तेरा साथ है कितना प्यारा
तेरा साथ है कितना प्यारा
निधि रसोई में काम कर रही थी कि तभी फोन की घंटी बजी पति पंकज ने देखा तो कोई अननोन नंबर था। इसीलिए रसोई में जाकर निधि को फोन पकड़ा दिया और खुद बाहर आकर अपना काम करने लग गया 2 मिनट बाद ही निधि बाहर आई।
"पंकज आज मैं बहुत खुश हूं जानते हो कहां से फोन था.....? तुम्हें याद है मैंने जॉब के लिए अप्लाई किया था बस वही से कॉल था मुझे नौकरी मिल गई है।"
"अरे वाह निधि बहुत-बहुत बधाई हो। 4 साल के बाद काम पर लौटना.......... बहुत एक्साइटिड लग रही हो वैसे टाइमिंग वगैरह क्या है।" पंकज की बात सुनकर एक तरफ तो निधि खुशी से फूली नहीं समा रही थी तो दूसरी तरफ अब उसे अपने लाड़ले चीकू की चिंता हो रही थी कि वह सब कुछ कैसे मैनेज करेंगी। निधि के चहकते हुए चेहरे पर अचानक से थोड़ी सी टेंशन आ गई जिससे पंकज ने कुछ ही सेकंड में पहचान लिया।
"अरे क्या हुआ निधी अभी-अभी तो इतनी खुशी थी अब टेंशन में लग रही हो....।" पंकज ने निधि के कंधे पर हाथ रख कर कहा।
"खुश तो मैं बहुत हूं लेकिन चीकू की चिंता हो रही है सब कुछ कैसे मैनेज होगा। अब तक तो उसे मेरे साथ रहने की आदत है क्रैच में जाना भी अभी अभी शुरू किया है उसने........ कैसे सब कुछ एडजस्ट हो पाएगा.....?" चिंता भरी निगाहों से निधि ने पंकज से कहा।
"निधि इतनी टेंशन लेने की जरूरत नहीं है आज तक जब भी मुझे मेरे ऑफिस में कोई भी दिक्कत हुई है या मैं बाहर जाता हूं तो मेरा ऑफिस और घर तुम दोनों मैनेज कर लेती हो और इसीलिए मैं भी टेंशन फ्री रहता हूं तो फिर आज जब तुम्हें मेरे साथ की जरूरत है तो फिर मैं कैसे पीछे हट सकता हूं........ इसलिए चिंता मत करो हम दोनों मिलकर सब मैनेज कर लेंगे। चलो यह बताओ कि तुम्हें कितने बजे जाना है....??
"मुझे 10:00 बजे ऑफिस पहुंचना है तो कम से कम 9:30 तो निकलना ही पड़ेगा।"
"ठीक है तो सुबह तुम जब मेरा टिफिन बनाती हो उस समय तुम्हारा और चीकू का भी टिफिन बना लेना और जब मैं ऑफिस जाऊंगा तो तुम्हें ऑफिस और चीकू को क्रेच में छोड़ कर जाऊंगा और मुझे लगता है तुम 5:00 बजे तक फ्री हो जाओगी।"
"नहीं 6:00 तो बज ही जाएंगे।"
"ठीक है तो तुम उस समय आते आते चीकू को ले आना। और हां फिटनेस को ध्यान में रखते हुए तुमने जो हमारी कामवाली को हटा दिया था ना उसे वापस बुलवा लेना घर के बाकी के काम वह कर देगी। संडे को छुट्टी होगी उस दिन घर का जो भी सामान चाहिए या शॉपिंग करनी हो या और भी कोई भी काम हो वह हम दोनों मिलकर कर लेंगे। इसके अलावा और कुछ बाकी हो तो बताओ......?"
"इसके अलावा तो क्या काम बाकी हो सकता है....... लेकिन हां संडे को मैं खाना नहीं बनाऊंगी।"
"ठीक है मैडम......... जो हुक्म........ अब जब इतना कर रहा हूं तो यह भी सही.......... संडे को हम बाहर से खाना मंगवा लेंगे या फिर कैंडल लाइट डिनर.......सही है ना.....?"
"पंकज आप जानते हो एक बार तो मुझे इतनी टेंशन हो गई कि सब कुछ कैसे होगा लेकिन आपने तो कुछ मिनटों में ही मेरी सारी टेंशन खत्म कर दी और हां मैं जानती हूं थोड़ा सा मुश्किल है लेकिन अगर हम दोनों मिलकर एडजस्ट करेंगे तो सब कुछ हो जाएगा। " पंकज की बांहों में बाहें डालते हुए निधि ने कहां और मन ही मन गुनगुनाने लगी "तेरा साथ है कितना प्यारा।"
