उजड़ा हुआ दयार.. श्रृंखला (20)
उजड़ा हुआ दयार.. श्रृंखला (20)
कई बार ऐसा होता है कि हम उन लोगों के साथ प्यार में पड़ जाते हैं जो हमारे लिए सही नहीं होते हैं। जबसे मोबाइल आया है प्यार , सेक्स, ब्लैकमेलिंग, इकरार और तकरार के अनेक आयाम हो गये हैं। मोबाइल भी अगर सिर्फ बात करने तक ही सीमित रहता तो ग़नीमत थी...यहां तो युवा दीवानगी उसके लाइव कैमरे पर चैटिंग करते करते निर्वस्त्र तक हो जा रहे हैं। इस के बाद डेटिंग और फिर वैध ,अवैध, परमानेंट या टेम्परेरी रिलेशनशिप की बारी आ जाती है। उसी में अगर कुछ गड़बड़ी हुई तो एबार्शन। और हां..ब्लैकमेलिंग की भी भरपूर। लेकिन कई बार ये प्यार आपको कई तरह से परेशान कर जाता है और ये तब खासकर होता है जब आप किसी शादीशुदा इंसान के प्यार में पड़ते हैं।
मीरा अच्छी तरह जानती थी कि किसी शादीशुदा इंसान के साथ प्यार में पड़कर वह बहुत बड़ी गलती कर रही है लेकिन उस समय उसे यह निर्णय सही लग रहा था ।
मीरा सोच रही थी कि बदलते ज़माने के दौर में बहुत कुछ बदला है....जीने के नज़रिए में बदलाव आया है। आज लड़कियां न केवल शादीशुदा पुरुष को प्यार के क़ाबिल समझ रही हैं, बल्कि समाज भी ऐसे संबंधों पर एतराज़ करता नज़र नहीं आ रहा है। समाज और जीवन के ये फलसफे यूं ही नहीं बदल गए. इनके लिए देश–दुनिया में हो रहे तमाम परिवर्तन ज़िम्मेदार हैं। शादीशुदा पुरुष के प्रति लड़की के झुकाव, लगाव और प्यार की सबसे बड़ी वजह उसके कैरियर की सीढ़ियां चढ़ने की चाहत भी प्यार का चोला पहनकर आती है.... मीरा के केस में तो ख़ासकर।
इस प्रकार दिल के टूटने, जुड़ने और बिखरने की पृष्ठभूमि तैयार थी। मीरा का दिल श्रीवास्तव से और पुष्पा का उस वीडियो ग्राफर राबर्ट से और समीर..? समीर ही तो वह पात्र है जिसका दिल तो टूटना ही है उसका नीड़ भी बिखरना है? क्या वह ऐसा रोकने की कोशिश नहीं करेगा? इस सवाल को उछलने दीजिये.. आइये पुष्पा की ज़िन्दगी में चुपके से प्रवेश करने वाले इस प्रसंग को देखा जाये!
पुष्पा के जीवन में प्रवेश करने वाला वीडियो ग्राफर किसी दौर होमो सेक्सुअल था इस बात की जानकारी पुष्पा को नहीं थी। हालांकि अंतरंगता के दौरान उसके पार्टनर राबर्ट का उसके साथ व्यवहार कभी - कभी अजीब हो जाना उसने महसूस किया था।
कहा जाता है बुरी आदतें देर सबेर अपना पहचान छोड़ जाती हैं। राबर्ट की इसी बुरी आदत ने पुष्पा और उसे दोनों को संकट में डाल दिया। उसको मंकी पाक्स नामक एक नई बीमारी हो गई। मंकी पॉक्स 1970 में पहली बार एक बंदर में पाया गया था, जिसके बाद यह 10 अफ्रीकी देशों में फैल गया था। मंकी पॉक्स बीमारी एक ऐसे वायरस के कारण होती है, जो स्मॉल पॉक्स यानी चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य है। मंकी पॉक्स 1970 में पहली बार एक बंदर में पाया गया था, जिसके बाद यह 10 अफ्रीकी देशों में फैल गया था। 2003 में पहली बार अमेरिका में इसके मामले सामने आए थे। 2017 में नाइजीरिया में मंकी पॉक्स का सबसे बड़ा आउटब्रेक हुआ था, जिसके 75% मरीज पुरुष थे। ब्रिटेन में इसके मामले पहली बार 2018 में सामने आए थे। एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह बीमारी दुर्लभ जरूर है, लेकिन गंभीर भी साबित हो सकती है। फिलहाल मंकी पॉक्स ज्यादातर मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों के कुछ इलाकों में पाया जाता है। इसी साल की शुरुआत में ब्रिटेन में मिला पहला मरीज नाइजीरिया से ही लौटा था। मरीज 7 से 21 दिन तक मंकी पॉक्स से जूझ सकता है।एक्सपर्ट्स का मानना है कि मंकी पॉक्स संक्रमित व्यक्ति के करीब जाने से फैलता है। यह वायरस मरीज के घाव से निकलकर आंख, नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। यह संक्रमित बंदर, कुत्ते और गिलहरी जैसे जानवरों या मरीज के संपर्क में आए बिस्तर और कपड़ों से भी फैल सकता है। मरीज 7 से 21 दिन तक मंकी पॉक्स से जूझ सकता है। इस बीमारी का समलैंगिक पुरुषों को संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। वैसे बहुत पहले ही यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी ने मंकी पॉक्स को लेकर समलैंगिक पुरुषों को आगाह कर दिया था ।
क्या राबर्ट इस मुश्किल से उबर पाएगा? क्या पुष्पा एक बार फिर अपना पार्टनर बदल देगी?
(क्रमशः)

