Toni Yaduvanshi

Abstract

2  

Toni Yaduvanshi

Abstract

उसके जबाब का इंतज़ार

उसके जबाब का इंतज़ार

3 mins
2.9K


उसके जवाब का इंतज़ार तो मुझे आज भी है बस यूं समझिए की उनसे मुलाकात होना बाकी है।

बात कुछ समय पहले की है ।एक दिन मैंने नोटिस किया कि कोई मुझे छुप छुप के देखा करता है।

और मेरा पीछा भी करता है। ये कोई इत्तेफाक था या सच्चाई या मेरे मन की कोई कल्पना

ऐसा भी तो हो सकता था कि शायद मैं ही गलत सोचा रहा हूँये सब पता लगने के लिए ।

एक दिन मैंने उसको नोटिस किया।

आज मैं उससे पहले नही बल्कि बाद मैं आया।मैं तो बताना ही भूल गया। मैं रोज़ सुबह अपने घर से ऑफिस के लिए निकलता हूँ और बहुत जल्दी जल्दी में।क्यों कि बस मुझसे भी जल्दी आ जाती है। क्या करूँ मुझे सोना बहुत पसंद है ।शायद सबको ही होगा। बस इसी वजह से युही रोज़ लेट हो जाता हूं।और शायद वो भी लेकिन ये वो कौन है। ये तो मुझे भी नही पता बस उनको देखा है ।

और वो भी ऐसे ही। वो रोज़ मेरे आने के बाद आती थी।और या तो मेरे पास ,या मुझसे आगे वाली सीट पर बैठ जाती थीऔर बस मुझे देखती थी।

आज मैं उनके बाद आया और देखा कि उनके चेहरे पर मुझे देख के स्माइल आ गई। मैं बैठने के लिए पीछे वाली सीट पर जा ही रह था कि वो बोली यहीं बैठ जाओ। और मैं भी थोड़ी सी स्माइल के साथ वहाँ बैठ गया और बोला थैंक्यू। और फिर मैंने नोटिस किया कि ,बस वो मुझे ही देखी जा रही है । मुझे बड़ा अजीब सा लगने लगा। और लगेगा भी क्यों नही कोई ऐसे आपको एक ही नज़र से देखे तो बस पूछो ना ।मैं समझ गया कि कोई तो बात है। और बस इसी सब मैं मेरा स्टैंड आ गया। आज वो भी मेरे साथ उतर गई। और मेरे पीछे चलने लगी। मैं ये सब समझ ही नही पाया कि ये हो क्या रहा है वो तो मेरे स्टैंड से पहले उत्तरा करती थी पर आज मेरे पीछे, कुछ समझ नही आया। थोड़ी दूर पीछा करते हुए वो मुझसे बोली रुकना जरा और मैं जैसे यही शब्द सुनने के लिए इंतजार कर रहा था। मैं रुक गया और वो मेरे पास आई और बोली "आपकी सरकारी नौकरी है।"

मैं बोला हाँ और वो चली गई ।क्या था ये समझ ही नही आया।

खैर छोड़ो ,मैंने ज्यादा दिमाग नही लगया।पर जो भी था बड़ा अजीब सा था। अगले दिन फिर वो मुझे बस मैं मिली इस बार भी मेरे लिए उनके पास सीट थी । इतनी भरी हुई बस मैं पता नही वो मेरे लिए सीट कैसे और क्यों रखती थी।इस बार मैं बैठा ही नहीं तभी किसी ने इशारा किया बोला कि वो आपको बुला रही है, अरे यार । मुझे फिर से उनके पास बैठना पड़ा। और इस बार मैंने भी फाइनल करने की सोच ली। उन्होंने अपने मोबाइल मैं किसी लड़की का फोटो दिखया।

और बोली " ये मेरी बेटी है ,एम बी ए किया है,बहुत होशियार हैजॉब के लिए ट्राय कर रही है।

मैं ये सोचने लगा कि मुझे क्यों ये सब बात रही है। और मैं कुछ समझ पाता वो बोली आप मुझे अच्छे लगते हो। मैं सोच रही कि आपसे अपनी बेटी कीकास्ट से कोई प्रॉब्लम नहीं आपका घर कहाँ है। "

मैं बोला "आंटी जी मैं पहले से ही शादी शुदा हूँऔर मेरे एक बेटा भी है। फिर भी अगर आप चाहो तो देख लो ।"

बस इतना सुनते ही वो कुछ नही बोली और चुप चाप वहां से चली गई। और फिर कभी मुझे उस बस मैं नही मिलीपर उन्होंने मेरी बात का जबाब नही दिया उसके जबाब का इंतज़ार मुझे आज भी है ।


             


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract