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Ranjana Kashyap

Drama

3  

Ranjana Kashyap

Drama

शुभी

शुभी

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शुभी चुपचाप अपने बिस्तर पर लेटी हुई सोच रही थी, क्या करूंगी अब। उसे वो दिन याद आ रहे थे, जब उसका रिश्ता तय हुआ था, कितनी खुश थी वो, लड़के की अपनी दुकान है, घर अच्छा है। वो तो शायद पढ़ाई भी पूरी नहीं करती अगर ससुर जी ज़िद ना करते। आज देखो सब ख़तम हो चुका है, पति का काम और चरित्र दोनों ही ठीक नहीं निकले। आखिर क्या कमी थी उसमें।

अब इन दो बच्चों को पालने को नौकरी कर रही हूं।

अचानक उसको कमल जो उसके साथ काम करता था उसकी बात याद आई। "मैं बिजनेस करूँगा आप चाहो तो ज्वाइन कर सकते हो।"

कमल शुभी का जूनियर था दोनों एक्सपोर्ट हाउस में काम करते थे, पर बहुत होशियार था। सिर्फ एक्सपीरिएंस के लिए वो आया था। अगले दिन शुभी ऑफ़िस गई तो कमल रिजाइन दे रहा था। उसने फिर कहा "मैडम आप चाहें तो ज्वाइन करें"

शुभी ने मुस्कुरा कर कहा," पर नौकरी नहीं छोडूंगी"

कमल ने कहा ," मुझे कोई प्राब्लम नहीं, शाम को २ घंटे दीजिए बहुत है! " शुभी ने कहा," सीरियस हो" " जी मैडम"

इतना कह कर वह चला गया और अपना कार्ड शुभी को दे गया। शुभी शाम को वहां गई, एक्सपोर्ट हाउस बहुत बड़ा तो नहीं था पर अच्छा था। शुभी को वहां देख कमल बहुत खुश हुआ और बोला, "आप पार्टनर बनिए मेरी, ६०-४० की रेशों में" शुभी बोली, "पर इतना पैसा नहीं है मेरे पास" तो कमल हँसा," अरे आपका दिमाग इस्तेमाल करूँगा।"

शुभी और कमल साथ काम करने लगे, शुभी रोज़ वहां जाती। कमल उसकी हर बात मानता था। दोनों की बातें ओर मुलाकातें बढ़ने लगीं। शुभी के घर का माहौल ठीक नहीं था। पति अब सारे गहने चोरी करके बेच आया, शराब, आवारागर्दी बस यही करता था। एक दिन कमल ने बोल ही दिया,"आप तलाक ले लो।" शुभी चुप रही। वह जानती थी, इस समाज में ये इतना आसान नहीं। कहां जाएगी। माँ बाप है नहीं अब, भाभी भी अच्छी नहीं।

कल रात पति से झगड़ा होने की वजह शुभी परेशान थी। कमल ने फिर कहा," छोड़ क्यूँ नहीं देती" शुभी ने कहा," छोड़ के कहां कौन देखेगा मेरे बच्चों को, बाप का नाम तो है, चाहे वो जैसे भी है।" कमल ने धीमी आवाज़ में कहा," मैं देख लूंगा" शुभी हैरान थी। कमल ने फिर कहा," शुभी आई लव यू" शुभी उठ कर चली गई। कई बातें दिमाग़ में घूमने लगीं, वह ऐसा कैसे करे, समाज, रिश्तेदार थूकेंगे उस पर, जवान लड़का फँसा लिया। यही कुछ सोचती हुई वह घर घुसी तो देखा पति किसी लड़की से वीडियो कॉल पर है, शुभी को देख हड़बड़ा गया था वो। शुभी से यह बर्दाश्त नहीं हुआ। उस दिन उसे लगा, वह औरत है तो समाज की फ़िक्र वो ही करेगी। इस आदमी को कुछ फर्क नहीं। उसने फैसला किया की वह नहीं डरेगी अब। और उसने तलाक ले लिया। वह किराए के घर पर रहने लगी थी। कमल उसको पसंद था। वह उसके साथ ही था हर मुश्किल में। उसने फिर शुभी को पूछा, इस बार शुभी ना नहीं कर पाई।


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