Rekha Mohan

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संस्मरण दिनांक -भगवान शिव की तीसरी आंख - एक वार्तालाप

संस्मरण दिनांक -भगवान शिव की तीसरी आंख - एक वार्तालाप

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जब मैं 15 साल का बच्ची थी मेरे भाई अरुण को तब मेरे दादाजी दिवंगत श्री बी.के.डी. चोपड़ा ने ये बताया कि इस ब्रह्मांड में कोई भी पूर्ण नहीं है। उत्कृष्ट सौंदर्य और गुड लक कभी एक साथ नहीं मिलती। उन्होंने मुझे हिंदू पौराणिक कथाओं की 100 सबसे सुंदर महिलाओं की कहानियों सुनाई॥ भाई ने मुझे सुनाई। भाई अरुण का कहना था कि "सौंदर्य और सौभाग्य साथ साथ नहीं रहता।" मैने कहा, "ऐसा कभी नहीं। मैने कितनी ही सूंदर रमणियों को इतिहास और साहित्य में पढ़ा फिर बादशाह और राजा तो सूंदर लड़कियों से विवाह करवाते थे।" भाई बोले, "तभी तो कितने कितने विवाह होते थे, सुंदरता की बदकिस्मती से सब्र नहीं होता था।" हम दोनों में बहस शुरू हो गई। ये बात मई महीने की है कि हम भाई के ससुराल जागरण में गये थे। धर्म और आध्यात्मिक बातों में ये प्रश्न कैसे उठ गया नहीं जानती। भाई वकील और मैं ज्ञान की प्यासी। अब ये रुकने वाली बात नहीं थी। हमारी बात विषय पर घूम कर फिर आ जाती।

सभी मेहमानों की आँखों और कानो का केंद्र हम बन चुके थे। उनकी एक बात मुझे कभी नहीं भूलती "लक्ष्मी धन की देवी उसके पास सौंदर्य ,ऐश्वर्य सब कुछ पर पति के सामीप्य से पूर्णता होती है पर छोटी बहनों का विवाह के लिए विष्णु जी का कुआरे रहने का दर्द भी बना रहता। किसी भी घर में अधिक लक्ष्मी रहेगी तो नशे का घर बन जाएगा। इसलिए साथ में सरस्वती और गणेश जी को पूजा की जाती। माँ सरस्वती बुद्धि को सही रखती है और गणेश जी दोनों में कष्ट मिटा तालमेल रखते हैं। कहते हैं ब्रह्मा जी ने इसी प्रकार मूल्यवान रत्नों को इकट्ठा किया जो वे तीनों संसारों के रूप में से इकट्ठा कर सकते थे और उन सबसे एक सुंदरता बेजोड़ और सबसे सुंदर और सबसे आकर्षक महिला बनाई, उसका नाम था तिलोटामा। ब्रह्मा जी तिलोटामा की ऐसी सुंदरता थी कि यहां तक कि भगवान शिव, जो अपने साधु स्वभाव के लिए जाना जाते हैं और कोई भौतिक इच्छाओं से ऊपर हैं, भी उसके आकर्षण और सुंदरता से प्रभावित हुए बिना नही रह सके। भगवान शिव मंत्रमुग्ध थे उनके पास बैठी थीं और देवी पार्वती ने अपने दोनों हाथों से भगवान शिव की आंखों पर हाथ रखकर ढक दिया और इस तरह भगवान शिव की तीसरी आंख उभरी। लेकिन पूरा ब्रह्मांड अंधेरे में गिर गया।

आखिरकार, भगवान ब्रह्मा ने तिलोटामा को एक वरदान दिया कि कोई भी उसके शानदार सुंदरता और अद्भुत सौंदर्य को कुछ ही सेकंड तक देख सकेगा और वह किसी भी प्रतिबंध के बिना पूरे ब्रह्मांड में स्वतंत्र रूप से घूम सकती है। जब दुनिया के लोग के पाप अधिकतम सीमा पार जायेंगे तव वह भगवान शिव पर वापस आ जाएगी तब भगवान शिव अपनी तीसरी आंख खोल देंगे मतलब, - एक पूर्ण विनाश। मतलब भोले ने हर गुण की सीमा निर्धारित या मंत्र कवच पहना रखा.ये तो हमारे वेदों में बर्णित हैं, कोई कुछ भी बोलता रहे। मेरे और बहुत से रिश्तदारों के प्रश्न उठते रहे भाई सुवह भी प्रसाद मेवा का खाते अधकुआँरी प्रसंग सुनाते रहे। ये अपने पति की शक्ति देवियाँ है। किसी ने कहा, 'अगर विवाहित हो जाती तो राक्षसों से प्रचंड युद्ध न कर सकती। उनकी पति से झगड़ा कर शक्ति क्षीण हो जाती। इस तरह हमने जागरण में भज़न और गहन बैदिक बाते कर बहुत बड़ा समूह सुवह तक बिना सोये सुनते और बोलते रहे।

सुवह मुझे तो सूट और खूब उपहार मिले और प्यारी सी भावज़ और भतीजो की यादें बाँध घर की तरफ अध् सोये चल पड़े। आपको पसंद आएगा मेरा नए ज्ञान से भरपूर संस्मरण जी सुनी बातो से है प्रमाणिकता नहीं।


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