उल्लू - 003
उल्लू - 003
रमा हेमंत के साथ कमरे में जा चुकी थी और राजेश दोस्तों के साथ व्यस्त था । बियर और विस्की के दौर चल रहे थे । राजेश के कुछ मित्र नशे में झूम रहे थे परंतु अधिकांश अपनी सीमा जानते थे इसीलिए पूर्णतया होश में थे । राजेश को बाथरूम तक जाने की आवश्यकता महसूस हुई और वो अपने एक अन्य मित्र के साथ वाशरूम की तरफ चला गया ।
रमा और हेमंत बंद कमरे से बाहर आने वाले थे तब रमा ने एक बार फिर पलट कर हेमंत को किस किया और फुसफुसा कर याद भी दिलवा दिया कि किसी से जिक्र ना करे ।
किस्मत को शायद कुछ और ही मंज़ूर था | जैसे ही रमा ने दरवाज़ा खोला सामने राजेश और एक अन्य मित्र मौजूद थे जिस वक़्त रमा और हेमंत कमरे में बंद हुए राजेश अन्य मित्रों के साथ पार्टी में व्यस्त था, परन्तु जब रमा बाहर आई तब राजेश बाथरूम की तरफ जा रहा था और वाशरूम का रास्ता उस कमरे के आगे से जाता था जिसमे रमा और हेमंत थे । दुर्भाग्य से जैसे ही रमा ने दरवाजा खोला राजेश और अन्य मित्र सामने थे रमा ने लगभग तुरंत ही अपनी तरफ से निश्चय कर लिया और वो भाग कर राजेश से लिपट गयी और फिर रोते हुए उसने हेमंत के द्वारा की गई जबरदस्ती का किस्सा बयान कर दिया ।
जैसे जैसे राजेश सुन रहा था वैसे वैसे उसका दिमागी संतुलन उसके नियंत्रण से बाहर होता जा रहा था और फिर वो वक़्त भी आ गया जब राजेश गुस्से से पागल होकर हेमंत पर टूट पड़ा और उसके साथ मारपीट आरम्भ कर दी । हेमंत अपने बचाव का प्रयास करते हुए राजेश को समझने का प्रयास कर रहा था परंतु राजेश की खींचतान व्यवस्थित कमरे को ऐसा रूप दे रही थी जैसे कि दो सांडों की लड़ाई के बाद होना चाहिए ।
जिस वक्त राजेश हेमंत के साथ मारपीट में व्यस्त था ठीक उसकी पीठ पीछे रमा अपने कपड़ों के साथ कुछ इस तरह की छेड़ छाड कर रही थी जिससे देखने पर लगे कि ज़बरदस्ती के दौरान फट गए हो ।
अन्य मित्र रमा की स्वयं के कपड़ों से छेड़छाड़ और हेमंत के चेहरे को देख कर समझ गया कि वास्तव में क्या हुआ होगा और उसने राजेश को समझने का प्रयास भी किया परंतु राजेश का रमा पर अँधा विश्वास उसे किसी अन्य थ्योरी के बारे में सोचने से की भी इज़ाज़त नहीं दे रहा था शायद इसीलिए उसने मान लिया की अन्य मित्र या शराब के नशे में बहक रहा है अथवा उनके प्यार से जलन के कारण जानबूझ कर काल्पनिक किस्सा बयान कर रहा है । हालांकि राजेश को भी रमा के फटे कपड़ों के बारे में याद नहीं था परंतु उसके लिए यह महत्वपूर्ण नहीं था ।
शोर शराबा सुन कर कई अन्य मित्र भी आ गए लेकिन तब तक रमा स्टेज तैयार कर चुकी थी और आवश्यक मेकअप भी हो चुका था नतीजा सभी मित्रों ने मिलकर हेमंत के साथ मारपीट और गालीगलौच शुरू कर दी । संभव है कुछ अन्य मित्रों ने रमा को स्टेज के लिए तैयार होते देख लिया हो परंतु इतना सोचने की फुरसत किसके पास थी इस वक़्त उनका पूरा ध्यान एक वहशी दरिंदे को सबक सिखाने पर केंद्रित था
और राजेश उसके लिए तो रमा के शब्द ही आखिरी सत्य थे ।
