समाया

समाया

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- तुम्हें कभी गुस्सा नहीं आता?

- आता है, लेकिन ऐसी छोटी-छोटी बातों पर नहीं आता।

- यह छोटी सी बात है, मेरी आधी जान निकल गयी थी। अगर इस मज़ाक को माँ सच मान लेती तो...

- दोस्त है वो तुम्हारी, एक मज़ाक का इतना बुरा भी क्या मानना...और मज़ाक भी कहाँ किया, सच ही तो कहा कि तुम दोनों डेट पर गये थे।

- मैंने पहले भी कहा है कि मुझे इस मामले में बिल्कुल भी मज़ाक पसंद नहीं है, फिर चाहें वो तुम हो या नैना।

- वाह जनाब! प्यार से इतनी नफ़रत, मानना पड़ेगा आप किसी और ही मिट्टी के बने हैं।

- हाँ, और बेहतर रहेगा कि आगे से तुम इस बारे में कोई मज़ाक न करो।

- ठीक है, गलती हो गई। लेकिन तुम्हें इतना डर क्यों लगता है लोगों से?

- मुझे डर लगता है? वो भी लोगों से?...तुम्हारी नींद पूरी नहीं हो रही आजकल शायद, ध्यान रखो अपना।

- फिर वही ज़बरदस्ती का मज़ाक।

- क्यों, तुम्हारा सवाल ज़बरदस्ती का हो सकता है तो मेरा मज़ाक क्यों नहीं।

- इतना तो मैं तुम्हें अब तक जान ही गयी हूँ।

- क्या जान गयी हो?

- यही कि जब भी तुम्हें डर लगता है तुम मज़ाक करते हो,

- सीरियसली...?

- यह हँसी-ठिठोली सब एक झूठा दिलासा है, एक चादर की तरह जो सामने वाले से ज़्यादा तुम अपने ऊपर डाल लेते हो।

- ओह गॉड...तुम आजकल चार्ली चैप्लिन की ऑटोबायोग्राफी पढ़ रही हो?

- नहीं...मैं आजकल तुम्हें पढ़ रहीं हूँ।

- पता नहीं क्या हो गया है तुम्हें आज, मैं जा रहा हूँ।

- तो मतलब तुम यहाँ थे?

- क्या हो गया है तुम्हें...लड़कियों वाली दिक्कत?

- नहीं-नहीं...दिक्कत मेरी नहीं तुम्हारी है, बट डोंट वरी...यू विल बी फाइन।

- गैट वेल सून समाया...

- थैंक्स।

- वैसे तुम्हें पता है तुम्हारा यह नाम कैसे पड़ा?

- नहीं।

- मैं बताता हूँ।

- अच्छा, लेकिन यह याद रखना कि तुम उम्र में मुझसे 4 साल छोटे हो।

- सो व्हट?

- तो जिस समय मेरा नाम रखा गया था, उस समय तुम्हारे मम्मी-पापा की शादी भी नहीं हुई थी, तो तुम्हारे पैदा होने का तो सवाल भी पैदा नहीं होता।

- व्हटएवर...लेकिन मुझे यह पता है कि तुम्हारा नाम कैसे पड़ा होगा।

- अच्छा, तो बताओ..

- जब तुम पैदा हुई होंगी तो तुम्हारे पापा खुशी से फूले नहीं समाये होंगे इसीलिये तुम्हारा नाम समाया रख दिया।

- हा हा हा...टू फ़नी। वैसे यह मत भूलना कि तुमने ही मुझे यह नाम दिया है।

- हाँ-हाँ पता है।

- वैसे नैना तुम्हें पसंद नहीं है क्या?

- है, बट...

- बट जस्ट ऐज़ अ फ्रेंड। मैं जब भी यह सुनती हूँ मुझे हँसी आती है...ऐसा लगता है जैसे कोई कह रहा हो कि आइ कैन ड्राइव अ कार...बट जस्ट एज़ अ पैसेंजर...

- वाओ व्हाट अ फ़नी जोक...और तुम कहती हो कि मैं ज़बरदस्ती का मज़ाक करता हूँ...

- तुम्हीं से सीखा है, तुमसे अलग थोड़ी न हूँ मैं।

- पता है।

- आई लव हर बट जस्ट एज़ अ फ्रैंड...कितनी बार यह बोलोगे?

- जितनी बार तुम पूछोगी...

- जवाब तो तुम्हारे पास हर बात का है, है न?

- हाँ वो तो है...

- तो कभी जवाब की जगह सच भी बोल दिया करो।

- फिर फिलॉसफ़ी...माता समाया आप यह ज्ञान मुझ गरीब को मुफ़्त में दे रही हैं या इसकी कोई फीस भी है।

- फीस है बच्चा...लेकिन तुम्हारे बस की नहीं है वो देना...

- ओह रियली...बताओ क्या चाहिये।

- तुम्हें नैना को प्रपोज़ करना होगा।

- नो वे...

- मैंने कहा था न...तुम्हारे बस की नहीं है।

- हाँ नहीं है बस की...तुम जीती।

- मज़ाक था यार, अच्छा ये बताओ कि तुम्हें नैना से प्यार क्यों नहीं है।

- यह कैसा सवाल है?

- तुम्हें नैना से प्यार क्यों नहीं है?

- तुमसे नैना ने कुछ कहा है?...उसे तो मैं बताता हूँ

- अरे यार वो क्या बोलेगी, अब इतना भी क्या डरना...

- यार लोग प्यार करने की रीज़न्स बताते हैं, प्यार न करने के रीज़न्स कौन बताता है, नहीं है तो बस नहीं है।

. रीज़न तो हर बात का होता है जनाब, हाँ झूठ का कोई रीज़न नहीं होता कभी.

- चलो अब मुझे नींद आ रही है मैं सोने जा रहा हूँ, तुम भी प्लीज़ सो जाओ।

- जाओ न रोका किसने है...

- तुम्हें पता है न...

- क्या?

- यही कि जब तक तुम नहीं सोती हो तब तक मुझे नींद नहीं आती है।

- वाह! कितनी आसानी से तुमने सारा इल्ज़ाम मुझ पर डाल दिया।

- इल्ज़ाम?

- और नहीं तो क्या, मेरी वजह से तुम्हें नींद नहीं आती...सच तो ये है कि जब तक तुम नहीं सोते तब तक मैं भी नहीं सो सकती।

- शट अप!

- क्यों लगा न बुरा...और इससे भी बड़ा सच तो यह है कि मैं कुछ भी नहीं कर सकती तुम्हारी मर्ज़ी के बिना, न बोल सकती हूँ, न सोच सकती हूँ...बल्कि मैं तो यहाँ आ भी नहीं सकती अगर तुम न चाहो।

- हुह! बुरा मान गयीं, अरे मैं तो मज़ाक कर रहा था...तुम तो जानती हो कि मैं सिर्फ़ तुमसे ही अपनी बातें शेयर कर सकता हूँ...तुम्हारे सामने जो चाहें वो कह सकता हूँ।

- हाँ पता है...

- और तो और मैं जब चाहें जितना चाहें तुमसे झगड़ सकता हूँ, बहस कर सकता हूँ, तुमसे नाराज़ रह सकता हूँ।

- ईवन आइ कैन डू दैट।

- और तुम्हें पता है कि मुझे तुम कितनी पसंद हो...इनफैक्ट मुझे तो तुम पर मेजर क्रश है...यू आर एन आइडियल पार्टनर।

- हाँ, सच तो यही है...कि आइ एम एन “आइडियल“ पार्टनर...अ पार्टनर दैट कैननॉट एग्ज़िसट।

- छोड़ो भी अब यह सब, तुम फिर भी नैना से अच्छा ऑप्शन हो मेरे लिये...

- डोंट लाई...तुम मुझसे झूठ नहीं बोल सकते ये बात याद रखना, मैं तुम्हारा ही एक हिस्सा हूँ...किसी और को बेवकूफ़ बना सकते हो मुझे नहीं।

- नींद आ रही है...चलो अब तुम भी जाओ वरना मैं सो नहीं पाऊंगा।

- तुम सो जाओ मैं यहीं खड़ी हूँ, थोड़ी देर में चली जाउंगी।

- गुड नाईट समाया...

- गुड नाईट सम्भव...

 

 

 


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