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Dr.R.N.SHEELA KUMAR

Inspirational

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Dr.R.N.SHEELA KUMAR

Inspirational

श्रम का फल

श्रम का फल

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एक गाँव में सोमू, रामू दो दोस्त थे।

दो को अपने गाँव मेंं कोई काम नहीं मिला इसलिए दोनों फैसला किया था, गाँव छोड़ने का।

दोनों एक शहर जाकर नौकरी ढूंढने लगे। इसी कार्य में लगकर एक सौदागर से मिला और नौकरी के लिए पूछा।

मालिक दोनों के हाथ में एक एक बाँस की टोकरी देकर उससे कुएँ की पानी खींचकर अपने पेड़ पौधे को पानी डालने का काम दिया।

सोमू बहुत सोचकर ये काम बेकार है समझकर पूरी रात सो गया लेकिन रामू अपने कर्तव्य निष्टा दिखाने केलिए पूरी रात कुएँ से पानी लेकर पेड पौधे को डाल दिया।

इसी समय अपने टोकरी में सोने की मुद्राएँ मिली, रामू मूद्रा लेकर अपने मालिक के पास गया और सोने को दे दिया। मालिकउनकी सत्य निष्टा और काम को देख कर ईनाम और नौककी भी दे दिया। अंत में सोमू लज्जित होकर अपने गाँव वापस आ गया।


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