सपने
सपने
अनाहिता राजपूत राजस्थान मे रहने वाली लड़की थी। अनाहिता को नाचने और गाने का शौक था, उसके घरवालों को यह बिलकुल पसंद नहीं था, की उनके घर का कोई भी सदस्य ये काम करें, उसके घर मे सारे काम करने की छूट थी, घर के लोग चाहते थे की वो कोई सरकारी नौकरी करें, परन्तु अनाहिता को मंजूर न था,
फिर भी उसने सरकारी नौकरी की तलाश शुरू कर दी,
क्यूंकि घरवाले चाहते थे।
अनाहिता ने सरकारी कार्यालय मे अपने लिए नौकरी खोज ली और करने भी लगी, शुरुवाती दौर मे उसे अपना काम ठीक लगता था, वो ख़ुशी -ख़ुशी कार्यालय जाने लगी, लेकिन कुछ दिन बाद उसे वहा काम करना अच्छा नहीं लगता क्यूंकि नये कर्मचारी भर्ती हुये थे वो लोग अच्छे नहीं थे। रोज कार्यालय मे उसकी और कर्मचारियों की बहस होने लगी थी तो उसने नौकरी छोड़ दी।
उसके नौकरी छोड़ने की वजह से उसे रोज घर के लोगो और बाहर के लोगो की बाते सुननी पडती थी।
सबकी बातो से परेशान होकर उसने सबसे बाते करना बंद कर दिया अब वह किसी से कुछ नहीं कहती थी। किसी को कुछ बताने से अच्छा उसने अपनी बातो को लिखना शुरू कर दिया कागजो पर क्यूंकि कोई उसकी बात समझता नहीं था तो उसने ये तरीका ढूँढा और आज वो लिखते - लिखते लेखिका बन गयी। उसने कभी सोचा ना था की वो कभी लेखिका बनेगी। आज उसकी लिखी हुई किताबे छपती है। उसके लिए आज भी ये सपना है।