मॉडर्न हैं क्या?
मॉडर्न हैं क्या?


अचानक मुझसे सवाल पूछे जाने से मैं थोड़ा सोच में पड़ गई। शर्मा जी ने मुझसे जब कहा, " अरे इतना मॉडर्न ज़माना हो गया है, और सब बहुत खुले विचारों के लोग हैं और आजकल कौन बैठता है घर। आप पढ़ी - लिखी हो, आपको कोई नौकरी करनी चाहिए। ये क्या पेंटिंग, राइटिंग फालतू टाइम वेस्ट और पैसा भी" शर्मा जी ने इतना कहा और फिर वह भाभी से बात करने लगे। मुझे तो कुछ समझ नहीं आया उस वक़्त, लेकिन थोड़ी देर बाद मैं शर्मा जी के पास बैठी, मैंने उनसे पूछा, "और आपकी बहू कैसी है, क्या कर रही है, तो वह बोले , कुछ नहीं बस बच्चे छोटे हैं तो उनको देखती है, मैंने पूछा, कितना पढ़ी है ?वो बड़ी शान से बोले, "एम फिल किया है बायोकेमिस्ट्री में"। मैंने बोला," वाह, बेटा तो आपका सॉफ्टवेयर इंजीनियर है ना, तो बहू भी तो इंजीनियर होनी चाहिए।" वह बोले ," अरे नहीं हमें तो होमली लड़की चाइए थी बेटा इतना कमाता है क्या ज़रूरत है।" मैं मुस्कुरा दी, फिर मैंने पूछा," बेटी क्या कर रही है? उसकी शादी कब कर रहे हैं? वह बोले," अरे मेरी बेटी इतनी पढ़ी - लिखी है, लेक्चरर है, तो लड़का तो उस से ज़्यादा ही चाइए ना।" मुझे हंसी आ गई।
मैंने कहा," शर्मा जी आप तो इतने मॉडर्न हैं और ओपन माइंडेड भी, तो आपकी बेटी इतना कमाती है तो लड़का ना भी कमाए तो क्या फर्क पड़ता है, दोनों में से एक तो कमा ही रहा है, जैसे आपकी बहू घर पर रहती है बेटा कमाता है। यह सुनकर तो उनका चेहरे का रंग ही उड़ गया, बोले," अरे ये क्या बात हुई लड़का तो कमाऊ ही होना चाहिए।" मैंने बोला " क्यूं इस मॉडर्न ज़माने में तो ये क्या सोचना।" वह चुप हो गए। फिर मैंने उनसे कहा," मैं नौकरी करती तो शिक्षक ही बनती, लेकिन वह तो मैं किसी भी तरह बन सकती हूं, बहन, बेटी, मां, दोस्त कैसे भी। लेकिन जैसा अभी आपने कहा लड़का है तो कमाऊ होना ही चाहिए, तो मुझे लगता है लड़कों को नौकरी की ज़्यादा ज़रूरत है चाहे बीवी कमाती हो या नहीं उनको तो कामना ही है। फिर मैंने हंसते हुए कहा," अरे देखिए मैंने तो नौकरी दान की है " । उनको गुस्सा तो आ रहा था पर वह कुछ कह नहीं पाए।क्योंकि " हम तो ऐसे ही हैं भईया"!