एक सवाल
एक सवाल
एक सवाल मन में आया है, जिसको लोगो ने अक्सर अपना केंद्र बिंदु बनाया है। रंग रूप को लेकर कइयों ने सवाल भी उठाये है और टिप्पणी भी बहुत लिखी देखने को मिलती है।
एक सवाल मन मेंं आया है, जब माता काली को शक्ति का स्वरुप बनाया है, तो जब किसी का रंग काला या सावला होता है तो उसकी निंदा क्यू करते है, अक्सर लोग ये कहते फिरते है की मन में मैल न रखो प्यारे पर क्या खुद के मन पर लगे मैले को धोया है
कभी ये सोचा है की अगर कभी किसी के मन में मैल जम जाए तो कैसे साफ करें? क्या सिर्फ ये कहने से की मन पर मैल ना जमने दो से ही मन का मैल धूल जाता है।
एक सवाल मन में आया है अक्सर लोगो ने रंग रूप को क्यों अपना केंद्र बिंदु बनाया है??