Archana kochar Sugandha

Tragedy

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Archana kochar Sugandha

Tragedy

संवेदना

संवेदना

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जुगलकिशोर का रोज सड़कों पर अपने दोनों बच्चों के साथ अल्लाह के नाम पर दे दो, मौला के नाम पर, राम के नाम पर और भगवान के नाम पर दें दो का सिलसिला सुबह-सुबह एक कार द्वारा टक्कर मारने पर थम गया। जुगलकिशोर सड़क पर लहूलुहान पड़ा था। कार वाला टक्कर मार कर भाग चुका था। सिरहाने बैठे दोनों छोटे बच्चें फूट-फूट कर रो रहे थे तथा सड़क पर आने-जाने वालों से हाथ जोड़कर मदद की गुहार लगा रहे थे। लेकिन लोग आ रहे थे और जा रहे थे। फोटो, वीडियो बना कर फेसबुक, व्हाट्सएप तथा तमाम सोशल मीडिया के जरिए अपलोड करके संवेदना व्यक्त कर रहे थे। लाश कफन के इंतजार में और नन्हें -नन्हें बच्चें मदद की इंतजार में ताँक रहे थे। तभी छोटे बच्चे ने अपनी मैली-कुचली फटी हुई कमीज उतारी और लाश से खून को साफ कर दिया और बड़े ने अपनी कमीज का कफन ओढ़ा कर बाप की लाश को चिता के सुपुर्द कर दिया का वीडियो और फोटो खींचने वाला कारवाँ केवल लाइकस और कमैंट्स में संवेदना की वाहवाही लूटता रहा। 



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