लघुकथा-सोनू चाय वाला '-
लघुकथा-सोनू चाय वाला '-
मैम मैं गाड़ी साफ कर देता हूँ', किसी गरीब की आवाज़ सुन अवाक से इधर-उधर देखने लगी, तभी देखा काला पतला गरीब लड़का फटी कमीज़ में खड़ा, कुछ चाह रहा था, मेरे पति ने जाना था ड्राइवर उस दिन नहीं आया था, मैं गाड़ी साफ करने के लिए कपड़ा लेकर आई थी, न जाने कहा से लड़का आ गया, उसे देख सोचने लगी कुछ इसे पैसे की ज़रूरत होगी तभी कह रहा है, मैंने उस बुला लिया और गाड़ी साफ करने लगा, इतनी ठंड में पतला कमीज़ पहना था, मैंने उसे मोटी कमीज़ और मेरे पति की पुरानी जैकेट दे दी कहा पहले इसे पहन लो, बहुत सर्दी है, बीमार हो जाओगे, लड़के ने पहले झिझक की फिर पहन ली, इस तरह मेरे पति ने पुछा चाय पिएगा, लड़के ने कहा नहीं साहब नाश्ता किया है, पास ही झुग्गी में रहते है, पति ने इशारा किया की चाय पीला दे, कुछ खाने को दे देना। पति तो चले गए डियूटी, लड़का आराम से घुल -मिल मेरे साथ काम में हाथ बटाने लगा, पार्किग जगह की सफाई करने लगा, मैंने चाय और आलू के पराठे खाने को दिए, और पैसे पूछे? मना करने लगा, कहने लगा बी.ए की है नौकरी नहीं मिलती घर का गुजर मुश्किल से होता है पिता को दमा है बहन की शादी करनी है, माँ भी काम से थक जाती है, मुझे तरस आया, मैंने कहा 'देखेंगे कहीं नौकरी लगवा देंगे ',लड़का बोला मैम लोन मिल जाता तो कोई काम शुरू कर लेता, मैं सोच में पड़गई। अनजान लड़का लोन की बात कर रहा है, मैंने उसे ध्यान न दे अंदर चली गई, कुछ दिन बाद मुझे जाना था गाड़ी खराब थी, सोचा कोई रिक्शा ले चली जाती हूँ, लड़का भाग कर रिक्शा चलाता आ गया, इस प्रकार तकरीबन घर आ जाता बच्चों को घुमा लाता। मिलिटरी कैंटीन से मेरे साथ राशन ताज महल चाय मुझे पसंद है या ब्रोक बोंड और दूसरा शेव, बशिग का सामान ले आते। मुझे एक दिन तरस आया उसे बैंक में जा गवाही पा लोन दिला दिया, फिर तो एक दिन ढेर सारे मिक्स पकोडे और चाय केतली में लेकर मेरे आफिस आ गया, , सबको कहता ब्रुक बोंड मैंम की पसंद चाय है, आप भी पियोगे खुश और फ्रेश हो जाओगे, मेरे बॉस ने उसे बही खड़ने की नीचे इज़ाज़त दिला दी। सच हर समय सोनू की चाय और पकौड़े की सर्दी में तो खूब मांग, अब तो कभी ब्रैड पिस भी तल लेता।
मेरे जब पाँव को हाथ लगता तो, मैं उसके हाथ पकड़ चाय साफ मेरे वाले कप में लाने को कहती-कहती हंस देती हूँ सोनू चाय वाला !