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देश के झंडे में लिपटे हुए शहीद कैप्टन ध्रुव जिनसे 3 साल पहले ही विवाह हुआ था सुमन का गाँव में पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार व श्रद्धाँजलि अर्पण समारोह हुआ
आज इस बात को करीब 8 साल हो चुके थे। ध्रुव के साथ ही सेना में कार्य करने वाली व सुमन की अच्छी दोस्त रीमा होली पर सुमन के घर रहने आयी।
सुबह पार्क में सब होली खेल रहे थे। ध्रुव का दोस्त और पडोसी कैप्टन विपुल भी अपने परिवार के साथ पार्क में होली खेल रहा था। रीमा और विपुल ध्रुव के अच्छे दोस्त थे।
सुमन को पार्क में एक तरफ ले जा कर बातों ही बातों में रीमा ने सुमन से अपनी जिंदगी को नए सिरे से शुरू करने को कहा और ध्रुव के दोस्त कैप्टन विपुल के बारे में बताया।
"विपुल तुम्हें पसंद करता है और शादी करना चाहता है। एक बार तो संजीदगी से सोचो तुम सुमन इस बारे में। कब तक ऐसे ही रहोगी ?"-रीमा ने कहा।
"तुम बेफज़ूल और तुम्हारे दोस्त भी फज़ूल।अब ऐसा मुमकिन नहीं"-सुमन ने रीमा को घूरते हुए कहा।
"तुम भी तो विपुल को पसंद करती हो तो क्यूँ डरती हो ? कहो तो अंकल-आंटी से मैं बात करूँ "-रीमा बोली।
सुमन ने रीमा को कोई जवाब नहीं दिया।
तभी विपुल की बहन रंगों से भरी थाली लिए उसके पीछे दौड़ती हुई सुमन और रीमा के नजदीक पहुँच गयी और भगदड़ में विपुल के हाथ से थाली सुमन के ऊपर गिर गयी। सुमन विपुल और उसकी बहन को जोर-जोर से डाँटने लगी।
शोर सुनकर ध्रुव और विपुल के घर वाले भी वहाँ पहुँच गए।
रंगों से भरी सुमन को देख सब के चेहरों पर एक सुखद अनुभूति थी।
ध्रुव व विपुल के परिवार वालों तथा रीमा के प्रयासों से सुमन पर गिरे अबकी बार की होली के रंग महज़ पानी में नहीं धुले बल्कि ये रंग विपुल के प्यार में तब्दील हो कर सुमन की जिंदगी पर चढ़ गए।