neha sharma

Abstract

4.1  

neha sharma

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शक्तिशाली शब्द

शक्तिशाली शब्द

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रमा की जिंदगी की जिंदगी बहुत अच्छी चल रही थी।।जब से लॉकडाउन शुरू हो वह भी सभी की भांति घर पर ही रहने लगी और फिर घर का काम और घर से काम चालू हो गया।।शुरू के दिनो में रमा सारे काम करते करते थक जाती और गुस्से में बोलती "बस अब ऑफिस का काम सिर्फ कुछ घंटो का नहीं पूरे दिन का होगया है । इतना काम कोई लेता है क्या।"

पर उसे अंदाजा नहीं था कि वो अनजाने में क्या कर रही थी। एक दिन उसके ऑफिस से फोन आया और वो सुन कर उसका दिल बैठ गया।।मन ही मन सोचने लगी इतनी मेहनत का फल ये मिला की ऑफिस वालो ने कहा कि हम अब सैलरी नहीं दे सकते।

अभी भी रमा समझ नहीं पा रही थी कि क्या हो गया एकदम से। जब दो दिन घर पर बिना ऑफिस के काम किए निकले तो एक दम से उसके मुंह से निकला इतना खाली समय अच्छा नहीं लगता। उसे आत्म मंथन करते हुए ज्ञात होता है कि ये सब उसके मुंह से निकले शक्तिशाली शब्दों का परिणाम है। अब उसने सोचा लिया कि अच्छा बोलो क्यूंकि ब्रह्मांड आपकी बात कभी भी सुन कर आपको उसका फल दे सकता है।

ये दुनिया गोल है यहां लोग ही नहीं शब्द भी घूम फिर के आपके पास आजाते हैं ।



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