उफ्फ ये वॉट्सएप और फेसबुक
उफ्फ ये वॉट्सएप और फेसबुक
वनिता को अपनी उदास सी सासू मां यानी रोमिला जी पर बहुत प्यार आता था। रोमिला जी थी ही बहुत प्यारी। या तो वो किताबें पढ़ती या फिर घर के काम में वनिता की मदद कर देती। उनका बड़ा मन करता की वनिता से ढेर सारी बातें करे लेकिन वनिता का स्वभाव कम बोलने वाला था।
वनिता को बड़ा दुख होता की मां दुखी हो जाती हैं उसके कम बोलने के कारण पर वो भी क्या करे, स्वभाव बदलना आसान नहीं होता। सो एक दिन बहुत सोच विचार कर वो मां के लिए मोबाइल ले आई और फटाफट उनकी फोटो खींच उनका वॉट्सएप और फेसबुक अकाउंट बना दिया और धीरे धीरे मां को सब सिखा दिया। अब रोमिला जी उदास नहीं रहती थी बल्कि अपना खाली समय आंनद से व्यतीत करती थी।
एक दिन उन्होंने वनिता को एक वीडियो दिखाया जिसमे योगा के फायदे बताए हुए थे। फिर उन्होंने प्यार और जबरदस्ती से वनिता को अपने साथ सुबह योगा जाने के लिए मना लिया। वनिता भी खुश थी कि मां उससे इतना प्यार करती हैं।
पर वनिता को कहां मालूम था कि ये तो बस शुरुआत है। मां को वॉट्सएप, फेसबुक का ऐसा चस्का लगा कि बस पूछो मत। और धीरे धीरे उन्हें इन आभासी गुरुओं की बातें बहुत अच्छी लगने लगी। ये अनदेखे लोग सही बात बताएं या गलत, उन्हें सही ही लगती थी। मां को अब कभी घर का वास्तु गलत लगता था , तो कभी उन्हें लगता था कि घर के खाने पीने के नियम खराब हैं और कभी बर्तन ही बदलवा डालती थी। कभी किसी बीमारी का इलाज उन्हें इन विडियोज या पोस्ट में दिख जाता था तो कभी कुछ। अब तो वो असली डॉक्टर की जगह वॉट्सएप डॉक्टर को ही ज्यादा मानने लग गई थी।
उनकी बताई एक भी चीज सही निकल जाती थी तो वो खुशी खुशी घर में आने वाले सब को बताती थी जैसे कि वनिता की घुटनों में दर्द की समस्या को उन्होंने वॉट्सएप गुरु के निर्देशन में मेथी दाना देकर काफ़ी हद तक ठीक कर दी थी। वनिता शुरू में तो खुश रही पर रोज़ के नियम - कायदे बदलना उसको रास नहीं आ रहा था। वो एक चीज को लेकर घर को सेट करती , इतने में मां नया नियम ले आती। उसने अपने पति से भी बात की लेकिन वो दोनो मिलकर भी मां को समझा नहीं पा रहे थे। अब तो बच्चे भी मां से परेशान रहते थे क्योंकि मां उनको भी अब रोज़ एक नया मैसेज दिखा कर उसपर अमल करने को कहती थी।
घर का माहौल खराब होने लगा था। हर कोई नाराज़ था और वनिता को लगता था कि वो कहीं ऐसे में डिप्रेशन में ना आ जाए। तभी एक बार उसे पीरियड्स जब पांच दिन बाद भी बंद नहीं हुए तो डॉक्टर के पास जाना पड़ा। डॉक्टर ने जब सब जांच की तो पता चला कि गर्मी में ज्यादा मेथी दाना खाने के कारण शरीर के अंदर इतनी गर्मी बढ़ गई जिसकी वज़ह से ब्लीडिंग रुक नहीं रहा। डॉक्टर ने जब मेथी दाना खाने का कारण पूछा तो वनिता ने कुछ नहीं कहा बस सिर झुका लिया लेकिन मां की आंखें भर आई।
जब वो अस्पताल से घर आईं तो मां ने कहा कि तूने मुझे कितना समझाने की कोशिश करी कि इस मुए वॉट्सएप की अंध भक्त नहीं बनो पर मैं नहीं मानी। अब मैं इस की तरफ आगे से देखूंगी भी नहीं। वनिता ने अपनी प्यारी मां को गले लगा लिया और कहा, मां पूरा छोड़ने की जरूरत नहीं है बस ये समझने की जरूरत है कि क्या सही है और क्या गलत। अति तो हर चीज की बुरी होती है। सो आप भी इसे पढ़ो, हंसो, खुश हो जाओ और बस हर चीज खुद पर लागू करने का नहीं सोचो। अति ना हो तो ये वॉट्सएप भी बड़े काम की चीज़ है । मां और वनिता दोनों एक दूसरे के गले लग कर हंस पड़ी।
हम लोग भी जाने अंजाने इस आभासी दुनिया को ही सच मान बैठते हैं और अपनी दुनिया खराब कर लेते हैं। हमें ये समझना होगा कि ये मैसेज लिखने वाले सभी अपने क्षेत्र के एक्सपर्ट नहीं होते सो इनकी हर सलाह पर सोच समझ कर अमल करें।