स्वावलंबन की मिसाल

स्वावलंबन की मिसाल

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" बच्चो, नमस्ते, क्या आप सब तैयार हैं आज की चर्चा के लिए ?"

"नमस्ते चाचाजी,हम सब बेसब्र हैं कि आज आपके पिटारे से क्या निकलेगा !" हंसते हुए हिमांशी ने कहा।

"ओह,ऐसा ! तो आज हम बात करेंगे एक आदर्श गांव की जो मिसाल बन गया अन्य गांवों के लिए।"

"जरुर यह स्थान हमारे भारत में ही होगा, है न चा चाजी ?"पारुल ने पूछा।

"बच्चों, मैं तुम्हें बता चुका हूं कि हम 52 सप्ताह तक भारत के बारे में ही बात करेंगे।निश्चित तौर पर यह स्थान भी भारत में ही है।

यह स्थान है कानपुर ,जालौन का इटोरा अकबरपुर गांव जो ग्राम स्वावलंबन का प्रेरक उदाहरण बन कर सामने आया है। ग्राम प्रधान की सोच और ग्रामीणों के सहयोग से विकास की राह पर रफ्तार भर रहे इस गांव का डंका देश दुनिया में बज रहा है।"

"वह कैसे चाचू ?"

"इन्होंने सरीला, जाल्हूपुर हाईवे पर स्थित इस गांव की कारोबारी महत्ता वाली ग्राम समाज की बड़ी जमीन से अवैध कब्जे हटाकर पार्क, श्मशान भूमि और यात्री प्रतीक्षालय बनाए। 9 दुकानें बनवाकर बेरोजगारों को मामूली किराए पर दीं। यात्री प्रतिक्षालय बनवाये, जिससे वाहन रुकने लगे। इससे ग्रामीणों को रोजगार मिला।

 और तो और गांव में मर रहे तालाब को जीवित कर नौका विहार का केंद्र बनाया गया ।कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले मेले को वृहद और व्यवस्थित कर उससे पंचायत की आय बढ़ाई गई।

 यहां 50 फीसद से अधिक घरों में पाइप लाइन के जरिए जलापूर्ति है ।17,000 लीटर क्षमता के तीन सोलर वॉटर टैंक भी साफ पानी दे रहे हैं। गांव के

 एक दर्जन प्राइमरी स्कूल , दो इंटर कॉलेज, 1 डिग्री कॉलेज आसपास के डेढ़ दर्जन गांवों को शिक्षा मुहैया करा रहे हैं। सोलह सौ परिवारों में तेरह सौ के पास पक्के मकान हैं। 400 ने पक्के मकान पानी पूरी के व्यापार करके बनाये हैं। 50 परिवार उज्जवला रसोई गैस ,शौचालय समेत पीएम आवास आदि सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। यहां 50 लोगों के पास ट्रैक्टर हैं। 20 के पास निजी नलकूप हैं , लोग सेवा के बदले यूजर चार्ज देते हैं।

पंचायत ऑन सोर्स रेवेन्यू के तहत हर साल एक लाख से अधिक आय अर्जित कर रहा है । यहां बैंक शाखा और एटीएम की सुविधा भी उपलब्ध है।"

" निसंदेह यह गांव स्वावलंबन का एक प्रेरक उदाहरण है,चाचाजी,पने यहां के ग्राम प्रधान का नाम नहीं बताया।"

" ओह ! हां, ये हैं एक युवा ग्राम प्रधान, अमित द्विवेदी,जिनकी सोच का यह परिणाम है।इन्हें पंचायत सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीनदयाल उपाध्याय पंचायती राज पुरस्कार से सम्मानित किया है,साथ ही ग्राम विकास के लिए ₹12,00000 भी दिए हैं। इन्हें समरसता पंचायत विकास के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं।"

 "चाचाजी, कितना गर्व होता है जब ऐसे निस्वार्थ भाव से कार्य करने वालों के बारे ने जानकारी होती है कि वे भारतीय हैं।",भारत ने सर उठा कर कहा।

"बिल्कुल सही, आप भी तो बड़े होकर देशहित के काम करेंगे,अच्छा बच्चो,जय हिंद।"

"जय हिन्द,चाचाजी।" 


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