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abhhi vyakti

Abstract

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सुरेखा : हिम्मत

सुरेखा : हिम्मत

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सुरेखा टूट गयी थी , अब उससे ये सब नही सहन हो रहा था , ये उसका तीसरा गर्भपात है 


नील कमरे में आते हुए ! वो सोने का नाटक करती है , और नील उसके माथे को सहलाता हुए कहता है कि "मुझे माफ़ कर दो , बच्चे के लिए मैंने ही दवाब बनाया तुमपर , और ये सब , ये नसीब ही ख़राब है ।"

सुरेखा की आँखों से आंसू आ जाते हैं , निल ये देखकर उसे चुप करता है और कहता है चुप हो जाओ , वो अब भी कुछ नही बोलती , वो चुप है ! 


घर पहुँचते ही ; 

"पता नही क्या किस्मत लेकर आई है , एक लड़का ही तो चाहते हैं" , 


"माँ ! डॉक्टर कह रही थी की अंदर से शरीर कमज़ोर हो चूका है , और अब गर्भपात नही झेल पाएगी ! "


"हाँ ! तो एक बार और देख ले , लड़का हुआ तो सही नही तो देखेंगे फिर ! "


सुरेखा सब सुन रही है , सही तो कहा कि क्या किस्मत लेकर आई है , इतनी कमज़ोर , वो कायर है और ये आवाज़ रोज उसे अंदर से आती है , 

उसने अपनी तीन अजन्मी बच्चियों को मार दिया है , वो खूनी है , खूनी ! 


तभी निल कमरे में आता है और उसे एक जोर का थप्पड़ मरता है , की क्या करना चाहती थी , "वहां हॉस्पिटल में तूने क्या कहा उस नर्स को , बोल ! 

देखो ! बेटा चाहिए , और बेटियां , पहले से ही एक पनौती हैं मेरी ", 


सोचा की दूसरी शादी होगी और एक बेटा मिलेगा , इसकी माँ तो एक बेटी दे कर मर गयी , ।और वो बड़बड़ाता हुआ अपना फ़ोन लेकर कमरे से बहार निकल जाता है , 

उसकी भी ये दूसरी शादी है , पहली शादी मैं उसका पति उसे बहुत प्यार करता था पर कुछ महीनो मैं ही दुर्घटना में उसकी जान चली गयी ! और यहाँ उसके पति की उसकी पहली पत्नी से एक बच्ची है जो बोल नही पाती , उसने कितनी दफा सोचा वो यहाँ से भाग जाये पर उस बच्ची का मासूम चेहरा उसे रोक लेता है , पर आज उसका कायरपन उसे खा रहा है , उसके सरीर मैं जान नही है , वो सुख कर हड्डी हो गयी है , उसके सर पर कितने कम बाल हैं , वो टमाटर सा खिला चेहरा , पूरी तरह मुरझा गया है , इतना की मुरझाया फूल भी रो पड़े ! वो रात होते ही घर से चुपके से निकल जाती है , और बेतहाशा भगति है , उसे अब एक और कायर ख्याल आया है कि वो अपनी जान देगी ( मुझे ये औरत बेवक़ूफ़ लगती है , पर मैं ऐसा होने नही दूंगी )

वो ब्रिज तक पहुंच जाती है और कूद जाती है , उस हड्डी को जमा देने वाले पानी मैं , तभी वो सुनती है एक आवज़ ,कितने वक्त से उसका दिमाग शून्य था अब वो जाग गया और वो उस आवज़ को अपने नज़दीक देखती है , 


ये क्या ! ये तो एक बच्चा है !

वो खुद की जान लेने आयी थी पर अफ़सोस एक बच्चे ने खेल बिगाड़ दिया ( अब इसे अक्ल आए की ये क्या कर रही थी , उस क्रूर परिवार से डर कर , सब सहकर मरने आ गयी थी , बेवक़ूफ़ )उसने उस बच्चे को अपनी तरफ खिंचा और किनारे तक ले आई , ये बच्चा साँस नही ले पा रहा था तभी सुरेखा ने उसे संस देना शुरू किया और उस बच्चे को होश आया , पर उसका पूरा शरीर कांप रहा था , सुरेखा भगति हुई एक क्लीनिक जाती है , आखिर इतनी रात क्या खुला होगा , वो भाग रही है उसे लेकर और तभी उसे एक फॅमिली मिलति है और वो उसे हॉस्पिटल ड्राप करते हैं ,ये वही हॉस्पिटल है जहाँ उसका गर्भपात हुआ था , 

डॉक्टर बच्चे को देखते हैं , नर्स उसके भीगे कपडे बदलती हैं , और डॉक्टर कहते हैं ये ठीक है ज्यादा कोई बात नही , 

नर्स उसे पहचान जाती है वो पूछती है कि आज ही तुम्हारा , और तुम भाग दौड़ कर रही हो , देखो पूरी भीग गयी हो , तुम भी कपडे बदल लो , 

वो भी कपडे बदल लेती है , अब बच्चे को होश आता है , बच्चे की उम्र 4 से 5 साल होगी और वो अनाथ है , वो उठते ही सुरेखा के गले लग जाता है जैसे बहुत डरा हुआ है , वो अपनी मासूम आँखों से पूछता है आप मेरी माँ हैं , 

वो हैरान हो जाती है और वो बच्चा उसे पूरी कहानी सुनाता है कि उसकी मामी ने उसे एक घर पर छोड़ दिया और वो लोग उससे काम करवाते , और उस घर में एक अंकल उसे बहुत मारते , एक दिन वो लोग मुझे एक दूसरे घर छोड़ कर आ गए और वो तो और बुरे लोग थे , मैं वहां से भाग गया और मैंने एक आदमी को कहता सुना , ये नदी माँ है , और मैंने उससे पूछा क्या ये नदी माँ देती है वो अंकल हंसने लगे और उन्होंने कहा हाँ ! 

वो जब चले गए तो मैंने नदी से पूछा की मेरी माँ भी दो , पर वो नही दे रही थी तो मैंने सोचा की मैं खुद इसके अंदर से अपनी माँ खोजूंगा , 

और मैं कूद गया माँ ! 


सुरेखा रोने लगती है और सोचती है कि मैं अपनी बच्चियों को नही बचा पायी , उन्हें मार दिया पर इसे मैं कुछ नही होने दूंगी , ये मेरा बच्चा है , 

वो बहुत रोतीं है और उसे कहती है कि हाँ , मे ही माँ हूँ ! 

उसके पति को पता चल गया है कि वो घर से चली गयी है , वो उसे ढूंढता है पर वो नर्स की मदद से police के पास जाती है  उसे हमेशा से यही दर था कि वो पढ़ी लिखी नही है और वो एक बेवकूफ है पर हिम्मत पढ़ने लिखने भर से नही आती , वो आती है हौसले से ,उसने इतने साल सहा जो गलत था , ।

पर अब और नही , कुछ ही दिनों में वो डिवोर्स भी लेती है , उसे उसी नर्स की मदद से एक जगह नौकरी भी मिल जाती है , वो कई औरतें के साथ मिलकर एक खिलोनो की कारखाने मैं काम करती है और साथ में पढ़ना भी सीखती है , तभी पिछे से उसका बेटा उसे आवाज़ लगाता है माँ , और वो पीछे मुड़कर देखती है , 

उसका बेटा जिसका नाम उसने हिम्मत रखा है और तभी उसकी बेटी उसके गले लग जाती है और सांकेतिक भाषा में उसे कहती है , माँ आप दुनिया की सबसे अच्छी माँ हो ,

डाइवोर्स फाइल करते वक्त उसने स्नेहिल कि कस्टडी भी ले ली , जिसमे उसके उस पिता और दादी ने कोई आपत्ति नही दिखाई और साथ मैं उसके साथ जोरजबरदस्ती के केस में जेल भी हुई पर उसने कोर्ट मैं कहा कि इसने मेरी पहली बच्ची को मारा तभी मुझे कदम उठाना चाहिए था पर मैं डर गई और भूल गयीं थी मैं भी तो गलती कर रही हूँ , मुझे भी कोई सजा दीजिये , ये सुन कर जज कहता है कि अपने बच्चो को वही सिखाना जो तुमने सिखने मैं देर कर दी , तुम्हारी सजा यही है कि ये बच्चे तुम्हारी जिम्मेदारी है कोई भूल हई तो तुम्हे नही छोड़ा जायेगा और वो आंख झुककर उनका अभिवादन करती है ।


( हाँ , अब ये बेवक़ूफ़ ये गलती नही करेगी क्योंकि इसके बेटे और इसकी हिम्मत ने इसे दूसरा जन्म दिया है , तभी तो बेटे के नाम हिम्मत रखा , मुझे तो यही लगता है )


..

सहना बेवकूफी है , वैसे मैं भी बहुत डरपोक और दोगली हूँ !



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