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VIVEK AHUJA

Comedy

3  

VIVEK AHUJA

Comedy

रेट वेट और क्वालिटी

रेट वेट और क्वालिटी

3 mins
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सुधा आज पहली बार दिल्ली अपनी छोटी बहन सुमन के घर आई थी। घर पर आते ही सुधा ने सुमन की क्लास लगानी शुरू कर दी, जैसे यह सामान कहां से लाती है घर खर्च कैसे करती हो फिजूलखर्ची तो नहीं करती हो। सीधी साधी सुमन अपनी बड़ी बहन सुधा से काफी छोटी थी और उसकी शादी को अभी 3 वर्ष ही हुए थे। सुमन, सुधा की सारी बातों को बड़े गौर से सुन रही थी व बराबर उनके सवालों के जवाब दे रही थी। बातों बातों में सामान की खरीदारी का जिक्र चल पड़ा, सुधा ने सुमन से पूछा, तू घर पर किराने और सब्जी कहां से लाती है, तो सुमन ने कहा दीदी मैं यही अपार्टमेंट के नीचे मार्केट से सामान ले लेती हूँ। सुधा ने पूछा जरा बता आलू कितने रुपए किलो है और प्याज कितने रुपए किलो तो सुमन ने बड़ी मासूमियत से जवाब दिया यहां आलू ₹ 50 किलो और प्याज ₹ 100 किलो है। सुधा ने रेट सुनते ही सर पकड़ लिया और बोली, हे राम! हमारे यहां तो आलू ₹30 और प्याज ₹60 किलो है। इतनी महंगाई... डांटते हुए सुधा ने सुमन से कहा... तुझे कुछ नहीं आता कल मैं सामान लेने खुद जाऊंगी, फिर देखती हूं कैसे महंगा मिलता है...


अगले दिन सुधा थैला उठाकर खुद ही सुमन के घर के लिए सामान लेने चली गई, सुधा ने अपार्टमेंट के नीचे मार्केट से सामान ना लेकर पास की एक छोटी सी बस्ती में वहां से सामान खरीदा, तो उसे बड़ा आश्चर्य हुआ कि सारा सामान उसके गांव के रेट के बराबर ही मिल रहा था। उसने फटाफट सामान खरीदा और तुरंत घर आकर सुमन से शेखी मारते हुए बोली, "देखो बहना..... मैं शहर में भी गांव के बराबर रेट पर सामान ले आई हूं..." सुमन को भी बड़ा आश्चर्य हुआ, कुछ देर पश्चात जब सुमन ने अपने घरेलू बाट से सभी सब्जियों का तोल करा तो पता चला सभी सामान 250 से 300 ग्राम प्रति किलो कम है यह देख सुधा भी काफी शर्मिंदा हुई कि बस्ती के दुकानदार ने उसे ठग लिया है और उसे पूरा माल नहीं दिया।


सुधा व सुमन आपस में सामान की खरीदारी को लेकर चर्चा करने लगी कि अपार्टमेंट के नीचे बाजार में सामान का वेट और क्वालिटी तो बहुत अच्छी है परंतु रेट बहुत ज्यादा और बस्ती में रेट और क्वालिटी तो अच्छा है परंतु वेट में गड़बड़ी है। अब यदि किसी व्यक्ति को रेट, वेट और क्वालिटी तीनों ही सही चाहिए तो कहां जाए... काफी जद्दोजहद के बाद दोनों ने यह फैसला किया की बड़ी मंडी में शायद यह तीनों चीजें ठीक से मिल जाए। यही सोच के साथ अगले दिन सुधा और सुमन दोनों बड़ी मंडी पहुंच गई और वहां पहुंच कर उन्होंने सभी चीजों के रेट ट्राई करें तो उन्हें यह देख बड़ी प्रसन्नता हुई कि यहां पर रेट, वेट और क्वालिटी तीनों ही शानदार है यह सोच सुमन ने थैला निकाला और दुकानदार को देते हुए बोली, सारी सब्जी 1/1 किलो दे दो... सुमन की बात सुनकर दुकानदार उनका मुंह देखने लगा और बोला, "बहन जी क्यों मजाक करती हो, यहां आपको रेट, वेट, क्वालिटी तीनों तभी मिलेंगे जब आप सभी समान 5/5 किलो खरीदोगे..."


यह सुन सुधा और सुमन दुकानदार पर बिगड़ गई। आसपास के दुकानदार भी वहां इकट्ठा हो गए, उन्होंने सुमन और सुधा को समझाया कि, यहां आपको अच्छा सामान कम कीमत पर तभी मिलेगा जब आप क्वाॅन्टिटी में खरीदेंगे। यह सुन दोनों ने कान पकड़े और वापस अपने अपार्टमेंट आ गई, सुमन को अच्छे से समझ आ चुका था कि रेट, वेट और क्वालिटी तीनो आपको तभी मिल सकते हैं जब आप क्वान्टिटी में सामान लेते हैं। यही सोचते सोचते वह अपार्टमेंट के नीचे दुकान से सामान लेने चली गई।


(मासूम उपभोक्ताओं को समर्पित)


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