सब लड़कियाँ एक जैसी नहीं होती
सब लड़कियाँ एक जैसी नहीं होती
मैं नहीं मिलना चाहती तुमसे।
चले क्यूँ नहीं जाते यहाँ से।
बोल दिया ना..अब हमारे बीच कुछ नहीं ..सब ख़त्म ब्रेक अप।
और अब कोई फ़ालतू ड्रामा करने की ज़रूरत नहीं।तुम अपने रास्ते, मैं अपने ।इतना कह कर निक्की गुस्से में चली गयी।
विहान अपना टूटा दिल लेकर कुछ देर वही खड़ा रहा फिर बास्केटबॉल कोर्ट चला गया । आज तो विहान का गुस्सा सातवे आसमान पर था। पिछले एक साल में ये तीसरा ब्रेक अप था उसका।
वो बड़बड़ाता हुआ अपने दोस्त ऋषि से बोला"यार सब लड़कियां एक जैसी होती हैं, धोखेबाज़, मतलबी। ना किसी की फीलिंग्स की परवाह, ना किसी के प्यार की कदर।
मुझे तो हर लड़की से नफरत हो गयी है ।
जवाब में ऋषि मुस्कुरा दिया। बोला -"बिना सोचे समझे ऐसी खूबसूरत परियों के पीछे भागेगा तो यही होगा ना, तू बस शकल देखता है जिसकी सूरत पसंद आ जाये, वहीं दिल लगा लेता है ।
कभी चेहरे के अलावा भी सोच-समझ कर देख।
अच्छा विहान एक बात बता- हर बार ब्रेक अप के बाद तू किस के सामने सबसे ज्यादा रोया है ?
तेरे सुख- दुःख में सबसे ज्यादा किसने तेरा साथ दिया है ?
कौन है जो तुझे और तेरे दिल की हर बात को बिना कहे समझता है ?
बता ?"
"मेरी बेस्ट फ्रेंड अश्विनी और कौन"- विहान बेपरवाह होकर बोला।
" वो भी एक लड़की है और तुझसे बहुत प्यार भी करती है। ये झूठी चमक-धमक का चश्मा निकाल कर देख सब लड़कियाँ एक़ जैसी नहीं होती।"
