सपनों से भी ज्यादा सुंदर और भव्य लग रहा था .. चारों तरफ बड़ी - बड़ी इमारतों को देख कर बार - बार उन्हें देखने का मन कर रहा था पर .. इससे भी ज्यादा जरूरी कोई कार्य था ...

अजय फौरन अपने कॉलेज पहूंंचा .. फीस और डॉक्यूमेंट जमा कर एडमिशन ले लिया .. अब बारी थी हॉस्टल का कमरा मिलने की पर .. हॉस्टल का कमरा डीन की अनुमति के बाद ही मिल सकता है और वे आज आये नही थे।अजय ने मनाने की पूरी कोशिश की यहां उसका कोई रिलेटिव नहीं रहता व्व एक दिन का गुजारा कहाँ और कैसे करेगा .. पर कॉलेज विभाग ने अजय की एक बात न सुनी और जाने को कह दिया/

मरता क्या न करता .. अजय कॉलेज के बाहर आ कर एक पेड़ के नीचे बैठ गया .. बहुत सोचने के बाद इस नतीजे पर पहूंंचा क़ि .. आज की रात वो रेलवे स्टेशन के वेटिंग कम्पार्टमेंट में बिता लेगा और कल उसे हॉस्टल का रूम मिल जाएगा।ऐसा फैसला कर रेलवे स्टेशन जाने को उठा ही था कि उसका फ़ोन बज उठा .. फ़ोन पर नाम पढ़ कर उसे बड़ी खुशी हुई .. कॉल घर से था।

कॉल पर पिताजी थे .. उनको पूरा किस्सा सुना दिया .. मां ने पिता जी से फ़ोन छुड़ा लिया .. मां ने खाने - पीने के बारे में पूछा तो छोटे - भाई - बहनों ने मुम्बई कैसा ये पूछा

सभी सवालों के जवाब देते - देते अजय की आंखे भर आयी और मां से कह बैठा की - उसे बहुत याद आ रही है आप की , आप सभी की .. मां ने तुरंत ही घर आने को कह दिया पर पिताजी ने डपट के कह दिया कि ..

"इतनी दूर हो गए हो तो कुछ बन के आओ अपने मां और बाप का नाम रोशन करों बस तुम्हारा यहीं एक काम बचा है" .. इतने में उसकी बहन बोल पड़ी - "भैया एक काम और भी है .. मुझको परी जैसी एक भाभी चाहिए .. मैंने देखा है टी.वी. पर मुम्बई में बहुत खूबसूरत लड़कियां रहती है".. इससे पहले बहन कुछ पाती पिताजी ने डपट कर उसे शांत किया और अजय को याद दिलाया कि "वो अपना पूरा ध्यान पढ़ाई पर रखे' .. इतना कह कर पिताजी ने फ़ोन रख दिया।धीरे से आंसू पोछ कर मोबाइल जेब में रख लिया और रेलवे स्टेशन जाने के लिए ऑटो खोजने लगा की तभी ...

किसी ने पीछे से आ कर उसके कंधे पे हाथ रख दिया।

अजय ने पलट कर पीछे देखा .. उसी के उम्र का एक अनजान शख्श उसको देख रहा था।बात उसी शख्श ने शुरू की उसने बताया कि

उसका नाम हर्षित है और वो सीनियर है .. और उसने अजय की सारी बातें सुन ली है और अब वो चाहता है कि अजय आज की एक रात उसके साथ बिताए उसके रूम पर ..।पहले तो अजय ने मना किया पर हर्षित के जोर देने पर खुद को रोक नहीं पाया और न चाहते हूंए भी उसके रूम पर जाने को तैयार हो गया।

दोनों ने ऑटो पकड़ी और कुछ ही मिनटों में अपने गंतव्य स्थान पर पहूंंच गए।हर्षित ने किराया दिया और आगे बढ़ कर .. अजय को अपने पीछे आने को कहा -

3 मंजिला इस मकान में सबसे ऊपरी मंजिल पर बने एकलौते कमरे के सामने हर्षित खड़ा हुआ।अजय ने ध्यान से चारों तरफ देखना शुरू किया .. कमरे के सामने खुला हुआ छत .. कमरे के बगल से सीढ़ी बनी हुई है जो कमरे के ऊपर बने एक और छत पर ले जाती है।

इतनी देर में हर्षित ने दरवाजें पर लगे ताले को खोल लिया और दरवाजा खोल कर अजय को अंदर बुलाने लगा / कमरा वैसा ही था जैसा एक नार्मल स्टूडेंट का होता है .. अजय धीरे से चारपाई पर बैठा .. उसकी नजर पूरे कमरे का मुआयना करने लगी .. हर्षित ने अजय को आराम करने के लिए कहा .. चारपाई पे लेटते ही उसे नींद आने लगी।

रात को 9 बजे

हर्षित ने अजय को जगाया .. अजय ने जब अपनी आंखे खुली तो देखा .. हर्षित उसके लिए बाहर से खाना ले आया है .. खाना खाते वक़्त हर्षित ने राज खोला -

हर्षित ने अजय को बताया कि - 'वो चाहता है कि अजय उसके साथ रहे .. वो अकेले रहते रहते थक गया है उसे एक मित्र .. एक साथी की तलाश है'।

अजय ने सोचा कि मना कर दे पर पता नहीं क्यों चाहते हूंए भी मना नहीं कर पाया।हर्षित बहुत खुश हुआ और उसने वादा किया कि यहां उसे कोई प्रॉब्लम नहीं होगी .. बल्कि यहां उसे अपने हॉस्टल से ज्यादा मजा आएगा .. वैसे भी अगले 1 -2 दिन में दोनों लोग गोआ चलेंगे /

अजय ने पहले मना किया पर हर्षित ने ऐसे - वैसे - जैसे - तैसे .. करके अजय को गोआ चलने के लिए मना ही लिया।

2 दिन बाद

अजय के 2 दिन मुम्बई में बड़े आराम से गुजरे .. हर्षित दिन भर उसे शहर घुमाता रहा .. उसका पूरा ख्याल रख रहा था।सुबह दोनों जल्दी उठे उन्हें बस से गोआ जाना था .. किराया और सफर का खर्चा सब हर्षित उठा रहा था .. अजय ने कई बार पैसों के बारे में पूछा - हर बार कोई नहीं कहानी सुना सवाल टाल जाता।उसके मुताबिक वो कई दिनों बाद नया दोस्त बना पाया है .. इसलिए ये सब कर रहा है।अजय और हर्षित बस में बैठ कर गोआ के लिए निकल लिए .. 4-6 घंटे का सफर हो जाता है आराम से .. बस के खराब होने की वजह से टाइम ज्यादा लग गया और करीब 9 घंटे लग गए पहूंंचने में।

तकरीबन शाम ही हो गयी थी .. दोनों एक दोस्त हरीश के रूप पर रात भर रुकने का प्लान था और अगली सुबह घूमने का पर दोस्त उन्हें रात के 9 बजे एक पब में ले गया।

पब में कुछ ही समय बीते होंगे की पब के मालिक पाब्लो ने हरीश को बुला लिया।हरीश थोड़ी देर में दोनों के पास आया और अपने साथ चलने को कहा -

तीनो दोस्त कुछ ही देर में पब के ऊपरी मंजिल पे बने एक कमरे के अंदर पहूंंचे जहां करीब 4 कपल डांस कर रहे थे और उनके सामने बैठा पाब्लो .. हरीश को देखते ही खुश हो जाता है उसे इशारे से अपने पास बुलाता है .. पाब्लो के इशारे पे हरीश .. अपने दोनों दोस्तो के साथ उसके सामने खड़ा हो जाता है।झुक कर सलाम करता है और लड़खड़ाते हूंए कहता है -

- हूंजूर .. ये रहे मुर्गे .. अब मेरे भाई को छोड़ दीजिये

"मुर्गे शब्द सुनते ही अजय और हर्षित दोनों के कान खड़े हो गए .. उन्हें कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि ये सब हो क्या रहा है।

पाब्लो ने ऊपर से नीचे तक हर्षित और अजय को देखा और हल्की हम्म की आवाज़ निकाली .. अपने एक गार्ड को इशारा किया .. पाब्लो के पीछे से एक गार्ड आया उसने दोनों हर्षित और अभय के हाथ - पैर बांध कर एक कुर्सी पर बैठा दिया।

पाब्लो अपनी कुर्सी से उठा .. हर्षित के कान के पास आ कर धीरे से कहा -

- मैं जनता हूं वो तुम ही हो जिसने मेरे घर में चोरी की है .. मुझे मेरा सामान वापस चाहिए।

- कौन सा सामान (हर्षित ने दबी हुई आवाज में कहा )

पाब्लो ने न सुनते ही एक गहरी सांस ली .. तुरंत ही नाचते हूंए कपल की ओर मुखातिब हुआ और खुशी - खुशी अंदाज में कहा -

"डिनर शुरू किया जाए"

पाब्लो के ऐसा कहते ही कपल्स ही एक दूसरे पे टूट पड़े .. किसी कपल में लड़का .. तो किसी कपल में लड़की के अचानक से दो बड़े दांत निकल आये उन्होंने अपने पार्टनर के गर्दन पर काट लिया और गर्दन से बह रहे खून को पीने लगे।वे खून तक ही नहीं रुके अपने पार्टनर के मरने के बाद उसका मांस भी खाने लगे।

हर्षित ने ये सब देखा तो उनके तोते उड़ गए .. उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि उन्होंने क्या देख लिया है .. अभय ने हर्षित को समझाया कि ये पिशाच हो सकते है .. वैसे ही बड़े नाखून .. बड़े दांत और वैसा ही वहशीपन जैसा उसने बचपन में किस्से - कहानियों में सुना था।

कमरे में हो रही चीड़-फाड़ को देख के पाब्लो को बहुत खुशी हुई उसने भी अपने दांत बाहर निकाले और अपना चेहरा हर्षित के पास ले आया और उससे कहा -

- अब बताओ कहाँ है मेरा सामान

- रमेश के पास .. उसी ने हमसे वो वीडियो कैसेट ले लिया था (हर्षित ने एक सांस में सब कह दिया )

- कहा मिलेगा रमेश

- सेंट मारिया रोड पर बाये से तीसरा मकान .. दूसरा मंजिल .. रोड के तरफ का कमरा (हर्षित अब पहले से ज्यादा डरा हुआ था )

पाब्लो ने गार्ड्स को उस पते पर जाने को कहा .. हरीश ने एक बार फिर अपने भाई को छोड़ने की बात की .. पर ये बात सुन कर पाब्लो ने एक तीखी मुस्कान बिखेरी और हरीश को एक गार्ड के साथ एक कमरे में जाने को कहा - उस कमरे में जाते ही .. कुछ ही क्षणों में हरीश की चीखें सुनाई देने लगी .. इस पर पाब्लो बोला -

- आखिरकार हरीश को अपना भाई मिल ही गया।

आधे घंटे के अंतराल के बाद पाब्लो के आदमी .. सीडी ले के आये पर रमेश उन्हें नहीं मिला .. उनके मुताबिक रमेश .. गांव भाग गया है और सीडी वही कमरे में एक खास जगह छुपा गया था पर पाब्लो को कुछ शक होता है और वो अपने आदमियों को दांत दिखाने को कहता है .. जिस पर उसके आदमी मुंह नीचे कर लेते है .. पाब्लो गुस्सा हो अपने पास रखी बंदूक चला देता है और उसका एक आदमी वही गिर जाता है ..

- मुझे यानी पाब्लो को झूठ बोलने वाले लोग बिल्कुल पसंद नहीं।

अजय ने झुक कर उस आदमी के सिर पर लगी गोली को देखा उसका रंग चांदी जैसा था ..

हर्षित ये जान चुका था कि उसका दोस्त रमेश अब नहीं रहा .. पर अब तक वो यहाँ क्यों रुका था ये उसे समझ नहीं आ रहा था।

पाब्लो ने सीडी चला कर चेक की .. ये वही सीडी थी .. जिसमे उनके वैम्पायर होने का राज छुपा था।सीडी से कन्फर्म होने के बाद पाब्लो ने कहा -

- हमारा काम हो गया बेटा .. हमे जो चाहिए था वो मिल गया है।

इतना सुनते ही अजय ने एक झटके में बंधी हुई रस्सी तोड़ डाली।उसके ऐसा करते ही हर्षित की काटो तो खून नही वाला हाल हो गया .. उसे समझ ही नही आ रहा था की हुआ क्या ..

तब पाब्लो ने कहना शुरू किया -

- तुम नहीं समझे हर्षित ये सब 1 महीने पहले शुरू हुआ था जब तुम लोग मेरे घर में घुसे थे .. तुम और तुम्हारे 3 साथी मेरे घर में पैसा चुराने के लिए घुसे थे पर .. तुमसे पहले कोई और घुसा था चोरी के लिए .. उस पर मैंने हमला कर उसका काम तमाम कर दिया परंतु तुम लोगो ने मेरी वीडियो बना ली थी।हमारा राज खुलने का ये सही वक़्त नहीं था।इसलिए मजबूरी में हमे अपने बेटे जैसे लड़के को उसके घर से बुलाना पड़ा।इसकी खोजी प्रवृति ने कुछ ही दिनों में तुम्हे खोज लिया और तुम इसके सम्मोहन जाल में फसकर वो सब कर गए .. जिसकी वजह से आज तुम यहां हो।

इसको देख रहे हो इस अजय के गांव में साल भर पहले एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में गया था वहां इसने मेरी जान एक शेर से बचाई थी पर मुझे बचाते वक़्त ये घायल हो गया।बचने की कोई उम्मीद ने देख मुझे अपना खून इसे देना पड़ा .. तब से ये मेरे साथ है .. मेरे इशारे पे काम करता है।

इस राज के खुलने पर हर्षित को मानों अपने कानों पर यकीन नहीं हुआ।पाब्लो के कहने पर अजय .. हर्षित को मारने जा ही रहा था की तभी उसने .. पाब्लो को धक्का दे कर उसकी बंदूक हथिया ली और धाँय .. की आवाज़ के साथ गोली .. पाब्लो के सीने के पार कर दी।

पाब्लो को मारने की वजह अजय बता पता इससे पहले ही पब में 'बूम' की आवाज के साथ एक बम फटा और दूसरी मंजिल का बेस गड़बड़ा गया।गार्ड्स ने बताया दूसरे पब (मारिया पब)वालों ने हमला कर दिया है .. दोनों के बीच जम कर गोली और बारूद चले इसी मौके का फायदा उठा के हर्षित भागने को हुआ .. हर्षित दूसरी मंजिल के खिड़की से कूद गया और नीचे कूदते ही किसी को 'ठेंगा' दिखा कर ओके का इशारा किया।हर्षित के इशारा करते ही "बूम" की आवाज के साथ बहुत बड़ा धमाका हुआ और पूरा पब धु - धु कर जल उठा।

हर्षित के सामने एक कार आ कर रुकी .. उससे एक फादर और मारिया पब के 2 बाहर निकले।

असल में उस सीडी में क्या था ये बात हर्षित पहले से जानता था और उसे पता था कि अब वो नहीं बचेगा इसलिए उसने चर्च से मदद मांगी।ये सब उसी मदद का हिस्सा था .. फादर ने एक हाथ से इशारा किया और फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी आगे बढ़ी .. उसके नार्मल पानी में हॉली वाटर (पवित्र जल) मिला हुआ था।फादर ने उसे एक टैग दिया वैम्पायर हंटर का और उसे जाने को कहा -

अब फायर ब्रिगेड के जरिये जलते हूंए पब पर पानी डालकर उसे बुझाया जाएगा इस पानी के स्पर्श से वैम्पायर कमजोर हो जाएंगे और फिर क्रॉस और चांदी की गोली और तलवार की मदद से सबको खत्म कर दिया जाएगा।

हर्षित अपने रूम पर पहूंंचा और आराम से सो गया .. सुबह न्यूज़पेपर में पता चला की पब में मरने वाले बहुत थे पर उनमे अजय नहीं था।चर्च के फादर को फ़ोन किया तो पता चला उनका फ़ोन स्विच ऑफ है।

तभी एक मैसेज आया .. फ़ोन पर

"'मैं तुम्हे देख सकता हू तुम्हारी जिंदगी अब मेरे हाथ में है नीचे देखो'

हर्षित ने घबरा कर नीचे देखा तो उसे अजय एक खूबसूरत कार के साथ दिखाई दिया।

समाप्त



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Horror