सच या कहानी
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"आशु" एक समाज सेवी थे। वह ६ साल की उम्र से ही समाज के सेबा करते आ रहे हैं। उन्होंने अपने काम को सबसे ऊपर रखा था, पहले देश उसके बाद सब। वह शादी भी एक मामूली लड़की से की थी। अपने काम के लिए वह सबके प्यारे थे। आज सालों बाद एक मीटिंग में वह अपने बीवी के साथ आए थे। आज वह लोगों को सचेतन कर रहे थे "कन्या भ्रूण हत्या" के बारे में। वह बोल रहे थे पुरुष और नारी के समानता के बारे में। वह बोल रहे थे नारी को पूजने के बारे में।वह सारे समाज को अपनी समझ से समझा रहे थे समान अधिकार के बारे में।लोगों को उनकी बात बहुत पसंद आई और सबने अपनी सम्मति दिखा कर ताली बजाई।
में स्मिता "आशु" जी की पत्नी।आप सबको सच बताना चाहती हूं । में एक साधारण सी लड़की। उनसे प्रेम विवाह करके उनके घर आई थी। मैं प्यार करती थी उस "आशु" से जिनसे आप सब लोग प्यार करते हैं, पसंद करते है। में पसंद करती थी उनकी सच्चाई से। आज के मीटिंग में , उनके साथ थी में।जो उन्होंने बोला वह सिर्फ आप सबके लिए था। वह बात कर रहे थे "कन्या भ्रूण हत्या" के बारे में, और में बताना चाहती हूं दो सप्ताह पहले ही मैने अबोर्शन करवाया है, क्यूं कि वह लड़की थी। वह बात कर रहे थे, समानता के बारे में, जब की मुझे मेरे मर्ज़ी के खिलाफ वह करना पड़ा, मेरे चाह को मार दिया अपने स्वार्थ के लिए।चुप थी मैं इतने दिनों से सिर्फ उस प्यार के लिए। पर आज उस मीटिंग में उनके बातें सुन कर लगा कि जैसे गुनाह करने की बाद भी वह गुनह्गार ही खुद को नहीं समझते। आप सबको यह बताना चाहा क्यूं कि आप सबको बताना चाहती थी, सच क्या है और क्या है सच की कहानी।