Vikas Wings

Romance

4  

Vikas Wings

Romance

ट्यूशन वाला प्यार (भाग-1)

ट्यूशन वाला प्यार (भाग-1)

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अब अगर मैं आपसे सवाल करूँ कि क्या आप कभी टयूशन गए है ? तो आपका जबाव होगा कि हां मैं कक्षा 10वीं में था तब गया था, या कई लोग कहेंगे कि मैं कक्षा 12 वी में तब भौतिकी के लिए टयूशन जाता था। एक बात तो पक्की है कि हम सब कभी न कभी, किसी न किसी कक्षा में टयूशन गए है। लेकिन आज के समय में एक नई प्रथा चल गई है वो है सरकारी नौकरी के लिए टयूशन जाना और मुझे वहीं मेरे पहले प्रेम का अनुभव हुआ। मुझे याद है, उसकी हंसी पर जान टूटता करता था मैं, और अगर गलती से बारिश में भीग जाए तो मानो ऐसा लगता था, जैसे आसमा से कोई परी उतर के आई हो। मैं बस उसी को ताकता रहता था, मेरे दिल, धड़कन, शरीर के अंग में उसके लिए प्यार बसा था।

मैं आपको अगर कम शब्दों में अपना प्रेम अनुभव बताऊं तो, मैं यही कहूंगा कि – 

“बारिश आने से जो पेड़ हरे पत्तों से भर गया था,

 उस पेड़ के सारे पत्ते, पतझड़ के मौसम में झड़ गए।”

काफी लोगों को समझ नहीं आया होगा, तो उनके लिए एक ऐसी ही कहानी जो गोलू और सिम्मी की, जो ट्यूशन में शुरू हुई थी। इस कहानी में कई उतार चढ़ाव आए और अंत में.....अंत में क्या हुआ इसके लिए तो कहानी पूरी पढ़नी पड़ेगी !

ट्यूशन वाला प्यार

इस कहानी का मुख्य पात्र गोलू एक बहुत ही सरल स्वभाव का लड़का था, रंग सांवला भाले था उसका लेकिन दिल का एक दम साफ़ था। पढ़ने में बहुत ज्यादा अच्छा भी नहीं था और न बहुत ज्यादा खराब, लेकिन कभी क्लास का सबसे ज्यादा तो कभी सबसे कम अंक के कारण चर्चा में बना रहता था।

इस कहानी का हमारा दूसरा मुख्य किरदार है सिम्मी का, सिम्मी भी पढ़ने में गोलू की तरह ही है, लेकिन गोलू को गणित में रुचि है, जब कि सिम्मी को गणित में बिलकुल रुचि नहीं है।

गोलू ने कक्षा 12वी के बाद इंजीनियरिंग करने का फैसला किया और एक कॉलेज में प्रवेश भी करा लिया, लेकिन कुछ समस्याएं थी जो प्रवेश करते ही शुरू हो गई थी और वो समस्या इतनी बढ़ गई कि उसे जनवरी 2019 में इंजीनियरिंग छोड़नी पड़ी।

गोलू जब भी बाकी लोगों को देखता था कि वो कोई कोर्स अधूरा छोड़ के जा रहे हैं तो वह उनसे हमेशा कहता था कि “कोई भी समस्या इतनी बड़ी नहीं होती कि उसकी वजह हम अपने आप में बदलाव कर ले।” जब गोलू ने कॉलेज छोड़ा तो यही बात उसे अंदर से खाए जा रही थी। गोलू जनवरी से लेकर मार्च तक एक ही कमरे में रहा था, कभी-कभी मरने का ख्याल आता था, तो कभी घर से भाग जाने को मन करता था। लेकिन किसी तरह इस द्वारान गोलू ने अपने आप को खुद से जोड़े रखा।

गोलू ने कॉलेज छोड़ने के बाद घर ही बैठा था तो घर वालों ने उससे कहा कि अब इंजीनियरिंग छोड़ दी तो सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर लो। गोलू ने 12 वीं में था, तब भी वह रेलवे की एक परीक्षा दे चुका था, जिसमें उसके 53 अंक आए थे और कट ऑफ 65 अंक था। उसने भी सोचा कि एक बार मेहनत करता हूं और सरकारी नौकरी लग जायेगी तो जिंदगी भर कुछ करने की जरूरत नहीं हैं। सरकारी नौकरी पाने के लिए परीक्षा की तैयारी करना शुरू कर दिया। गोलू को लगा कि अगर वह कोई ट्यूशन जाने लगेगा तो तैयारी आसान हो जाएगी। गोलू ने 3 अप्रैल को एक ट्यूशन ज्वॉइन की। 

टयूशन ज्वॉइन करने के बाद कक्षाएं ठीक-ठाक चल रही थी लेकिन उसकी पढ़ने कोई रुचि नहीं आ रही थी क्योंकि टयूशन में सभी की उम्र गोलू की उम्र से ज्यादा थी। लगभग 85 प्रतिशत विद्यार्थी अपनी ग्रेजुशन पूरी करके सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे थे और एक वह था जिसने कुछ ही पहले समय 12 वीं की थी और उसके एक साल बाद ट्यूशन ज्वॉइन कर ली।

अगर सच कहूं तो गोलू का बिलकुल भी मन नहीं लग रहा था। गोलू सोचने लगा था कि “मैंने इतनी जल्दी टयूशन ज्वॉइन करके गलती की, मुझे अभी नहीं करना था, मैं यहां से भी भागने वाला हूं।” लेकिन उसी समय गोलू के बुआ के लड़के की शादी थी तो उसने सोचा शादी में चलते है, थोड़ा एंजॉय करेंगे फिर आके टयूशन देखते है। 

बुआ के लड़के शादी 12 अप्रैल को थी। गोलू ने परिवार के लोगों के साथ और अपने भाई बहन के साथ खूब मस्ती की और 13 अप्रैल को वापस घर आ गया। 

15 अप्रैल, गोलू ट्यूशन गया तो कुछ नया नहीं लगा सब वैसे का वैसे ही था, दीदी भैया कह-कहकर ट्यूशन का पूरा समय निकल जाता था और वो सब काफी समय से ट्यूशन में थे तो गोलू से ज्यादा होशियार थे तो गोलू को खुद पर गुस्सा आता था कि मुझे कुछ नहीं आता है यह लोग कितना पड़ते है। 

कुछ दिनों बाद गोलू को उसी माहौल की आदत हो गई। उसके लिए वह घर सा हो गया था। रविवार को भी जाने का मन करने लगा था।

अब आप सोच रहे होंगे कि गोलू को पक्का किसी लड़की से इश्क हो गया होगा तो आप गलत है जिससे गोलू को इश्क हुआ वह तो अभी तक ट्यूशन आई ही नहीं थी पर हां उसे इश्क़ ट्यूशन के उस माहौल से जरूर हो गया था। 

27 अप्रैल को एक लड़के ने ट्यूशन ज्वॉइन की जिसका नाम ओम था। कुछ ही दिन में गोलू और ओम में अच्छी दोस्ती हो गई क्योंकि ओम ने भी अभी 12 वीं की परीक्षा दी थी और उसके बाद ही ट्यूशन ज्वॉइन की थी।

ओम के बाद 1 मई को एक चंदन नाम के लड़के ने ट्यूशन ज्वॉइन की, चंदन इंजीनियरिंग कर रहा था और उसी कॉलेज से जहां से गोलू ने इंजीनियरिंग छोड़ी थी। गोलू को समझ नहीं आ रहा था कि यह इंजीनियरिंग करने के बाद भी सरकारी नौकरी परीक्षा के लिए तैयारी क्यों कर रहा है। शुरुआत में वह गोलू को पागल लगा क्योंकि वह सोचता था कि अगर इसको सरकारी नौकरी ही करनी थी तो यह इंजीनियरिंग क्यों कर रहा है पर जब उसने अपनी कहानी बताई तो गोलू को समझ आ गया था और चंदन भी गोलू का अच्छा दोस्त बन गया था।

2 मई को एक लड़की ने ट्यूशन ज्वॉइन की जिसका नाम तनिस्का था। यह फैंकने में बहुत आगे थी। ये इतनी लंबी-लंबी फेंकती थी कि कोई भी इंसान आसानी से समझ सकता था और जूठ तो ऐसे बोलती थी कि सुनके लगता था हजारों साल से बस जूठ ही बोलती आ रही है।

इसके आने के बाद हमारा समूह 4 लोगों का हो गया था और अब ट्यूशन में सब ठीक चल रहा था क्योंकि टयूशन में अब गोलू के दोस्त बन गए थे, जो लगभग गोलू की ही उम्र के थे। 

13 मई को 2 और लड़कियों ने ट्यूशन ज्वॉइन की जिनमें से एक ज्यादा सुंदर थी उसका नाम था मुस्कान और दूसरी भी सुंदर थी पर पहली वाली से थोड़ी कम, मगर उसकी मुस्कान, मुस्कान से ज्यादा अच्छी थी और उसका नाम सिम्मी था। 

( यह एक वास्तविक कहानी हैं, मैंने काफी सोचा कि सबके वास्तविक नाम ही इस कहानी के लूं, लेकिन अंतः मैंने सब के परिवर्तित नाम को ठीक समझा।)

उन दोनों के ट्यूशन ज्वॉइन करते है ही गोलू, चंदन और ओम की तो लॉटरी लग गई थी, क्योंकि इससे पहले सभी लड़कियां उनसे बड़ी थी, सब को दीदी दीदी कहकर बुलाते थे, लेकिन अब उनकी उम्र की लड़कियां आई थी तो तीनों में अलग ही खुशी का माहौल था। गोलू ने तो उन दोनों से कह ही दिया “देखो भाई मुस्कान को देख कर सब मुस्कुराना, लेकिन सिम्मी की ओर किसी ने देखा तो फिर कभी मुस्कुरा नहीं पाओगे।”

उनका 4 लोगों का समूह पहले ही बन चुका था और उसके बाद उन दोनों ने ट्यूशन ज्वॉइन की। कुछ दिन बाद वो भी हमारे ही समूह में शामिल हो गई और फिर उन सब ने एक व्हाट्सएप समूह बनाया जिसके एडमिन गोलू और तनिस्का थी। 

तनिस्का की उम्र गोलू से ज्यादा थी तो वह उसे भी दीदी कह कर बुलाता था। व्हाट्सएप समूह में सभी लड़कों को गोलू ने( चंदन और ओम को) और तनिस्का ने लड़कियों (मुस्कान और सिम्मी) को जोड़ा।

अब आप सोच रहे होंगे कि वे सब तो एक ही समूह में थे तो उनके मोबाइल नंबर भी एक दूसरे के पास नही थे ? मैं आपको बता दूं कि गोलू इतना शर्मिला अंदाज का था कि सिम्मी चुप हो जाता था, वो तीनों लड़कियों में सिर्फ तनिस्का से बात करता था, क्योंकि उसे भी दीदी बोलता था। गोलू बस सब से पीछे वाली कुर्सी पर बैठ कर उसको देखता रहता था। उसके आने के बाद गोलू का ध्यान पढ़ाई पर कम और सिम्मी पर ज्यादा रहता था। लेकिन गोलू ने अभी तक सिम्मी से एक शब्द भी नहीं कहा था। एक दिन सिम्मी, तनिस्का से कहती है “यह मुझे पागल लगता है बस देखता रहता है और मुस्कुराता रहता है, ना कभी कुछ बोलता है।“

यह बात तनिस्का ने गोलू को बताई कि सिम्मी बोल रही थी, “ये लड़का मुझे पागल लगता हैं। 

गोलू ने कहा क्यों मैंने सा उसे काट खाया जो में उसे पागल लगता हूं।

तनिस्का – तू उसे देखकर मुस्कुराता क्यों हैं ? कुछ है तो नहीं तेरे मन में उसके लिए ?

गोलू थोड़ा सा हिचकिचाते हुए कहता है, “मेरे मन में कुछ नहीं है, लेकिन मुझे उसकी मुस्कान अच्छी लगती हैं.., अच्छी नहीं, बहुत अच्छी !

तनिस्का – तो मुस्कान को देखकर मुस्कुरा ना, उसे देखकर क्यों मुस्कुरा रहा है।

गोलू – “अरे मेरी मां, सिम्मी की दोस्त मुस्कान की बात नहीं कर रहा हूं यार, सिम्मी की मुस्कान की बात कर रहा हूं। सिम्मी की स्माइल, अब समझ गई ?”

तनिस्का सुनते ही हंसने लगी और कहती है, “बस उसकी स्माइल अच्छी लगती है कि पूरी की पूरी सिम्मी ही अच्छी लगती है। 

गोलू - “अभी तो बस उसकी स्माइल अच्छी लगती है।”

तनिस्का – “मतलब कुछ दिन बाद वो भी अच्छी लगने लगेगी।”

गोलू – “अरे नहीं ऐसा कभी नहीं होगा।”

तनिस्का – क्यों ?

गोलू – “वो कहां गोरी चिटी, मैं कहां काला कलूटा।”

तनिस्का – पहली बात, तू काला नहीं हैं और दूसरी चॉकलेटी लड़के लड़कियों को बहुत पसंद आते है।“

गोलू हंसने लगा और कहने लगा, “अच्छा मजाक हैं।“

इसके बाद दोनों घर चले गए।

उस दिन के बाद सिम्मी लगातार 3 दिन ट्यूशन नहीं आई। गोलू को लगा कि पता नहीं सिम्मी ट्यूशन क्यों नहीं आई ? कहीं ट्यूशन छोड़ के तो नहीं चली गई। 

गोलू ने व्हाट्सएप समूह से सिम्मी का नंबर निकला और उसको मैसेज किया कि तुम ट्यूशन क्यों नहीं आ रही हो।

गोलू ने वो मैसेज उसे रात के 9 बजकर 43 मिनट पर किया था।

लेकिन मैसेज करने से पहले गोलू ने अपना सबसे अच्छा फोटो प्रोफाइल पर लगा दिया वो अलग बात है कि उसने गोलू को वास्तव में भी देखा था और वह पहले ही तनिस्का को बता चुकी थी, यह लड़का उसे पागल लगता है।

गोलू ने मैसेज तो कर दिया लेकिन अब रिप्लाई के इंतजार के उसको रात के ढाई बजे तक नींद नहीं आई कि ना जाने कब मैसेज का जवाब दे दें, लेकिन उस दिन सिम्मी ने गोलू के मैसेज का जवाब नहीं दिया।

गोलू अगली सुबह उठा और सबसे पहले मोबाइल उठाकर देखा कि उसका मैसेज आया होगा, लेकिन दूसरे दिन सुबह के 9 बज गए लेकिन गोलू के मैसेज का रिप्लाई नहीं आया। गोलू की सारी उम्मीदें खत्म हो गई थी।

लेकिन अंतः 10 बजकर 3 मिनट सिम्मी का मैसेज आया कि मेरी तबियत खराब हो गई थी और कल मेरी बुआ आई थी तो मैं ट्यूशन नहीं पाई।

मैसेज क्या लिखा है इससे ज्यादा गोलू को इस बात की खुशी थी कि उसका मैसेज आया। गोलू ने सिर्फ ओके कहकर लगभग बात खत्म कर ही दी। लेकिन उसने कहा कि तुम्हारा नाम क्या है। एक मिनट के लिए गोलू ने अपना मोबाइल साइड में रखा क्योंकि पहले तो मुझे हंसी आई कि इसको पता है मैं इसको देखकर मुस्कुराता हूं, लेकिन इसको मेरा नाम पता नहीं हैं और फिर खुद पर शर्म आ रही थी उसे क्योंकि ट्यूशन में ऐसा कोई भी नहीं था जो गोलू को नहीं जानता हो। क्योंकि ट्यूशन में सभी को गोलू का नाम पता था। गोलू ने जबाव दिया “क्लास में हमेशा जिसकी लास्ट बैंच से आवाज आती है, वही हूं मैं।” 

सिम्मी का रिप्लाई आया, “गोलू हो तुम !”

गोलू ने कहा “हां, मैं ही गोलू हूं।“

फिर सिम्मी कहती है, “तुम्हारी शक्ल भी याद है, नाम भी याद था पर पता नहीं था कि तुम ही गोलू हो।”

गोलू – “जब तुमने कहा कि तुम्हारा नाम क्या है, तो मुझे खुद पर शर्म आ रही थी कि ऐसा कैसे हो सकता है कि ट्यूशन में कोई मेरा नाम नहीं जानता हो।”

सिम्मी – “अरे मुझे पता था कि एक लड़का है, जो क्लास में बहुत ज्यादा बोलता है, लेकिन तुम मेरे सामने कभी कुछ बोलते ही नहीं हो हमेशा चुप रहते हो तो मुझे पता नहीं था कि वह ज्यादा बोलने वाले तुम ही हो और तुम्हारा नाम ही गोलू है।” 

गोलू - अब तो पता चल गया न कि मैं ही गोलू हूं।

सिम्मी – जी !

गोलू की एक बुरी आदत थी कि वह क्लास के समय किसी से भी ज्यादा बात नहीं करता था बस हमेशा पीछे से सबसे पहले सारे जबाव बता दिया करता था, तो इस वजह से सब गोलू को जानते थे। लेकिन वह आदत गोलू को हमेशा अच्छी लगती थी पर आज उसे बुरी लग रही थी और गोलू ने उससे ओके कहा और बात खत्म की तो उसने भी बाय कहा और कहा की ट्यूशन में मिलते है। गोलू ने सिर्फ “ओके” ही कहा।

अब आप समझ सकते है कि गोलू इस समय जमीन पर रहा होऊंगा कि नहीं।

गोलू ने जल्दी-जल्दी अपने सारे काम खत्म किए। सच कहूं तो उसके पास गणित के सवाल हल करने और भारतीय रिजर्व बैंक का इतिहास पढ़ने के आलावा कोई काम नहीं था, क्योंकि आज ट्यूशन में यही पढ़ने वाले थे और वह पहले से ही पढ़कर जाता था जिससे सबसे पहले उत्तर दे सके।

गोलू की ट्यूशन 3 बजे से थी पर उस दिन वह 2 बजकर 27 मिनट पर ही ट्यूशन पहुंच गया, क्योंकि अगर वो समय से पहले आ गई तो थोड़ी बहुत बात कर लेगा, लेकिन मैं आपको बता दूं वो समय से पहले आ जायेगी तब भी इसके मुंह से एक शब्द नहीं मिलेगा। गोलू की सारी मेहनत पर पानी फिर क्योंकि सिम्मी 5 लेट ट्यूशन पहुंची। 

सिम्मी लेट पहुंची उस समय क्लास चल रही थी और ऐसा पहली बार हो रहा था कि कोई गोलू को मुड़-मुड़ देख रहा हो, वो भी इस वजह से नहीं की वह सबसे पहले उत्तर दे रहा हो।

उस समय गोलू सातवें आसमान पर था। खुशी के मारे गुब्बारा सा फूल गया था और पता नहीं क्यों उसे शर्म आने लगी।

गोलू घर से जल्दी क्यों आया था कि वो थोड़ी बहुत सिम्मी से बात करेगा लेकिन यह उसके मुड़ के देखने में ही शर्म के मारे लाल हो गए। जैसे ही ट्यूशन का समय खत्म हुआ, गोलू तुरंत ट्यूशन से निकाला और अपने बस स्टॉप पर पहुंच गया सिम्मी ने जब गोलू को क्लास मैं देखा तो वह वहां नहीं था। सिम्मी भी अपनी स्कूटी से घर चली गई। 

सिम्मी ने घर पहुंचकर ही गोलू को मैसेज किया “तुम ट्यूशन से इतनी जल्दी क्यों आ गए थे !” 

गोलू ने जबाव दिया, “मैंने पहले कभी लड़कियों से बात नहीं की, मुझे शर्म आती हैं और अगर मैं वहां रुकता तो तुम पक्का सब के सामने मेरे से बात करती और मैं उस परिस्थिति में खुद को बहुत ज्यादा असहज महसूस करता।” तो सिम्मी कहने लगी “तुम पागल हो लड़की से बात करने में कैसी शर्म ?” 

गोलू – “मैं बॉयज स्कूल से पढ़ा हूं।”

सिम्मी – “ओह तुम्हारी जिंदगी में तो लड़कियों से दूर दूर तक तुम्हारा संबंध नहीं रहा होगा ? लेकिन कोई नहीं मुझसे बात करना फिर शर्म नहीं आया करेगी।“

अगले दिन गोलू फिर ट्यूशन गया और उस दिन गोलू लेट गया था क्योंकि गोलू बात नहीं कर सकता था। उस दिन भी उन दोनों के बीच बात नहीं हुई बस वो दोनों व्हाट्सएप पर बातें कर रहे थे। तो रात में जब सिम्मी का मैसेज आया तो उसने गोलू से कहा, “कब तक भागोगे ?” गोलू ने कहा “शायद उम्रभर।”

सिम्मी कहती है, “बस कल तक और !”

और फिर गोलू ने कम से कम 15 से 20 मैसेज किए लेकिन उसने जवाब नहीं दिया और दूसरी सुबह बस सिम्मी ने इतना कहा “आज आयो ट्यूशन, तुम्हारी सारी शर्म निकलती हूं।”

गोलू ने उस दिन तय कर लिया कि आज तो ट्यूशन जाऊंगा ही नहीं चाहे कुछ भी हो। लेकिन गोलू को ट्यूशन मजबूरी में जाना पड़ा क्योंकि दीदी ने धमकी दे दी कि वो पापा को कॉल करके कह देंगी की अब ये रोज ट्यूशन भी नहीं जा रहा है, क्योंकि वह इंजीनियरिंग कॉलेज भी प्रतिदिन नहीं जाता था।

 उस दिन गोलू को न चाहते हुए भी ट्यूशन जाना पड़ा लेकिन वह थोड़ा सा देरी से ट्यूशन पहुंचा, हेमंत सर ने गणित पढ़ना शुरू भी कर दिया था। मैं धीरे धीरे से दरवाजा खोलकर पीछे ही बैठे गया। काफी देर तक जब हेमंत सर को मेरी आवाज नहीं सुनाई दी तो पीछे मुड़कर पूछा “आज गोलू नहीं आया क्या ? हेमंत सर पीछे देखा तो गोलू क्लास में ही बैठा था तो सर ने पूछा गोलू क्या हुआ, तबियत तो ठीक है ना ? तो गोलू ने जबाव दिया, “सर मैं ठीक हूं।” 

 हेमंत सर – तो फिर आज तुम्हारे जबाव क्यों नहीं आ रहें है।

गोलू – “सर पता नहीं क्यों शायद मैं प्रतिशत निकलना भूल गया हूं।” 

हेमंत सर ने हंसते हुए कहा, “अगर भूल गए हो तो आज फिर से सीख लो।” 

गोलू ने कहा, “जी सर।”

सर की क्लास खत्म हुई और निशा मैडम आज कुछ वजह से अर्थशास्त्र की क्लास लेने लेट आई और उतनी देर में गोलू की क्या हालत हुई होगी आप सोच सकते हैं क्योंकि उस बीच सिम्मी गोलू के पास गई थी।

हेमंत सर की क्लास जैसे ही खत्म हुई, वैसे ही सिम्मी गोलू के पास चली गई और गोलू से कहती, “भाई तुझे समस्या क्या है लड़कियों से बात करने में ! सॉरी गलती से भाई निकल गया था।”

गोलू कहता है, “भाई बोल देती तो शायद मुझे बात करने में इतनी समस्या नहीं होगी, जितनी अभी हो रही हैं।“

सिम्मी – “लेकिन मैं भाई नहीं बोल सकती।” 

गोलू – ”देख ज्यादा मत सोचना बस मैं बॉयज स्कूल से पढ़ा हूं, तो मेरा तो दूर दूर तक लड़कियों से वास्ता नहीं रहा हैं, इसलिए मैं तेरे बात करने में असहत महसूस करता हूं।”

सिम्मी – “सच में यही वजह हैं ?”

गोलू – “शायद तेरी स्माइल भी एक और वजह हैं।“

सिम्मी कहती है, “तेरे पहले भी कई लोगों ने मुझसे यही कहा है कि मेरी स्माइल की वजह से उन्हें मुझसे बात करने में समस्या होती है।”

 गोलू – “तेरी स्माइल बहुत ज्यादा प्यारी है।” 

सिम्मी – “धन्यवाद” पर तेरी स्माइल भी अच्छी है।

गोलू – हां ! लेकिन स्माइल का क्या अचार डालूंगा।

वो कुछ कहती इससे पहले ही निशा मेम आ गई।

एक चीज अपने नोटिस की ? शायद अपने नहीं की होगी, पहली बात चीत के दौरान ही दोनों एक दूसरे को तू कर के बात करने लगे थे।

ट्यूशन खत्म हुई और जाते समय पहली बार कोई लड़की गोलू को बाय (bye) बोल कर रही थी तो गोलू तो खुशी से झूम उठा और बस(bus) में ट्यूशन से घर तक बस एक ही गाना सुनाई दे रहा था “एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा।” 

घर पहुंचा, पढ़ाई की फिर खाना खाया और थोड़ी देर टीवी देखी तो 8 बजे गए और उतने में सिम्मी का मैसेज गया “आज तो शर्म नहीं आई तुम्हें ?”

गोलू – आई तो थी पर तुम नहीं देख पाई।

सिम्मी – मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूं।

इतना सुनकर ही गोलू को तो लग रहा था कि उसकी लॉटरी लगाने वाली है, आज तो लड़की खुद कहने वाली की वो मुझसे प्यार करती है। मतलब भाईसाहब 2 मिनट के लिए गोलू पृथ्वी पर नहीं था लेकिन जब सिम्मी ने गोलू से कहा “मुझे ट्यूशन में कुछ समझ नहीं आ रहा है और मैं सोच रही हूं कि कोई और टयूशन देख लूं।”

गोलू जो 2 मिनट पहले पृथ्वी से सीधा चांद पर पहुंच गया था, वह 2 सेकंड में वापस धरती पर आ गिरा।

गोलू कहता है, “क्यों जा रही हों ? सब अच्छा तो पढ़ते है मुझे तो सब समझ आ रहा है। अच्छी ट्यूशन है।” 

गोलू ने उसको बोलने का तक का मौका नहीं दिया और टयूशन छोड़कर न जाने के 100 वजह बता दी।

इसके बाद सिम्मी कहती है “गोलू तू पढ़ने वाला लड़का है, मैं पढ़ाई में इतनी अच्छी नहीं हूं। मुझे एक ऐसी ट्यूशन चाहिए जो सारे विषय शुरू से पढ़ाएं।”

गोलू – “अरे इतना अच्छा तो पढ़ा रहे है कि बच्चा भी सीख जायेगा तुम्हें क्यों समझ नहीं आ रहे है ?” 

सिम्मी – “सबकी अपनी अपनी पसंद होती है तुम्हें यह ट्यूशन अच्छी लगी है पर मुझे नहीं लगी और मुस्कान को भी नहीं लगी तो हम दोनों ट्यूशन छोड़ रहे है।” 

गोलू ने कहा, “जैसी तुम्हारी मर्जी”

एक ही दिन में एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा से गोलू के दिल के अरमा अंशुओं में बह गए थे।

दूसरे दिन गोलू ट्यूशन गया तो दोनों ट्यूशन नहीं आई और गोलू का सारा का सारा मूड खराब हो गया, क्योंकि पहले बॉयज स्कूल में पढ़ा और अब जब कोई लड़की अच्छी लग रही थी सब कुछ ठीक चल रहा था तो वो ट्यूशन छोड़ के चली गई।

गोलू के लिए दुनिया खत्म हो गई थी। गोलू के मन में चल रहा था कि ईश्वर है ही नहीं, तभी तो बस मेरे दुख खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे है। मेरी खुशियों की भगवान को चिंता ही नहीं है और भगवान थोड़ी सी तो खुशियां देते, अगर होते तो।

सिम्मी ट्यूशन छोड़कर चली गई या यू कहे कि उसने जिस दिन कहा उस दिन से, सिम्मी और उसकी दोस्त मुस्कान ट्यूशन नहीं और गोलू की हालत खराब हो गई।

गोलू के मन में तरह-तरह के ख्याल आने लगे। भगवान से लेकर इंसान सब उस समय गोलू के निशाने पर थे।

गोलू उस दिन के बाद ट्यूशन जा जरूर रहा था लेकिन उसका मन बस ट्यूशन में सिम्मी को ढूंढता रहता था, लेकिन सिम्मी तो ट्यूशन छोड़कर जा चुकी थी।

ट्यूशन खत्म होने के बाद, गोलू घर आया और पढ़ने बैठ गया, लेकिन अब उसका पढ़ने में मन नहीं लग रहा था। गोलू ने सोचा उसको एक मैसेज करे, लेकिन फिर सोचा क्या फायदा अब तो वो ट्यूशन छोड़कर जा चुकी है। यह सोचकर गोलू ने मैसेज नहीं किया और पढ़ने का नाटक करता रहा और खाना खाने के बाद विस्तार पर पड़े-पड़े सोने का नाटक करता रहा था। तभी फोन की स्क्रीन की लाइट ऑन हुई और एक व्हाट्सएप पर किसी का मैसेज आया था।

मैसेज में था कि “गोलू आज ट्यूशन में क्या पढ़ाया ? मुझे वो भेज दे।”

आपको पता है किसका मैसेज आया था गोलू के पास ? 

गोलू ने सिम्मी से जूठ बोल दिया, “मैं आज ट्यूशन नहीं गया था।” 

सिम्मी कहती है, “अपने किसी दोस्त से लेकर भेज दे।”

गोलू – “तूने तो ट्यूशन छोड़ दी है। तो अब नोट्स का क्या करेगी ?”

सिम्मी – “अरे पागल आज मुस्कान का जन्मदिन था तो हम बाहर गए थे। मैंने निशा मैम को बता दिया था।” 

उसका यह मैसेज देखकर गोलू की जान में जान आ गई।

गोलू ने पूछा, “तो मुझसे क्यों कहा कि दोनों ने ट्यूशन छोड़ रही हो।” 

सिम्मी – “बस तेरे मजे ले रही थी।”

गोलू – “मैं ही मजे लेने के लिए मिला तुझे ?”

सिम्मी – “तो क्या चंदन को मैसेज कर के बोलती की मैं ट्यूशन छोड़ रहीं हूं।“

गोलू – चंदन कहता, अच्छा ट्यूशन छोड़ रही हो, हां छोड़ दो कम से कम लड़के का पढ़ने में मन लगेगा।

सिम्मी – मेरी वजह से किस लड़के का मन नहीं लगता है।

गोलू – यह चंदन कहता तो मैं कैसे बता सकता हूं कौन से लड़के का तेरी वजह से पढ़ने में मन नहीं लग रहा है।

सिम्मी – “तुम सब ने एक ही थाली के चाटे वाटे हो, तुझे भी पता होगा लेकिन तू बताएगा नहीं। देख मैं पहले बता दूं, अगर तेरा कोई दोस्त है तो कि मैं अभी बिलकुल भी इन सब के लिए समय नहीं है, क्योंकि मुझे परीक्षा की तैयारी पर ध्यान देना है। तो तू बोल देना जो भी उससे की मेरे पे अपना समय बर्बाद न करें।”

अब सिम्मी को कहां पता था कि वह गोलू ही है। अगर पता था तो उसने यह कहकर गोलू के दिल के 100-150 टुकड़े कर दिए थे। गोलू के दिल के टुकड़े हो ही चुके थे, लेकिन फिर भी उसने कहा कि “जो भी है मैं उसे बता दूंगा कि वो तेरे पीछे अपना समय बर्बाद न करें।”

सिम्मी – एक बात बता कहीं तू तो वो नहीं है, क्योंकि तेरे आलावा मैं किसी से ज्यादा बात ही नहीं करती हूं। 

गोलू – पागल है क्या तू, मुझे और तुझसे प्यार, हो ही नहीं सकता। तेरी स्माइल बस अच्छी लगती तो स्माइल से प्यार है तेरे थोड़ी है।

सिम्मी – चल ये भी ठीक है और गुड नाईट का एक मैसेज आया और गोलू ने भी गुड नाईट भेजा और बात खत्म हुई।

शायद सिम्मी को भी पता था कि गोलू जिस लड़के की बात कर रहा है वह खुद गोलू ही है। सिम्मी ने 1 मिनट में गोलू का दिल तोड़ दिया था। या यूं कहें कि उसने बाकी लड़कियों की तरह जूठ न बोल के सीधा सच बोल दिया था। लेकिन हमारे गोलू का दिल टूट चुका था। जिस प्यार के लिए गोलू वर्षों से तड़प रहा था, अब उसे ऐसा लग रहा था कि वह प्यार मिल गया लेकिन असल में तो ऐसा नहीं होने वाला था। गोलू को अभी भी प्यार नहीं मिलने वाला था।

गोलू के प्यार का इजहार करने से पहले ही सिम्मी ने गोलू को मना कर दिया था। अब गोलू की सारी शर्म खत्म हो गई थी। अब सिम्मी और गोलू एक बैंच पर बैठने लगे थे, लेकिन गोलू में हिम्मत नहीं थी कि वह एक बार सिम्मी से कह दे कि “सिम्मी तेरी स्माइल पर ही नहीं तुझ पर भी मेरा दिल आ गया है। 

जैसे तैसे मई खत्म हुई और जून आ चुका था। वर्षा ऋतु की शुरुआत होने वाली थी शायद अगर मैं भुला नहीं हूं, तो मुझे गोलू के करीबी मित्र ने बताया था कि गोलू को आज भी दिन और तारीख याद है जब उस साल की पहली बारिश हुई थी। 

वर्ष 2019 में 14 जून को उनके शहर में बारिश ने दस्तक दी थी। जब मैंने उनके पहली बारिश की कहानी सुनी तो कुछ शब्द मेरे मन में आए थे, जो शायद गोलू का कुछ दर्द आप को बता सकें। 

“तुम मेरे लिए पहली बरसात सी थी

 जिसमें मैं हर बार भीगना चाहता था।

 उफ तेरी वो भीगी जुल्फें याद है मुझे,

 मैं उम्रभर उन यादों में जीना चाहता था।”

14 जून को उनके शहर में पहली बारिश हुई और सिम्मी पहली ही बारिश में भीगकर टयूशन पहुंची। तो सिम्मी पंखे में अपने बाल सुखा रही थी और फिर सिम्मी ने गोलू की ओर देखकर मुस्कुराने लगी, सिम्मी देखकर गोलू भी मुस्कुरा। 

सच बताऊं तो एक सेकंड के लिए भी गोलू की नजरें उससे हाट नहीं रही थी। जब बाल सुखाकर सिम्मी, गोलू के पास आई। तो गोलू से कहने लगी कि आज तो तेरी नजरें मुझसे हाट ही नहीं रही थी, तो गोलू ने कहा कि मेरी नजरें तो हमेशा तुझे ही ढूंढती रहती है और तुझसे हटती नहीं। तब सिम्मी कहती है, “अच्छा तो वो लड़का तू ही है जिसका मेरी वजह से पढ़ाई में मन नहीं लगता है।”

गोलू – अरे मैं कब ऐसा कहा कि वह लड़का मैं ही हूं !

सिम्मी – तो बता फिर तेरे आलावा कौन है।

गोलू – होगा कोई तुझे क्यों बताऊं !

सिम्मी – कितनी ही कोशिश कर ले, मुझसे जूठ नहीं बोल पाएगा। 

गोलू – तुझे हमेशा ऐसा क्यों लगता है कि मैं तेरे से प्यार करता हुं। 

सिम्मी – तू नहीं करता तो मुझे बताना कौन करता हैं। तुझमें तो हिम्मत नहीं है कहने की, लेकिन तेरी आखें हर दिन चीख चीख कर कहती है। 

गोलू – देख ऐसा कुछ भी नहीं बस आज तू बिना मेकअप के पहली बार अच्छी दिख रही थी, इसलिए देख रहा था। अपना दिमाग फालतू मत चलाया कर। 

सिम्मी सुनकर मुस्कुराने लगी और कहती, “तू बोल क्यों नहीं देता कि इश्क है कब तक यूं ही जूठ बोलता रहेगा।“

गोलू ने मुस्कुराते हुए कहा, “अरे क्या पागल लड़की है यार तू, जब मेरे को तेरे से प्यार है ही नहीं तो कैसे कह दूं।”

सिम्मी कुछ कहती इससे पहले सर आ गए और शायद हेमंत सर ने सुन लिया था तो जाते-जाते कहते है “अरे गोलू पागल हो यार तुम” और फिर क्या था सारी क्लास हंसने लगी। 

सर पूछते है, “गोलू क्या हुआ ? क्यों लड़ रहे हो तुम दोनों आपस में”

अब गोलू हेमंत सर से क्या बोलता, अपना सर नीचे कर के गोलू ने सर से कहा “कुछ नहीं सर !”

“आशा करता हूं, वास्तव में कुछ न हो।“ इतना कहते हुए सर ने क्लास शुरू की। 

गोलू ट्यूशन से घर आया, लेकिन उसके दिमाग में एक ही चीज चल रही थी “तेरे में तो हिम्मत नहीं पर तेरी आखें सब चीख चीख के कह देती है।”

गोलू ने सोचा कि भाले उसने कहा हो कि वह सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा की तैयारी करेगी, लेकिन एक बार हिम्मत कर के उसको कह ही देता हूं, कि मैं उससे प्यार करता हूं।

गोलू ने सिम्मी को मैसेज किया।

गोलू – हेय

सिम्मी – हेलो

गोलू – क्या कर रही है ?

सिम्मी – बस कुछ नहीं खाना खाने की सोच रही थी।

गोलू – ओके खाना खा ले फिर बात करते है।

सिम्मी – कोई जरूरी बात थी क्या ?

गोलू – नहीं बस ऐसे ही पूछ रहा था।

सिम्मी – मुझे लगा कोई जरूरी बात करनी है।

गोलू – हां करनी है ना बेटा थोड़ा खाया-पिया करो नहीं तो किसी रोज हवा में उड़ जायेगी।

सिम्मी – अरे मैं बहुत खाती हूं रे, पर पता नहीं मेरा वजन नहीं बढ़ रहा है।

गोलू ने सोचा क्यों मैं इसको खाने के लिए लेट कर रहा हूं तो गोलू ने कह दिया कि मुझे थोड़ा सा काम है, थोड़ी देर बाद बात करता हूं।

वो थोड़ी देर बाद बात, उनकी दूसरे दिन ट्यूशन में हुई।

दूसरे दिन ट्यूशन में बात होती ही की उससे पहले गोलू के प्रिय मित्र आशीष कुमार पटेल का कॉल आया, “गोलू भैया आज कल कॉल नहीं करते, क्या बात है।

गोलू ने कहा, “भाई ट्यूशन जाने लगा हूं, तो समय नहीं मिल पाता है इसलिए बाकी कोई बात नहीं हैं।“

आशीष जी कहते है “सर कोई तो बात हैं तभी तो 1 महीने से आपका कॉल नहीं आया।”

गोलू – “नहीं भाई कोई बात नहीं है।“

आशीष – “कहीं किसी लड़की के चक्कर में तो नहीं फंस गया न तू।

गोलू घबराकर कहता हूं, “भाई किसी लड़की का चक्कर नहीं है तू ट्यूशन आकर देख ले।”

आशीष – ऐसा ही होना चाहिए और पूरा ध्यान पढ़ाई पर रखना और हमें पता चला न तु ट्यूशन में किसी लड़की पीछे फिर रहे हो तो ट्यूशन में आकर मारेंगे।

गोलू जेड पागल है क्या ? मैं क्या ट्यूशन लड़कियों के पीछे फिरने आता हूं ?

इसके बाद और भी बहुत सारी बातें उन दोनों के बीच हुई। लेकिन अगर आशीष को पता चलता कि गोलू ट्यूशन में किसी लड़की पीछे फिर रहा है, तो वह गोलू को खा जाता है। इसलिए गोलू ने सोच लिया था कि अब सिम्मी से कुछ नहीं कहने वाला हूं।

उस दिन क्लास खत्म हुई और वो सब नीचे आ राज थे, तब सिम्मी ने गोलू से पूछा कल तू कुछ कह रहा था।

गोलू – हां तू बैंक की परीक्षा के लिए तैयारी मत कर तेरे वो परीक्षा नहीं निकलेगी।

सिम्मी – “तो ये कहने के लिए ऐसे कह रहा था जैसे कि कोई हजारों करोड़ की बात हो और मुझे सिर्फ बैंक में ही नौकरी करनी और मैं बैंक की परीक्षा के लिए ही तैयारी करूंगी, चाहे कुछ भी हो।”

गोलू – “अरे तू पागल है बैंक की परीक्षा बहुत कठिन होती है, इससे अच्छा तो SSC (MTS) की परीक्षा की तैयारी कर आसानी से निकल जायेगा”

सिम्मी – “देख तू मेरा दिमाग खराब मत कर मुझे सिर्फ बैंक की परीक्षा देनी, अब वो निकले या ना निकले। चल मैं घर जा रही हूं। 

गोलू – ठीक बाय !

गोलू एक चीज में तो सफल हो गया था वो था उसे मुद्दे को बात से दूर रखने में, बैंक की बात निकलकर उसका पूरा ध्यान परिवर्तित कर दिया।

कुछ दिन ऐसे ही निकल गए और वो दोनों सिर्फ अच्छे दोस्त बन के रह गए थे। 

गोलू का एक और दोस्त आशुतोष सिंह राजपुत( आशुतोष, आशीष और गोलू तीनों स्कूल में एक साथ थे।) इसको कॉलेज में प्रवेश चाहिए था। आशीष के भैया ने राजीव गांधी महाविद्यालय से अपनी ग्रेजुशन पूरी की है तो गोलू और आशुतोष राजीव गांधी महाविद्यालय गए और वहां उन दोनों ने कॉलेज में प्रवेश से जुड़ी जानकारी ली। 

लेकिन गोलू को सिम्मी ने बताया था कि वह राजीव गांधी महाविद्यालय के पास ही रहती है तो गोलू ने उसको कॉल किया, लेकिन उसने कॉल नहीं उठाया। इसके बाद गोलू और आशुतोष वहां से वापस घर आ गए।

घर आने के बाद गोलू ट्यूशन गया तो वहां सिम्मी ने कहा “तुमने आज कॉल किया था ?”

गोलू – “हां मैंने कॉल किया था पर यह तू से तुम कब हो गया।

सिम्मी मुस्कुराते हुए कहती है, “अरे गलती से निकल गया था रै ! लेकिनआज कल तू थोड़ा दूर-दूर रहने लगा।“

गोलू – “नहीं ! बस मैं अभी थोड़ा सा वस्त हूं अपने दोस्त का कॉलेज में एडमिशन करना है इसलिए यार बाकी मैं तेरे से बिल्कुल भी दूर नहीं रह रहा हूं।” 

क्लास के बीच भी उन दोनों की कई बातें हुई। ट्यूशन खत्म हुई तो दोनों अपने अपने घर चले गए।

लेकिन जो कॉल गोलू ने सुबह किया था, उसका पूछने के लिए सिम्मी ने शाम को कॉल किया। कॉल आते ही गोलू कहता है, “मैंने सुबह कॉल किया था।“

सिम्मी – हां, तो मैंने यह पूछने कॉल नहीं किया कि तूने सुबह कॉल क्यों किया था।

इसके बाद उन दोनों की सामान्य बातें होने लगी, लेकिन सिम्मी ने अचानक गोलू से पूछ लिया “अच्छा एक बात बता तेरी शादी कब होगी ?” 

गोलू – लगभग मेरी शादी में अभी 7 साल तो हैं। 

सिम्मी – मतलब 28 की उम्र में तू शादी करेगा।

गोलू – नहीं। मैं अभी सिर्फ 19 का हूं, और 7 साल बाद 26 का हो जाऊंगा।

सिम्मी – देख जूठ मत बोल तू 19 का कहीं से नहीं लगता है।

गोलू – तुझे 19 का नहीं लगता तो क्या मैं अपनी डेट ऑफ बर्थ बदलवा लूं ?

सिम्मी – नहीं, नहीं।

फिर न जाने दोनों की बीच में क्या बातें हुई लेकिन अपना काम है मुख्य बातों पर ध्यान देना तो उसी बीच गोलू ने बातों ही बातों में सिम्मी से कह दिया कि मैं लिखता हूं। 

तो सिम्मी ने भी देर नहीं की और कहने लगी, “क्या लिखा है, बता तो जरा।“

गोलू – अभी तो मुझे पंक्तियां याद नहीं है, कल सुना दूंगा।

सिम्मी – कहेका शायर तू जो तेरे को पंक्तियां याद करने की जरूर पड़ रही है, अगर सच में तू एक अच्छा शायर होता तो कोई भी पंक्तियां बनाकर अभी सुना देता !

गोलू ने कहा रुक दो मिनट अभी बनाता हूं। फिर क्या हमारे गोलू ने पंक्तियां बना दी और उसको सुनते हुए कहता है,

“तू चांद भी नहीं 

फिर भी तुझे रातभर देखने को मन करता है।

तू आसमा भी नहीं 

फिर भी हर रोज तुझ तक पहुंचने का मन करता है।

तू दुआ भी नहीं 

फिर भी तुझे खुदा से मांगने का मन करता है।”

गोलू ने जैसे ही अपनी पंक्तियां खत्म की तो सिम्मी कहने लगी “वाह यार तू तो बहुत अच्छा लिखता है।“

गोलू – “धन्यवाद ! बस कभी कभी किसी को देखकर अपने आप निकल जाता है, मुझे तो अभी लिखना आता भी नहीं।“

सिम्मी – “अरे पागल सच में तू बहुत अच्छा लिखता है अगर तूने यह किसी लड़की से बोला होता तो वो यह सुनके तेरे लिए पागल हो गई होती।” 

गोलू – “बेटा जूठ न थोड़ा कम बोला कर, और ऐसे मजाक मुझे बिलकुल भी पसंद नहीं”

सिम्मी – “अरे सच बोल रही हूं, तेरे को पता नहीं क्यों मजाक लग रहा है”

गोलू – “तू भी तो एक लड़की है।“

सिम्मी – “बस तुम लड़कों की यही समस्या है।“

गोलू – “सोच अगर यह पंक्तियां मैंने तेरे लिए कही होती तो ?”

सिम्मी – “मतलब तू मुझे इंप्रेस करने के लिए ही बोला है ये पंक्तियां ?”

गोलू – “नहीं मैं बिल्कुल भी मैं तुझे इंप्रेस नहीं कर रहा था बस तूने बोला कि कुछ सुना तो सुना दिया और फिर तू कहने लगी कि यह सुनके कोई भी लड़की तेरे लिए पागल हो जायेगी, तो मैंने सोचा तेरे से ही पूछूं, क्या तू यह पंक्तियां सुनके पागल हुई या नहीं” 

सिम्मी – “मैंने यह कहा था कि कोई भी लड़की पागल हो जायेगी, यह नहीं कहा कि मैं पागल हो जाऊंगी तो तू मुझे इंप्रेस करने की बिल्कुल भी कोशिश मत कर, हम बहुत अच्छे दोस्त है और दोस्त ही रहेंगे।” 

गोलू – “तो फिर तू यह क्यों कहती थी कि अगर प्यार है तो बोल दे” 

सिम्मी – “अरे अच्छा लगता है कि आपका सबसे अच्छा दोस्त आपसे प्यार करता है तो फिर वो किसी और को लाइन नहीं मरने देगा” 

गोलू – “वाह मतलबी औरत, तेरे दिमाग की अब क्या ही तारीफ करूं मैं”

सिम्मी – “ओए औरत मत बोल अभी तो मैं बच्ची ही हूं यार” 

गोलू – “बेटा इतना भयंकर दिमाग किसी बच्ची का नहीं चल सकता” 

सिम्मी – “पर मेरा तो चलता है न”

गोलू – क्योंकि तू बच्ची नहीं है।

सिम्मी – “देख अगर तुझे लग रहा है न कि मैं तेरे से प्यार करती हूं तो यार तू गलत है, मुझे बस अट्रैक्शन हैं, क्यों कि तू क्लास में अच्छा है, सब से अच्छे से बात भी करता है, इसी वजह से ट्यूशन में तेरे को सब जानते हैं, और मुझे अभी तेरे से प्यार नहीं हुआ बस अट्रैक्शन हैं और मुझे पता है प्यार होगा भी नहीं” 

गोलू – “अबे मुझे तो यह भी नहीं पता कि अट्रैक्शन क्या होता हैं।” 

“तू पागल है, चल अब मैं थोड़ा पढूंगी” इतना कह कर सिम्मी ने कॉल समाप्त कर दिया।

“अट्रैक्शन” गोलू को इस शब्द का मतलब तक नहीं पता था कि अट्रैक्शन होता क्या है। शायद हमारा गोलू अट्रैक्शन में फंसने वाला था क्योंकि उस समय उसे पता ही नहीं था कि अट्रैक्शन जैसी कोई चीज भी होती है।

गोलू दूसरे दिन ट्यूशन गया, उसने सिम्मी से पूछा, “अट्रैक्शन क्या होता है ? मुझे तो यह भी पता नहीं और तू कह रही है कि बस अट्रैक्शन है।”

गोलू ने सिम्मी से अट्रैक्शन के बारे में पूछा तो सिम्मी हंसने लगी और कहती है, “तुझे अट्रैक्शन नहीं पता की क्या होता है।”

गोलू को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या कहे, क्योंकि सच में उसे नहीं पता था गोलू कहता है, “हंस मत और मुझे बता कि अट्रैक्शन क्या होता है।”

सिम्मी – यह मैंने नहीं बता सकती, लेकिन मुझे बस अट्रैक्शन है।

गोलू – “तुझे अट्रैक्शन है लेकिन तुझे यह नहीं पता की अट्रैक्शन होता क्या है, क्या बैंक की परीक्षा निकलेगी।”

सिम्मी – तू SSC की परीक्षा कैसे निकलेगा, जब तुझे यह ही पता नहीं कि अट्रैक्शन होता क्या है और तुझे भी अट्रैक्शन ही देखे ज्यादा सीरियस मत होना ! ठीक है।

गोलू – अरे मुझे पता भी तो हो अट्रैक्शन होता क्या है। ऐसे कैसे मन लूं कि अट्रैक्शन है जब पता ही नहीं है कि अट्रैक्शन क्या है।”

सिम्मी – तुझे मुस्कान अच्छी लगती है।

गोलू – हां ! लेकिन बस उसकी शक्ल अच्छी लगती है, उसके लिए मेरे अंदर कोई भावनाएं नहीं है।

सिम्मी – अगर मैंने मना कर दिया तो तू उससे प्रपोज करेगा ? 

गोलू – नहीं, मैं क्यों उससे प्रपोज करूंगा। 

सिम्मी – यही अट्रैक्शन है, वो तेरे को अच्छी लगती है पर प्रपोज नहीं कर सकता, हो सकता है आगे कभी तुम दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे और प्रपोज कर दो, वैसे ही तू मुझे अच्छा लगता है, पर मैं तुझे पसंद नहीं करती, हो सकता है कभी करू पर अभी नहीं।

गोलू – मेरा दिमाग का दही हो गया मुझे कुछ समझ नहीं आया।

सिम्मी – आएगा भी नहीं क्योंकि तू समझने की कोशिश ही नहीं कर रहा है।

इसके बाद अपना गोलू सीधा घर आ गया और न पढ़ाई की, ना खाना खाया और सो गया।

अगले दिन गोलू फिर ट्यूशन गया और उसने सिम्मी से कहा “मुझे कल कुछ समझ नहीं आया कि तू क्या कह रही थी, देख मैं तेरे को सीधा बोलता हूं, मैं बहुत ज्यादा सीरियस हूं।

मैंने न रातभर विस्तार पर पड़े-पड़े सोने का नाटक करता रहा पर मुझे नींद नहीं आई। मैं तेरे जितना होशियार नहीं हूं कि मुझे पहले अट्रैक्शन हो, फिर प्यार। मुझे सिर्फ प्यार पता है और मुझे तुझे से प्यार ही हुआ है। अब अट्रैक्शन जैसा कोई भी शब्द मुझे नहीं पता, तेरे को जितना समय लेना है ले और सोच फिर मुझे जबाव देना।”

सिम्मी – “यह बहुत जल्दी है ! तेरे को मैं बार-बार कह रही हूं कि यह सिर्फ अट्रैक्शन हैं और कुछ नहीं थोड़ा समय के बाद तुझे सब समझ आ जायेगा।”

गोलू – “देख तू मेरे से यह फालतू अट्रैक्शन वैट्रेक्शन की बातें मत कर, मुझे तेरे से प्यार है बात खत्म और अगर तुझे भी तो बता देना, नहीं तो तू अपने रास्ते मैं अपने रास्ते।”

सिम्मी – “देख गोलू तू समझ नहीं रहा है यार, इतनी जल्दी किसी को किसी से प्यार नहीं होता, प्यार होने में समय लगता है।”

गोलू – शायद तू सही है, लेकिन पता नहीं मुझे बहुत जल्दी हो गया।

सिम्मी ने गोलू से कहा, “तू पागल है।“ और वो दोनों क्लास में चले गए।

उनकी क्लास शुरू हुई और खत्म हो गई पहली बार सिम्मी चेहरे पर टेंशन थी, पूरे 3 घंटे की क्लास में एक बार भी सिम्मी ने मुड़कर नहीं देखा, एक बार भी सिम्मी के चेहरे पर मुस्कान नहीं आई।

ट्यूशन खत्म हुई और गोलू सबसे पहले ट्यूशन बाहर निकल गया। जब से गोलूबोर सिम्मी मिले थे, उसके बाद यह पहली बार था जब गोलू ने सिम्मी को एक बार भी मुड़कर देखा नहीं।

उस दिन शायद सिम्मी को कुछ कहना था लेकिन गोलू रुका ही नहीं। शायद वो गोलू को समझना चाहती थी कि प्यार कहने में जितना आसान है वास्तव में वह उतना ही कठिन है। लेकिन वो ऐसा कुछ नहीं कर पाई।

गोलू घर पहुंचा तो देखा कि 6 बजकर 3 मिनट पर एक मैसेज आया था, मैसेज में था “अगर मुझे, तुझसे प्यार होगा तब ही तू मुझे बाय बोलकर घर जायेगा और मुझे दूर तक देखेगा। हमें प्यार होने से पहले हम अच्छे दोस्त है।

गोलू उस समय एक जिंदा लाश था, उसके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था, उसे बिलकुल समझ नहीं आया, कि क्या करूं, लेकिन उसने मैसेज का रिप्लाई किया, “हां तभी”

सिम्मी ने गोलू को रिप्लाई करते हुए लिखा “और तू कहता है कि तुझे मुझसे प्यार है।”

गोलू ने रिप्लाई किया, “हां मुझे तुझसे प्यार है।”

सिम्मी – “गोलू देख तू पागल मत बन, तुझे और मुझे भी सिर्फ अट्रैक्शन है। हम साथ है ना अगले 6 महीने अगर प्यार होगा तो पता चल ही जाएगा।”

गोलू – “मुझे नहीं पता तुझे अट्रैक्शन है या नहीं है पर मुझे तेरे से प्यार है। अगर तुझे भी प्यार हो, तो ही मुझे मैसेज करना नहीं तो मुझे परेशान मत कर, मुझे पढ़ना भी है।”

यह हमारे गोलू की पहली गलती थी, जब मैं उससे मिला तो उसने मुझे स्क्रीन शॉट बताएं, तब मैंने कहा उससे कि भाई हम लड़कों क्या लड़की देखी प्यार हो गया, लेकिन लड़कियों समय लगता है, वो जब टाइमपास करती है, तो जल्दी ही हां बोल देती हैं, लेकिन प्यार हमेशा उन्हें देर में होता है।

लेकिन अब क्या कर सकते थे, गलती तो हो गई थी ना उससे।

उसके अगले दिन गोलू ट्यूशन गया, उसे शायद थोड़ा तो उसे समझ आ गया था कि गलती मेरी है, मुझे उस पर इतना ज्यादा दवाब नहीं डालना चाहिए था। क्लास खत्म होते ही गोलू सिम्मी के पास गया।

गोलू ने सिम्मी से सॉरी कहा। लेकिन सिम्मी तो गुस्से से लाल थी। गोलू ने सॉरी कहा इसके बाद भी उससे कहने लगी “आज के बाद मेरे से कभी बात मत करना। तू तो सिर्फ मुझसे तभी बात करेगा जब मैं तेरे से प्यार करूंगी, मैं तेरे से प्यार नहीं करती तो कृपया करे मुझे परेशान मत करना और न ही मेरे से बात करने की कोशिश करना।”

इतना कहकर गाड़ी उठाकर चली गई, गोलू लगभग उसके जाने के बाद रोने लगा था पर गोलू ने किसी तरह अपने आंसुओं को रोक लिया।

अब न तो गोलू का पढ़ाई मैं मन लग रहा था और न ही कुछ अच्छा लग रहा था। ट्यूशन भी जाता था तो बस सिम्मी को ही देखता रहता था और वो एक बार भी मुड़कर नहीं देखती थी, और उसकी मुस्कान जिस पर गोलू मर मिटा था, वो तो अब नजर तक नहीं आती थी।

रक्षाबंधन भी आने वाला और गोलू ट्यूशन में बिलकुल मन नहीं लग रहा था तो वह गांव चला गया। गोलू ने किसी को भी ट्यूशन में नहीं बताया था कि वह गांव जा रहा हैं।

गोलू के मन तो ट्यूशन न जाने ख्याल तक आने लगे थे। वह सोच रहा था कि “अब मैं दुबारा ट्यूशन नहीं जाऊंगा क्योंकि मैं उसको ऐसे नहीं देख सकता ”

रक्षाबंधन गुजर गया और गोलू के घर वालें ही कहने लगे कि ट्यूशन जाना, कब वापस जायेगा तो कह दिया की बस एक दो दिन और। एक दो दिन और करते करते 6 दिन निकल दिए और गोलू वापस शहर नहीं आया।

7 वे दिन गोलू वापस आया और सोच लिया था कि जैसे वो कर रही है वैसे ही मैं भी करूंगा, न तो देखूंगा और न ही अब क्लास में किसी भी सवाल का जबाव दूंगा।

गोलू वापस आया ट्यूशन गया और ऐसा ही करना शुरू कर दिया और तब तक एक नई लड़की आ गई थी। जिसका नाम था आरोही, और वो कुछ ज्यादा ही गोलू से बातें कर रही थी, गोलू को खुद समझ नहीं आ रहा था क्यों ? लेकिन हमारा गोलू तो सिम्मी के लिए पागल था। गोलू का आरोही पर बिल्कुल भी फोकस नहीं था क्योंकि वह तो दिन भर किसी और की ख्यालों में खोया रहता था।

आरोही गोलू से कुछ ज्यादा ही बातें कर रही थी। गोलू को तो उससे कोई आपत्ति नहीं थी लेकिन जब सिम्मी, गोलू और आरोही को बात करते हुए देखती थी, तो ऐसा लगता था कि थोड़ी ही देर में वो आरोही को या फिर गोलू को मार देगी। अपने गोलू ने भी सोचा थोड़ा जलते है। जिस बैंच पर गोलू और सिम्मी बैठते थे अब उस पर सिम्मी की जगह आरोही ने ले ली थी।

अब सिम्मी बेचारी बस गोलू और आरोही को देखती ही थी कुछ कह तो सकती नहीं थी क्योंकि दोनों के बीच बातें बिलकुल बंद थी। सिम्मी को प्यार था या नहीं था लेकिन गोलू उसका सबसे अच्छा दोस्त था, और उसे अब बोल नहीं रही थी, तो ट्यूशन में सब सूना सूना लग रहा था। गोलू भी हमारा भाले उसे जला रहा हो, लेकिन सिम्मी से बात करने के लिए तो वो भी तड़प रहा था।

तनिस्का का उसकी स्कूटी से एक्सीडेंट हो गया था, तो वो ट्यूशन आ नहीं थी। उसी शाम को तनिस्का ने व्हाट्सएप समूह में मैसेज किया कि ट्यूशन में क्या चल रहा है ?

सिम्मी ने उसको जबाव दिया “यह तुझे पढ़ाकू से पूछना चाहिए और आज कल तो उसका पढ़ने में ज्यादा हो मन लग रहा है।”

अब आपको पता चल गया होगा कि सिम्मी गोलू को बात कर रही है।

गोलू का जबाव आया, “हां, मैं अब किताबों को छोड़कर इश्क पढ़ने लगा। अगर उसके बारे में पूछना है तो बताओ।”

तनिस्का – ओय गुलजार के 10वीं कापी, ज्यादा इश्क मत पड़ और पढ़ाई पर ध्यान दे, नहीं तो इश्क के चक्कर में खाली हाथ रह जाए।

गोलू – यह सुनके मुझे खुशी हुई कि कोई मेरी भी फिक्र करता है बहन ! नहीं तो ट्यूशन में तो कुछ लोग ऐसे देखते है, जैसे वो मुझे मर ही देंगे।

सिम्मी – देख तू ज्यादा बक बक मत नहीं तो किसी रोज सच मर दूंगी।

गोलू – वैसे आप कौन ?

इसके व्हाट्सएप समूह में मैसेज नहीं आया। इसके बाद गोलू के पास मैसेज गया तू मिल कल ट्यूशन में बहुत ज्यादा होशियार बन रहा है। और इस मैसेज के बाद गोलू फिर ब्लॉक हो गया।

गोलू इस समय जितना खुश था, पृथ्वी का कोई भी अन्य प्राणी उस समय इतना खुशी नहीं था। बस वो तो कल का इंतजार करने लगा।

अगले दिन ट्यूशन पहुंचा और सिम्मी ट्यूशन के बाहर ही मिल गई। 

सिम्मी – तू थोड़ा कम होशियार बन।

गोलू – ओय शुरुआत तूने की थी, ठीक है।

सिम्मी – हां, तो मैं कर सकती हूं, लेकिन तू कुछ नहीं बोलेगा।

गोलू – तेरा दिमाग ठिकाने पर है या नहीं ?

सिम्मी – मेरा दिमाग ठिकाने पर ही हैं। क्योंकि हम दोनों के बीच में जो भी हुआ है ये तेरी वजह से हुआ है। ना तुझे प्यार होता न लड़ाई होती।

गोलू – मेरी वजह से नहीं तेरी वजह से हुआ है।

सिम्मी – ओय होशियार ! मेरी वजह से कैसे हुआ है जरा बताना।

गोलू – तेरी स्माइल इतनी अच्छी नहीं होती तो मेरे को प्यार ही नहीं होता ! तो तेरी वजह से हुआ।

सिम्मी – भग ! मेरी वजह से हुआ। गलती सारी तेरी है, दोष मुझे दे रहा है।

सिम्मी को गुस्से में पता भी नहीं चला कि गोलू ने उसकी इतनी तारीफ की। लेकिन यह समझ आएगा उसे थोड़े समय बाद।

गोलू – देख दिमाग का दही मत कर, क्योंकि अभी 3 घंटे ट्यूशन में क्लास लेनी है।

सिम्मी – मैं दिमाग का दही कर रही हूं।

गोलू – सॉरी ! ये सारी गलती मेरी है। हाथ जोड़कर विनती है, अब चुप हो जा।

सिम्मी चुप हो गई और गोलू अपनी बैंच में जाकर बैठ गया।

सिम्मी आती है, और कहती है, “उधर हो।“

गोलू – यह आरोही की जगह है, वो आ रही होगी।

सिम्मी – हां तो आयेगी जब हाट जाऊंगी।

गोलू ने धीरे धीरे से कहा “हां मेरी ही जान खाना तू।“

लेकिन सिम्मी को यह बात सुनाई दे गई और कहने लगी “हां मैं तेरी जी जान खाऊंगी।अब बोल !”

दोनों अब बात जरूर नहीं कर रहे थे लेकिन फिर से एक ही बैंच पर बैठने लगे थे। सिम्मी की जिस जगह पर आरोही के खब्जा कर लिया था, वह सिम्मी ने वापस हासिल कर ली।

ट्यूशन में जरूर गोलू और सिम्मी की बातें होती थी। लेकिन गोलू बेचारा व्हाट्सएप पर 1 महीने से ब्लॉक था। एक दिन गोलू ने फिर हिम्मत की ओर उससे बोल ही दिया, “देख 1 महीना हो गया, अगर मेरा प्यार सिर्फ अट्रैक्शन होता तो अब तक कब का खत्म हो जाता।“

सिम्मी – खत्म हो जाता नहीं हो ही गया है। अब तेरे को आरोही में ज्यादा में ज्यादा रुचि आने लगी है ना !

गोलू – “अबे तू पागल है क्या तेरे में और उसमे बहुत ज्यादा अंतर है, वो तेरी जगह कभी नहीं ले पाएगी और मैं उससे कभी प्यार कर ही नहीं सकता।” 

सिम्मी – “देखा है मैंने,वो हर रोज मेरी जगह पर बैठती थी। चल मैंने लेट हो रही हूं” इतना कह कर सिम्मी अपने घर चली गई।

अब गोलू को लगा यार की मेरा सिम्मी को जलाना मुझे ही भरी पड़ गया। आने वाले ट्यूशन के दिन गोलू के सबसे बुरे दिनों में से एक थे क्योंकि अब वो ट्यूशन में मौन रहने वाला था। गोलू ने लगभग 8 से 10 दिन ट्यूशन में किसी से भी बात नहीं कि यहां तक चंदन और ओम से भी नहीं। तब गोलू को समझ आ गया था शायद सिम्मी सही है, ये सिर्फ अट्रैक्शन था क्योंकि अब गोलू को बिलकुल फर्क नहीं पड़ रहा था कि सिम्मी उसे देख रही है या नहीं। वह ट्यूशन जाता और खत्म होते ही घर आ जाता था। गोलू अब सारे दिन पढ़ाई करने लगा। 

गोलू पूरी तरह सिम्मी को भूल गया और 3 बजे की जगह में 10 बजे ट्यूशन जाने लगा और लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ने लगा।

शायद सिम्मी सही थी कि यह प्यार गोलू के लिए सिर्फ अट्रैक्शन था, लेकिन यह सिम्मी के अट्रैक्शन नहीं था।

लगभग 16 या 17 दिन बाद सिम्मी गोलू के पास आई और कहने लगी कि “क्या हुआ है तुझे तू न ही किसी से बात करता है और मेरी तरफ तो एक बार देखता भी नहीं।

हमारा गोलू अब समझदार हो गया था। वह सिम्मी से कहता है, “जिंदगी के साथ नहीं बदलोगे तो जिंदगी तुम्हें बर्बाद कर देगी। तू यह बता मैं कब तक तेरा इंतजार करू।”

सिम्मी – “मैंने तो कभी इंतजार करने को कहा ही नहीं। तू सब पहले से ही अपने दिमाग में सोच कर बैठा रहता है कि अगर वो मुझसे बात करेगी तो क्या कहूंगा, मैंने कुछ भी पूछा हो हमेशा तूने इसका जबाव ऐसा दिया है जो शायद तू ही समझ सकता है।”

गोलू – “मैं तेरी तरह होशियार नहीं हूं कि किसी भी बात कर तुरंत जबाव दे दूं, मैं जो भी कुछ तेरे से कहता हूं उसे दस बार सोचता हूं, इसके बाद भी पता नहीं क्यों हम दोनों के बीच कुछ ठीक नहीं हो रहा है।”

सिम्मी – “तू कुछ मत सोच जो तेरे मन में आता है वो बोल, तू बहुत ज्यादा सोचता है इस वजह से ही सारी चीज बिगड़ती है, क्योंकि सब कुछ तू पहले ही सोच चुका होता है, अगर जैसा तूने सोचा होता है वैसा नहीं होता तो घबरा जाता है और पता नहीं फिर क्या-क्या कहता है।” 

गोलू – “शायद तू सही है, मैं हमेशा पहले से ही सोचकर आता हूं। लेकिन में तेरे से बहुत प्यार करता हूं, यार ! ये बता मैं तेरे बारे में सोचना बंद कैसे कर सकता हूं।” 

सिम्मी – “तो मत करना मुझसे प्यार ! अपने आप को व्यस्त रख, अपने आप मेरे बारे में सोचना बंद कर देगा।“

गोलू – “कोशिश तो कर रहा हूं, पहले 2 घंटे पढ़ रहा था अब 4 घंटे पढ़ने लगा और क्या करूं।” 

सिम्मी – “तू कुछ भी कर बस खुद को व्यस्त रख, तभी तू सोचना बंद करेगा और सारी चीजें ठीक हो जाएंगी।” 

सिम्मी ने तो गोलू से कह दिया कि तू सोचना बंद कर दे पर क्या गोलू उसे सोचना बंद कर सकता था ?

हमारे गोलू ने तो यार उस समय शादी से लेकर बुढ़ापे तक के सारे सपने देख डाले थे और सिम्मी कह रही थी सोचना बंद कर दे। कैसे कर सकता था गोलू उसके बारे में सोचना, वो सिम्मी से इतना प्यार करता था कि उसके लिए वो उम्र भर सोच सकता लेकिन उसके बारें में सोचना बंद नहीं कर सकता था।

बहरहाल सवाल ये है कि गोलू और सिम्मी की जिंदगी में आगे क्या होगा। 

इस समय तक गोलू ने दुबारा कॉलेज में प्रवेश ले लिया था और टयूशन से पहले गोलू कॉलेज भी जाने लगा था और सिम्मी ने भी एक सरकारी कॉलेज में एडमिशन करा लिया था। 

जैसे ही कॉलेज शुरू हुए तो ऐसा होने लगा कि जिस दिन गोलू ट्यूशन जाता, उस दिन सिम्मी ट्यूशन नहीं आती और जिस सिम्मी ट्यूशन आती, उस दिन गोलू ट्यूशन नहीं जाता। 

गोलू और सिम्मी एक दूसरे से मिल ही नहीं पा रह थे। इस बीच सिम्मी ने गोलू को अनब्लॉक भी कर दिया और व्हाट्सएप पर बातें होने लगी।

गणपति विसर्जन वाले दिन सिम्मी ने गोलू को कॉल किया और गोलू से पूछा “क्या तू ट्यूशन आ रहा है ? अगर तू ट्यूशन आ रहा हो तो मैं भी आ जाऊंगी।

गोलू ने भी कह दिया “मैं भी आ रहा हूं, तू भी आजा।“

उनकी ट्यूशन में भी सभी विद्यार्थियों ने गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित की थी। उसी दिन उनकी ट्यूशन के बप्पा का भी विसर्जन होना था।

सिम्मी ने घर से निकलने से पहले फिर एक बार कॉल किया और पूछा “तू आ रहा हो तो ही मैं आऊंगी नहीं तो मैं भी ट्यूशन नहीं आ रही !” तो गोलू ने कहा “रुक एक बार कॉल करके पुछलू कि क्लास लगेगी भी या सर भी गणपति विसर्जन में जायेंगे।”

गोलू ने कॉल किया तो सर ने कह दिया कि क्लास लगेगी, आप आ जाओ। गोलू ने सिम्मी को बोल दिया “ट्यूशन आजा क्लास लगेगी।“

गोलू ट्यूशन पहुंचा और गौतम भैया ने गोलू को ट्यूशन के अंदर जाने से पहले ही रोक लिया कि चलो गणपति विसर्जन में चले।”

गोलू ने कहा “नहीं भैया मैं आज बहुत दिन बाद ट्यूशन आ हूं, तो आज तो मैं क्लास लूंगा।”

गौतम भैया तो किसी तरह मन गए और गोलू क्लास में गया और थोड़ी ही देर में सिम्मी भी ट्यूशन पहुंच गई। सिम्मी को ज्यादा फर्क नहीं पढ़ने वाला क्योंकि वो न तो ट्यूशन में ज्यादा किसी से बात करती और न ही किसी को जानती थी। 

गोलू और सिम्मी दोनों क्लास में बैठ कर बातें कर रहे थे कि नवीन आया और कहने लगा कि गणपति विसर्जन में चलना ही पड़ेगा और नवीन को समझता इससे पहले गणेश और चंदन भी आ गए, ये गोलू को नहीं छोड़ने वाले थे। गोलू जाना नहीं चाहता था लेकिन गोलू उसकी मर्जी के खिलाफ उसके दोस्त उठा ले गए और सिम्मी बस देखती रही।

क्लास में सर आए पढ़ने को लेकिन सिम्मी भी उठकर वापस आ गई, क्योंकि उसे गोलू ने भुलाया था वो क्लास लेने नहीं गोलू से मिलने आई थी।

यह हमारे गोलू की दूसरी गलती थी जो गोलू तो नहीं करना चाहता था लेकिन दोस्तों की वजह से हो गई थी। गोलू गणपति विसर्जन में गया जरूर लेकिन उसके दिमाग में यही चल रहा था कि उसने सिम्मी को ट्यूशन बुलाया और वो ही उसे ट्यूशन में अकेला छोड़कर आ गया।

गणपति विसर्जन से वापस आए, ट्यूशन में सिम्मी नहीं थी क्योंकि वो उसी समय घर चली गई थी तो गोलू ने ट्यूशन से ही एक मैसेज किया सॉरी और गोलू घर चला गया।

सिम्मी का मैसेज आया “जब तुझे गणपति विसर्जन में जाना ही था तो मुझे क्यों बुलाया था।”

गोलू – “तेरे सामने वो मुझे उठाकर कर ले गए थे।“ 

सिम्मी – “तू उनसे माना भी तो कर सकता था कि मैं नहीं चल रहा हूं।” 

गोलू –“अरे तूने देखा नहीं मैंने कितना माना किया था उन लोगों से फिर भी ले गए।” 

सिम्मी – “तेरे को नहीं जाना होता तो तू नहीं जाता, लेकिन तू पहले ही सोच के आया होगा कि गणपति विसर्जन में जाऊंगा।” 

गोलू – “कसम से यार मैंने बिलकुल भी नहीं सोचा था कि गणपति विसर्जन में जाऊंगा” 

सिम्मी – “मुझे पता है तू पहले से ही सोच के ही आया होगा क्योंकि गणपति विसर्जन में तेरे को मजा आया होगा डांस किया होगा।” 

गोलू – “हां सच में तो बहुत मजा आया था तू भी चलती न तो पता चलता है, सोना मैडम और मोहित सर ने खूब डांस किया और सबको खूब मजा आया।” 

सिम्मी –“तो इसलिए तो तू ट्यूशन आया था कि गणपति विसर्जन में जायेगा।” 

गोलू – “तू पागल है क्या यार अगर मुझे गणपति विसर्जन में जाना होता तो मैं तुझे क्यों बुलाता।”

सिम्मी – “मुझे बुलाने के बाद भी तू गणपति विसर्जन में गया न”

गोलू – “अरे यार वो मजबूरी में जाना पड़ा।”

सिम्मी – “तू जान बूझकर गया था।”

गोलू – “हां मेरी मां मैं गणपति विसर्जन में जाने के लिए ही ट्यूशन गया था अब बोल” 

सिम्मी – “मुझे कुछ नहीं कहना बस तू उतनी देर से जूठ बोल रहा था अब तूने खुद अपने मुंह से बोल दिया कि तुझे गणपति विसर्जन में जाना था।”

गोलू – “ये पागल औरत तेरी बुद्धि ठिकाने पर है या नहीं।” 

सिम्मी – “देख तूने खुद ने कह दिया तुझे गणपति विसर्जन में जाना था अब और जूठ मत बोल”

गोलू के दिमाग का दही हो चुका था क्योंकि सिम्मी के सामने ही गोलू के दोस्त उसे ले गए थे और सिम्मी को लग रहा था गोलू अपनी मर्जी से गया था। गोलू ने सिम्मी से कहा “हां, मैं जाना चाहता था, सॉरी।” इसके बाद गोलू ऑफलाइन हो गया।

जब रात को लगभग 12 बजे गोलू दुबारा ऑनलाइन आया तो देखा कि एक मैसेज पड़ता था कि “तू जान बूझकर ही गया था।” और पता नहीं क्योंकि गोलू फिर से ब्लॉक था।

गोलू के दिमाग का दही करने के बाद मक्खन निकलकर सिम्मी ने तो उसे ब्लॉक कर कर दिया था। 

गणपति विसर्जन के बाद गोलू तो रोज ट्यूशन जा रहा था लेकिन सिम्मी ट्यूशन नहीं आ रही थी। जब सिम्मी चार पांच दिन ट्यूशन नहीं आई तो गोलू को लगा कि यह सब मेरी ही वजह से हुआ है न मैं उसको उस दिन बुलाता और न यह सब होता।

लेकिन हमारा गोलू कर भी क्या सकता था बस वो तो सिम्मी के ट्यूशन आने का इंतजार कर रहा था कि कब वो ट्यूशन आए और उसको सॉरी बोलूं। लेकिन सिम्मी तो ट्यूशन आ ही नहीं रही थी। जब सिम्मी लगातार 5 दिन ट्यूशन नहीं आई तो गोलू ने उस कॉल किया तो उसके भाई ने कॉल लिया। गोलू डर गया था लेकिन फिर भी उसने पूछा “सिम्मी कहां और वो ट्यूशन क्यों नहीं आ रही है।“ सिम्मी के भाई ने पूछा “आप कौन हैं ?” एक सेकंड के लिए गोलू कांपने लगा और डर के मारे आवाज नहीं निकल रही, जुबान लड़खड़ा गई थी। लेकिन उसके बाद भी हमारे गोलू ने सिम्मी के भाई से कहा, “मैं उसकी ट्यूशन में पढ़ता हूं मैडम उसके बारे में पूछ रही थी कि वह ट्यूशन क्यों नहीं आ रही है।” तब सिम्मी के भाई ने कहा “वो बारिश में भीग गई थी तो बीमार पड़ गई थी लेकिन अभी ठीक है शायद आज ट्यूशन आयेगी।”

गोलू – “अभी कहां है वो, क्या उससे बात हो सकती है।” 

सिम्मी का भाई – वो कॉलेज गई है आज मोबाइल घर भूल गई !

गोलू के ओके बोले इतनी जल्दी फोन समाप्त किया की पूछिए मत आप। सिम्मी के भाई से बात करते समय गोलू की सांस फूल गई थी। गोलू को डर लग रहा था कि यह कहीं कुछ और न कह दे या पूछ ले। लेकिन थोड़ी ही देर बाद सिम्मी ट्यूशन आ गई। 

सिम्मी ने गोलू ब्लॉक कर दिया और उसे पता भी नहीं था कि सिम्मी ने उसे क्यों ब्लॉक किया था, इसके भी गोलू ने उससे कहा, “मैंने तेरे नंबर पर कॉल किया था तो तेरे भाई ने कॉल उठाया था, उसने बताया कि तेरी तबियत ठीक नहीं थी।”

सिम्मी – “हां ! गणपति विसर्जन वाले दिन में यहां से भीगती हुई गई तो शाम को बुखार आ गया था तो फिर डॉक्टर को दिखाया तो कहने लगे कि अब बारिश में भीगना ही नहीं, नहीं तो फिर से बीमार पड़ जाओगी, तो इसलिए ट्यूशन नहीं आई।“

उस समय गोलू को इतना बुरा लग रहा था कि जिसकी कोई हद नहीं। क्योंकि अगर गोलू उस दिन गणपति विसर्जन में नहीं जाता तो शायद वो भीगती हुई घर नहीं जाती और बीमार नहीं पढ़ती।

गोलू ने उसे सॉरी बोला तो कहने लगी “पहले जान बूझकर गलती भी करेगा और फिर सॉरी भी ऐसे बोल रहा है जैसे तूने यह सब जान बूझकर ही किया हो।”

गोलू – “देख यार सच में, मैं जान बूझकर नहीं गया था।”

सिम्मी – “मुझे नहीं जानना है अब कुछ भी बात खत्म कर, कितनी बार सफाई देखा। अगर तू जान बूझकर नहीं गया होता तो इतनी सफाई देता ही नहीं” 

यह सुनने के बाद गोलू ने एक शब्द भी नहीं कहा और चुप चाप बैठ गया। क्योंकि हमारा गोलू सच बोल रहा था, वो सच में उस दिन गणपति विसर्जन में नहीं जाना चाहता था, लेकिन मजबूरी में जाना पड़ा।

अगले गोलू दिन ट्यूशन गया आज गोलू पूरी तरह सोच के ही गया था कि आज कहानी पूरी हो जायेगा या कहानी खत्म हो जाएगी। 

गोलू उस दिन समय से पहले ही ट्यूशन पहुंच गया था और सिम्मी के आज का इंतजार कर रहा था।

जैसे ही सिम्मी आई तो गोलू उसके पास गया और कहने लगा “तुझे हुआ क्या ? कभी भी ब्लॉक कर देती है, देख मान रहा हूं कि तुझे प्यार नहीं है, यार यह तो बता मैंने किया क्या है ? जो तूने ब्लॉक कर दिया।”

सिम्मी – “देख मेरी लाइफ मेरी मर्जी, मुझे तुझसे बात नहीं करनी तो ब्लॉक कर दिया। बात खत्म ! और अब न SMS और न ही कॉल करना, मुझे तेरे बात करनी ही नहीं। मैं तूझसे प्यार नहीं करती, मेरे मन में तेरे लिए कोई भावनाएं नहीं, अपनी जिंदगी में कभी तेरा चेहरा नहीं देखना चाहती हूं।”

भाईसाहब आप खुद सोचिए जिससे आप प्यार करते हो और वो आपसे सीधे बोल दे कि मुझे तुझसे बात नहीं करनी और तेरे लिए मेरे अंदर कोई भावनाएं नहीं है, तो आप पर क्या बीतेगी ? उस समय जो गोलू का हाल था न, मैं दुआ करता हूं वैसा किसी का भी नहीं हो। 

किसी तरह क्लास खत्म की और गोलू घर पहुंचा, रोज ट्यूशन से आकर पढ़ता था लेकिन आज ऐसा लग रहा था कि बस यही आखिरी समय है, शायद कल की सुबह नहीं देख पाए।

गोलू ने अपने घर कॉल किया और सब से बात की। उसकी आवाज उस समय थोड़ी सी भारी लग रही थी, तो उसके पापा ने पूछा कि तबियत तो ठीक है ? आवाज भारी भारी लग रही है।

गोलू के कहा सब ठीक है बस सर्दी जुखाम हो गया था, वो भी अब ठीक होने वाला है। कुछ आधा घंटा बात करने के बाद गोलू ने कॉल समाप्त किया। 

गोलू ने आगे की कहानी बताने से पहले मुझे कुछ पंक्तियां पढ़कर सुनाई थी, जो मैं आपके साथ साझा करना चाहता हूं।

“वो रात याद हैं मुझे,

जिसके बाद मैं कभी चैन से सोया नहीं हूं।

वो रात याद हैं मुझे,

जिसके बाद मुझे कभी रातों में नींद नहीं आई।

वो रात याद हैं मुझे,

जिसके बाद मेरी कभी नींद पूरी नहीं हुई।

वो रात याद हैं मुझे,

जिसके बाद मैं कभी जी भर के हंसा नहीं हूं।

वो रात याद हैं मुझे,

जिसके बाद मैंने कभी तुझे अपना नहीं समझा हैं।

वो रात याद हैं मुझे......”

रात के लगभग 11 बज चुके थे, लेकिन गोलू को नींद नहीं आ रही थी। सामान्यत गोलू लगभग साढ़े नौ, दस बजे के आस-पास सो जाता था। व्हाट्सएप पर स्टेटस देख रहा था तो तभी गोलू के प्रिय मित्र आशीष ने स्टेटस लगाया था और गोलू ने उसी समय स्टेटस देख लिया तो आशीष का तुरंत कॉल आ गया और कहने लगा “अबे हरमखोरे तू अभी तक कैसे जाग रहा हैं।”

गोलू - नींद नहीं आ रही है, यार !” 

आशीष – ऐसा क्या किया है जो तुझे आज नींद नहीं आ रही है ?

गोलू – पता नहीं क्यों यार, लेकिन आज आ ही नहीं रही है।

आशीष – तुझे किसी से इश्क तो नहीं हो गया न ?

गोलू – अरे मेरी इतनी अच्छी किस्मत कहां कि किसी लड़की को मुझसे प्यार हो ?

आशीष – किसी लड़की को तुझसे नहीं हो सकता लेकिन तुझे तो किसी लड़की से हो सकता है ना।

गोलू – नहीं, नहीं भाई ! मुझे कभी इश्क नहीं होगा किसी से। चल मुझे नींद आने लगी है।

आशीष – हो भी नहीं जाना चाहिए नहीं तो लठ ही लठ पड़ेंगे। सीधे पढ़ाई लिखाई पर ध्यान देना।

गोलू – हां ! मेरे बाप नहीं होगा किसी से। चल शुभ रात्रि !

नींद कहां आने वाली थी, दिल के जख्म थे, इतनी जल्दी कहां भारने वाले थे। गोलू रो रहा था, उस लग रहा था, क्या मैं इतना बुरा हूं ? कि एक लड़की का प्यार तक न पा सकूं। 

वो रात किसी तरह गोलू की गुजरी दूसरे दिन ट्यूशन गया और दूसरे दिन उसे ऐसा लग रहा था कि वह सिम्मी के लिए ट्यूशन में है ही नहीं। वह पहली बार ट्यूशन में सबसे आगे बैठा था, लेकिन इसके बाद भी सिम्मी ने गोलू को एक बार नहीं देखा। 

दूसरी रात फिर 11 बज गए नींद नहीं आई। इस दिन गोलू ने खुद ने आशीष को कॉल किया। जैसे ही आशीष ने कॉल उठाया गोलू रोने लगा, “हेल्लो भाई !”

आशीष – रो क्यों रहा है ? क्या हुआ ?

गोलू – गली तो नहीं देगा न ?

आशीष – हां नहीं दूंगा, बता क्या हुआ ?

गोलू रोते हुए कहता है, “ट्यूशन में एक लड़की है, जिसका नाम सिम्मी है।”

आशीष एक गली देता है और कहता है, “साले कितनी बार कहा है, लड़कियों के चक्कर में मत पड़, लेकिन नहीं इन्हें तो आशिकी करनी हैं। आशिकी का भूत सवार है।

गोलू के गली देकर उसे रोकते हुए कहा, “पहले बोला था न गली नहीं देगा। मैं रख रहा हूं तू भी जा भाड़ में।“

गोलू ने इतना कहकर कॉल काट दिया। आशीष ने भले गलियां दी हो लेकिन प्रिय मित्र था। दिल से बहुत ही अच्छा, गोलू के लिए जान भी दे सकता था। आशीष ने फिर से कॉल किया गोलू ने कॉल उठा लिया। गोलू के बारे में एक अच्छी बात वह कितना ही गुस्सा में हो, चाहे जिसका कॉल आ रहा है उससे उसकी बहुत लड़ाई हुई हो, उससे बात करना भी उससे पसंद न हो इसके बाद भी कॉल हमेशा उठा लेता है।

कॉल उठाया तो आशीष ने कहा, “आगे बता।”

“भाई मुझे न उससे बहुत प्यार हो गया यार ! मैं उसके लिए मर भी सकता हूं।” गोलू ने कहा,

आशीष कहता है, “देख ऐसी बातें मत कर नहीं तो अभी के अभी घर आऊंगा, घर से बाहर निकलूंगा और सुबह तक मरूंगा।”

गोलू – हां, ठीक है मर नहीं सकता हूं, लेकिन इसके लिए कुछ भी कर सकता हूं।”

आशीष – अब बता हुआ क्या और मुझे क्यों बता रहा हैं ?

गोलू - “हमारी लड़ाई हो गई है। बस इतना बताना था।”

आशीष - “हां तो बता मुझे क्या करना है।”

गोलू – कुछ नहीं, मैं तो बस अपना मन हल्का कर रहा था।

आशीष – पांच मिनट में घर के बाहर मिल, मैं तेरे घर आ रहा हूं।

गोलू – क्यों ? 

आशीष – तेरे मन को हल्का करने।

गोलू – अरे रात के साढ़े 11 बज रहे है। मत आ भाई प्लीस।

आशीष – नहीं, मैं आ रहा हूं। तेरा इश्क का भूत भी उतार दूंगा।

गोलू – भाई हाथ जोड़कर विनती है, मत आ।

आशीष – दुबारा अपने रण्डी रोने सुनने के लिए कॉल मत कर देना और अगर इस महीने ट्यूशन नहीं छोड़ी तो देख तेरा हाल क्या होता है।

आशीष ने इतना कहकर ही कॉल समाप्त कर दिया। 

गोलू अगले दिन फिर ट्यूशन गया और सिम्मी ने एक बार भी उसकी ओर देखा नहीं। शाम को घर आया और आशीष का फिर से कॉल आ गया और पूछने लगा आज तो ट्यूशन में कुछ नहीं हुआ न। 

गोलू रोते हुए आशीष से कहता है, “भाई तुझे पता है ना मैं कभी जूठ नहीं बोलता हूं।”

आशीष कहता है, “हां। मुझे खुद से भी ज्यादा विश्वास है।”

गोलू जबाव देता है, “मुझे वो लड़की ही चाहिए यार, मैं उसे खुद से भी ज्यादा प्यार करता हूं।”

“ठीक है फिर नंबर दे उसका एक बार मैं बात कर के देखता हूं।” आशीष ने कहा,

गोलू ने उसे नंबर दिया और उसके बाद आशीष कॉल काट दिया और रात थी तो उसने मैसेज करना ठीक समझा। 

आज तक न तो गोलू को पता है उसने सिम्मी से क्या कहा था, गोलू ने बहुत कोशिश की जानने के लेकिन उसे कभी भी आशीष ने बताया नहीं क्या कहा था। 

आशीष थोड़ी देर बाद कॉल कर के बताया कि वो मैसेज करेगी थोड़ी देर से। गोलू खुशी के मारे पागल हो गया था, उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह आशीष का किस तरह शुक्रिया अदा करे।

अगले दिन गोलू ट्यूशन पहुंचा तो उसे लगा था कि वो खुश होगी और बात करेगी लेकिन ट्यूशन में उसका उल्टा हुआ।

सिम्मी पहले से ट्यूशन के बाहर गोलू का इंतजार कर रही थी। गोलू उसको देख खुश हो गया। सिम्मी से सबसे पहले पूछा जिसको मेरा नंबर दिया वो कौन है। गोलू ने जबाव दिया कि मेरा प्रिय मित्र है। 

सिम्मी गुस्से से कहते है, “जो कुछ हुआ था,वो तेरे और मेरे बीच में हुआ था तो तेरा दोस्त उसे कैसे ठीक कर सकता है। न तो वो मुझे जनता है ना मैं उसे जानती। बता कैसे ठीक करवा सकता है।”

गोलू की खुशी एक सैकंड में ही कहीं गायब हो गई थी। गोलू सहमे हुए जबाव देता है, “मुझे लगा.. !”

सिम्मी गोलू की बात खत्म होते ही तीखे स्वर में कहती है, “क्या लगा तुझे ?”

गोलू प्यार तो करता था लेकिन कभी उसे जताना नहीं आया कि प्यार कैसे जताते है। उसने सिम्मी को “सॉरी” कहा और ट्यूशन के द्वार की ओर जाने लगा। 

तब सिम्मी कहती है, “कहां जा रहा है ? मुझे आज तक तू समझ नहीं आया, तुझे बात भी करनी होती है, लेकिन कुछ कहना भी नहीं है। और हां अब कभी तेरे मेरे बीच कुछ होगा तो तू मुझे बताना न की अपने किसी दोस्त को की जाके बोल दे उससे।”

गोलू तो वहीं खड़ा रहा लेकिन सिम्मी इतना कहकर ट्यूशन के अंदर चली गई।

कुछ दिन दोनों ने आपस में बात नहीं की, गोलू व्हाट्सएप पर ब्लॉक ही रहा। लेकिन उस बीच उसके व्हाट्सएप समूह में उनकी खूब बातें होने लगी थी।

उनके वार्तालाप से बाकी लोगों की समस्या हुई तो उन्होंने गोलू और सिम्मी को चेतावनी दी कि अगर अब तुम दोनों इस समूह में बेवजह की बातें की तो हम तुम्हें समूह से निकल देंगे।

दोनों एक दूसरे से भागने की कोशिश तो करते थे लेकिन प्यार भी करते थे। व्हाट्सएप समूह में बात नहीं हुई तो अब फिर से ट्यूशन में एक ही बैंच पर बैठने लगे थे। पूरी ट्यूशन को तो लगता था कि इन दोनों की बीच गहरा प्यार है। कई लोगों ने तो गोलू से कहा तक था कि शादी कब कर रहा है और गोलू बेचारा तो अभी तक उसके प्यार के लिए ही तरह रहा था। भले गोलू सिम्मी के प्यार के लिए तरह रहा था लेकिन जब लोग उससे कहते थे कि वो तेरा साथ ही नहीं छोड़ती क्या चल रहा है तुम दोनों के बीच तो खुशी होती थी, तो उसे हमेशा खुशी होती थी कि वो भले तरस रहा हो लेकिन सारी दुनिया को लगता है कि हम दोनों प्यार में हैं।

एक दिन गोलू ने सिम्मी से कह ही दिया कि ट्यूशन में लोग मुझसे अक्सर पूछते है कि तुम दोनों के बीच क्या चल रहा है। 

सिम्मी पूछती है, “तो तू क्या कहता है ?”

“वो मेरी बस अच्छी दोस्त है उससे ज्यादा कुछ नहीं चल रहा है।” गोलू ने कहा,

“बहुत अच्छा !” सिम्मी ने जवाब दिया।

गोलू का हमेशा उसे कहना चाहता था कि अब तो सारी दुनिया को भी हम दोनों के बीच की नजदीकियों का पता चल गया है। हम कब तक उस सचाई से दूर भागते रहेंगे, लेकिन उसने कभी सिम्मी से कहा नहीं।

सोना मैडम ने उस दिन अचानक टेस्ट ले लिया। टेस्ट में ज्यादा नहीं बस 15 सवाल थे और ये थोड़ा अजीबो गरीब टेस्ट था इसमें ऐसा था कि जो दूसरे स्थान पर आएगा वो पहले वाले को चॉकलेट लायेगा।

यह मैं झूठ नहीं बोल रहा हूं,, आपको लग रहा होगा मन से कुछ भी दे रहा है। आप गोलू की ट्यूशन में जितने भी लोग थे उनसे पूछ सकते है।

टेस्ट में 15 किताबों के नाम दिए जिनके लेखक के नाम सबको अपनी कापी के एक पेज पर लिखने थे।

जिस पेज पर गोलू ने टेस्ट दिया था वह आज भी उसके पास रखा है। गोलू को बिलकुल डर नहीं था क्योंकि उसने सारी क्लासेज ली थी तो उसे सारी किताबें और उनके लेखक के नाम पता था। गोलू ने बड़े आराम से सबसे पहले टेस्ट कर लिया और वो पेज सोना मैडम को दे दिया।

उसके बाद सब ने दिया और आरोही ने सबसे अंतिम में अपना टेस्ट पूरा किया।

सोना मैडम कापी जांचना शुरू किया और मेरी कॉपी सबसे पहले जाँची। कॉपी जाँचने के बाद सोना मैम ने नंबर बताना शुरू किया और जिसके सबसे कम अंक थे उन्हें मैम ने पहले अंक बताए। 

7 नंबर सबसे कम चंदन और रवि के थे उसके बाद 12 तक गए और 12 नंबर सिर्फ एक ही जान के थे वो था गणेश लेकिन अभी भी 3 कापी बची हुई थी जिसमें गोलू की कापी, सिम्मी की ओर आरोही की कापी बाकी थी।

सोना मैम ने कहा कि नंबर तीनों के बराबर आए है लेकिन इस जीत का असली हकदार वो है जो ट्यूशन नहीं आ रहा था और उसके बाद भी उसके इतने नंबर आए।

गोली ने कहा मैम सीधा बोल दिए कि चॉकलेट मुझे लाना है।

सोना मैम गोलू से कहती है, “तुम रोज ट्यूशन आ रहे हो इसके बाद भी तुम्हारे 14 अंक कैसे आए है।”

गोली को भरोसा ही नहीं हुआ कि उसके 14 अंक कैसे आएं, जब उसने देखा तो पता चला कि मैम ने “मन की बात” पुस्तक के लेखक का नाम पूछा था और उसने अरुण जेटली लिखा था, जबकि “मन की बात” पुस्तक के लेखक राजेश जैन थे और “मन की बात : ए सोशल रेवोल्यूशन ऑन रेडियो” के लेखक अरुण जेटली थे।

सोना मैडम ने उन दोनों से पूछा कि तुम दोनों तो ट्यूशन आ नहीं रही थी तुमने यह याद कैसे किया। दोनों होशियार बनकर कहती है कि हमें यह पहले से आता था।

गोली ने कहा “जमीन पर आ जाओ और थोड़ा कम जूठ बोलो, मैम इन दोनों को मैंने भेजा था यह सब।”

ट्यूशन में सभी हंसने लगे और सोना मैम ने गोलू से कहा कि तुम्हें इन्हें भेजा इसके बाद भी इन्होंने ने “मन की बात” पुस्तक के लेखक का नाम सही लिखा है और तुम्हें गलत कैसे कर दिया।

गोलू ने कहा “मैम मैंने सही लिखा है बस पुस्तक बदल गई।”

सोना मैम ने मुस्कुराते हुए कहा “अच्छा ! देखना परीक्षा में भी ऐसा ही कर आयो और फिर बाद में कहो कि उन लोगों ने सवाल गलत दिया था मैं तो सही उतर लिखकर आया हूं। आज के टेस्ट के विजेता आरोही और सिम्मी है और गोलू इनको चॉकलेट लगेगा अभी।”

गोलू उसी समय चॉकलेट लेने गया और सीढियां उतरते हुए खुद को इतनी गलियां दे रहा था कि पूछो मत क्योंकि उसके पैसे खर्च होने वाले थे और उसके जैसा कंजूस व्यक्ति किसी पर एक रुपए न खर्च करे। सीढियां उत्तर कर नीचे पहुंचा तो देखा कि आज वह दुकान ही बंद है जहां चॉकलेट मिलती थी।

उनकी ट्यूशन चौथे माले पर थी इसके बाद भी गोलू ने सीढियां चढ़ने में एक मिनट लिया होगा और उसके चेहरे पर जंग जीतने वाली मुस्कान थी। सोना मैम से जाकर कहा कि मैम आज नीचे वाली दुकान ही बंद है।

सोना मैम गोलू से कहती है, “कल तुम चॉकलेट लेकर आओगे।”

गोलू अगले दिन ट्यूशन पहुंचा और क्लासेज चल रही थी, वह चॉकलेट लेकर नहीं गया था। क्योंकि गोलू को लग रहा था कि उसके भी 14 अंक ही आएं है तो वह क्यों चॉकलेट लाए।

आरोही लगभग भूल चुकी थी कि गोलू को आज चॉकलेट लाना था, लेकिन सिम्मी को याद था। जैसे ही सोना मैम आई उसने मैम से कह दिया कि मैम गोलू चॉकलेट नहीं लाया आज भी।

सोना मैम ने गोलू को कहा जाओ अभी चॉकलेट लेकर आओ नहीं तो मैं तुम्हें अपनी क्लासेज में बैठने नहीं दूंगी।

उस दिन भी वह दुकान बंद थी लेकिन उस दिन गोलू किसी और दुकान से चॉकलेट लेकर उपर गया। वह 10-10 वाली चॉकलेट लाया था। जाकर दोनों को दी तो कहने लगी इतनी मांगी चॉकलेट क्यों लाए हो गोलू !

गोलू कहता है, “ले आया हूं वही बहुत बड़ी बात है।”

गोलू का मूड पूरी तरह खराब हो चुका था क्योंकि वह एक रुपए भी किसी पर खर्च नहीं सकता था।

क्लासेज कहती होने के बाद गोलू का मुरझाया हुआ था तो सिम्मी ने उसे बुलाया और कहने लगी “चॉकलेट नहीं लाना था तो माना कर देता अब ऐसे क्यों मुंह बनाए फिर रहा है।”

“ठीक है आगे से बंद कर दूंगा।” गोलू इतना कहकर अपनी बस के लिए जाने लगा। सिम्मी कहती है, “कहां जा रहा है अब।”

“अपने घर जा रहा हूं।” इतना कहकर फिर आगे बड़ गया।

सिम्मी चिल्लाते हुए कहती है, “इधर आ पहले फिर जाना।”

गोलू वापस जरूर आया लेकिन उसने एक बार भी सिम्मी की आखों में नहीं देखा।

सिम्मी कहती है, “तुझे कहना क्या था मुझसे ?”

“मुझे कुछ नहीं कहना था।” गोलू ने जबाव दिया।

“तुझे पता है, तू मुझे आज तक समझ नहीं आया। जब मुझे लगता है कि तू कुछ बोलेगा तब हमेशा शांत बैठा रहेगा और जब लगता है ना कि अब शायद यह कभी बात नहीं करेगा तो बात करने की जी जान कोशिश करेगा। न जाने तू किस से डरता है। तू जिससे भी डरता है, मुझे नहीं पता लेकिन एक दिन तेरा यह डर ही तुझे मार देगा अगर तूने समय से पहले डरना बंद नहीं किया तो।” सिम्मी ने गोलू से कहा,

“हां, शायद तू सही है। मुझे डर लगता है, हर एक उस इंसान से जिसे मैं अपना समझता हूं, कहीं मेरी वजह से वह दुखी न हो जाए। कहीं मैं कुछ गलत न कह दूं, कहीं मेरी वजह से वो दुखी न हो जाए। देख मेरी बस आ रही है।” इतना कहकर वह बस की ओर भागा और सिम्मी बस उसको देखती रही, वह बस में चढ़ गया।

पहली बार गोलू को उसके बारे में किसी ने सच बताया था। जितना भी सिम्मी ने कहा था वह सच था यह गोलू भी जनता था।

गोलू घर पहुंचा और उसने सिम्मी को मैसेज किया, “मैं डरता हूं, यह शत प्रतिशत सत्य बात हैं। लेकिन मैं सिर्फ तेरे ही सामने डरता हूं, क्योंकि तुझे मैं बेइंतहा मोहब्बत करता हूं। तुझे मैंने अभी पाया भी नहीं है लेकिन खोने से डरता हूं। मैं हद से ज्यादा मोहब्बत करता हूं।”

सिम्मी ने जबाव दिया, “तू क्यों मेरे पीछे पड़ गया है, मुझसे अच्छी हजारों लड़कियां है। तू पढ़ने में अच्छा है, कोई भी लड़की तुझे हां कह देगी।”

“मुझे हजार, लाख लड़कियां नहीं चाहिए। मुझे बस एक चाहिए और सिर्फ तू चाहिए।” गोलू ने कहा,

“देख गोलू, मैं सच में अभी इन सब में नहीं पड़ रही हूं। एक मेरे स्कूल का लड़का है, वो तुझसे पहले से मेरा इंतजार कर रहा है। अगर मुझे तुम दोनों में से कोई एक चुनना भी पड़ा तो मैं उसे ही चुनूँगी। क्योंकि मैं उसे पहले से जानती हूं।” सिम्मी ने कहा,

“ठीक है।” गोलू ने कहा,

“सॉरी गोलू !” सिम्मी ने कहा,

“अरे कोई न तेरा व्यक्तिगत जीवन है, जो तुझे ठीक लगे वही करना।” गोलू ने कहा,

गोलू शायद हमेशा के लिए सिम्मी से दूर हो जाना चाहता था। उसने आगे किया भी वैसा ही ट्यूशन जाता था लेकिन उसे अभी किसी से मतलब नहीं था। चुप चाप क्लासेज के घर आ जाता, ना किसी से बात करनी, ना किसी प्रश्न का उत्तर देना। सब को एक दिन में बदल गया था। जिन रातों में गोलू चैन से सोता था, अब रातभर जगाने लगा था। गोलू के लिए सब कुछ खत्म हो गया था।

गोलू और सिम्मी का जन्मदिन आने वाला था। खास बात दोनों का जन्मदिन एक ही तारीख को पड़ता था। 

आगे जानने के लिए आपको इंतजार करना पड़ेगा भाग 2 का और अगर आपको यह भाग पसंद आया तो इसको शेयर करें और मुझे फॉलो करें 


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