सारे चाँद सितारें तुम्हारे लिए

सारे चाँद सितारें तुम्हारे लिए

1 min
480


आज बहुत दिनों के बाद एक पुराने दोस्त से मिलना हुआ।काफी देर इधर उधर की बातें होती रही।इतने दिनों के बाद मिलने पर कॉलेज के दिनों,कुछ हॉस्टल लाइफ,और भी इधर उधर की बातें होने लगी थी।

खाने के बाद देश के हालात और राजनीति से शुरू होकर हमारी बातें आजकल तुम कहाँ हो, जिंदगी में क्या चल रहा है टाइप के सवालो जवाबों पर आ गयी।अचानक बातों के सिलसिले के बीच उसने दोस्त से कहा,"चलो,आज से ये सारे चाँद सितारे तुम्हारे लिए है। हाँ, हाँ सही में, आज से सारे चाँद सितारे तुम्हे ही दे रहा हूँ।इतने दिनों के बाद मुझे मिल रहे हो, तो मेरा भी तुम्हे कुछ देने का फर्ज बनता है ना?"

मेरा दोस्त मुम्बई जैसे भीड़ भाड़ वाले और सपनों के शहर और विशाल समंदर के साथ रहते हुए मुझे समझ पा रहा था। आज बहुत दिनों के बाद कोई उसे सुन रहा था और शायद हम दोनों ही एकदूसरे को समझने की कोशिश कर रहे थे।

हम अपने अपने अपने मन की पीड़ा महसूस कर रहे थे। 

बड़े बड़े शहरों की भीड़ में सब साथ तो होते है पर एक भी पास नहीं होता है।ठीक इन चाँद सितारों जैसे जो हर कदम हमारे साथ होने के बावजूद हमारे पास नही होते हैं....


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract