कलमकार सत्येन्द्र सिंह

Drama Tragedy

4.3  

कलमकार सत्येन्द्र सिंह

Drama Tragedy

तखत

तखत

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हर पुराने तखत की भी बस एक ही कहानी होती है,
मेरी तरह.जब तक प्रयोग लायक हो...उसका उपयोग होता है.
फिर किसी दिन घर की सफाई या व्यवस्थित करते हुए उसे स्टोर रूम में शिफ्ट कर दिया जाता है.
जब कभी स्टोर रूम की सफाई होती है तो उस पुराने...टूटे तखत को या तो बाहर फेंक दिया जाता है या अग्नि के सुपुर्द कर दिया जाता है.
यहाँ बस एक ही अंतर है...इस घर के बाहर मेरे नाम की प्लेट अभी टंगी है और उस पर स्वर्गीय लिखा जाना बाकी है.


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