पहली नजर का प्यार
पहली नजर का प्यार
यह मेरे लिए पहली नजर का प्यार था। यह जानने के बावजूद कि हमारा एक साथ कोई भविष्य ही नहीं है .. फिर भी...प्यार तो प्यार था । मैं एक धनाढ्य परिवार का बेटा था, जो अपनी दिवंगत मां की याद में कुछ लोगों की हार्ट सर्जरी करवाता था।
वो एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से थी और महीनों से इंतजार कर रही थी कि कब उसकी निःशुल्क हार्ट सर्जरी हो सके।
ऑपरेशन से १५ दिन पहले उसे एडमिट किया गया था। मैं उससे उसके स्वास्थ्य के बारे में, हॉस्पिटल में मिलने वाली सुविधाओं के बारे पूछ लिया करता। उसकी आँखों में एक अलग सी चमक थी।
एक दिन बातों-बातों में मैंने उससे पूछा कि वो भविष्य में क्या करना चाहती है। उसने पूरे आत्मविश्वास के साथ जवाब दिया- "मैं आगे पढना चाहती हूंँ। जानती हूँ जो मैं चाहती हूँ वो असंभव है, फिर भी यदि मौका मिला तो डॉक्टर बनना चाहूँगी- 'हार्ट सर्जन'।"
मैं मन ही मन मुस्कुरा दिया ' अब मुझे सर्जरी के अलावा लोगों की पढाई भी स्पांसर करने के बारे में सोचना चाहिए !'
मैने उसे अपना कार्ड दिया और कहा की वो अपनी आगे की शिक्षा से सम्बन्धित किसी भी सहायता के लिए मुझसे मिल सकती है। मैं हर संभव मदद की कोशिश करुँगा।
जवाब में वो सिर्फ मुस्कुरा दी।
आज ८ साल बाद हम दोनों फिर उसी हॉस्पिटल में है। वो एक हार्ट सर्जन है और मैं फिर किसी ज़रूरतमंद की निःशुल्क सर्जरी के लिए आया हूँ। डॉक्टर से पेशेंट के हालचाल पूछने के बाद मैं वापस जाने लगा तभी उसकी मीठी आवाज़ ने रोक लिया ।
-सुनिये मुझे घर आने में थोड़ी देर हो जाएगी, आप समय पर खाना खा लीजियेगा, मेरे प्यारे पतिदेव'। '
मैं उसकी इस अदा पर मुस्कुरा दिया !