तुम पसंद हो
तुम पसंद हो
सलोना सा रूप तुम्हारा
बोली मीठी जैसे छंद हो,
जैसे हो तुम वैसे ही रहना
मुझे तुम ऐसे ही पसंद हो,
ना बनावट ना दिखावा
अपनी सोच से स्वतंत्र हो
जैसे हो तुम वैसे ही रहना
मुझे तुम ऐसे ही पसंद हो
जीवन के दुरूह पथ पर
तुम्हारा मेरा साथ अनंत हो
जैसे हो तुम ऐसे ही रहना
मुझे तुम ऐसे ही पसंद हो
ऐसे निश्छल ऐसे निर्मल
सच बताओ साधु या संत हो
जैसे हो तुम ऐसे ही रहना
मुझे तुम ऐसे ही पसंद हो !