सबसे बड़ी दौलत
सबसे बड़ी दौलत
अरे वाह ! बड़ी सुंदर जैकेट है।कब ली?नेहा ने मेट्रो से उतरते हुए रीमा से पूछा।दो अलग अलग कम्पनियों में काम करने वाली इन सहेलियों की मुलाकात अक्सर वापसी में होती थी।
रीमा जो एक नीले स्वेटर में ही नज़र आती थी,आज उसे काले रंग की नई जैकेट पहने देख नेहा ने उत्सुकता से पूछा था।
हाँ यार कल ही मॉल से खरीदी है।उस नीले स्वेटर को पहन पहन कर ऊब गई थी।बड़े दिन से नज़र थी इस जैकेट पर। लेकिन माँ की बीमारी,छोटे भाई की पढ़ाई…फिर और भी जरूरतें है।इस वजह से पैसे बचा ही न पा रही थी।अब जा कर पैसे जमा हुए तो कल ही खरीद लाई।
स्टेशन के बाहर एक गरीब बुढ़िया ठंड से काँप रही थी।उसने बड़ी आस भरी नजरों से उन दोनों की ओर देखा।रीमा ने अपनी जैकेट उतार कर बुढ़िया को ओढ़ा दी।बुढ़िया के चेहरे की खुशी देख रीमा की आँखें आत्म-तुष्टि से चमक उठी।दुनिया की सबसे बड़ी दौलत उसे मिल गई थी।
नेहा ने हजारों प्रश्न अपनी आँखों में लेकर रीमा की ओर देखा। उन सभी प्रश्नों का रीमा ने एक पंक्ति में जवाब दिया,
सुन, वो नीला स्वेटर इतना बुरा भी नहीं है।
