Pooran Bhatt

Drama Horror Fantasy

3  

Pooran Bhatt

Drama Horror Fantasy

" रात "

" रात "

3 mins
419


कोई दिसंबर की कोहरे वाली अँधेरी रात.. घुप्प अंधेरा कोहरे को चाहो तो चाकू से परत दर परत काट लो... इतनी ठण्ड की हाड़ कटकटाने लगे...

बहुत ठण्ड है भैया... रायगढ़ की ट्रेन समय पर है भाई साब उसने पूछा?

अंदर पूछ ताछ काउंटर पर बैठे आदमी ने थोड़ा सा अपना मोटा कम्बल हठाया और ऊँगली से सामने बोर्ड की तरफ इशारा कर दिया अरे बाप रे 6 घंटा लेट है?????

उसके तो होश उड़ गए.. अब कैसे कटेगी पूरी रात वो भी सिर्फ एक पतले से चद्दर में... अपने हाथों को मुँह से लगा कर कुछ गर्म हवा हथेलियों में भर ली...

तेज़ तेज़ साँसे भरते हुए सामने बेंच पर बैठ गया... चाय की दुकान के पास जा कर एक चाय का आर्डर दे दिया पर चाय वाले ने कोई ध्यान नहीं दिया... इस बार थोड़ा ज़ोर से आवाज़ दी पर चाय वाले के कान में जूं तक नहीं रेंगी.. उसने बड़बड़ाते हुए जेब से सिगार निकाल लिया और धुँधा उड़ाने लगा  

सामने दूसरे बेंच पर एक खूबसूरत लड़की बैठी थी.. नीली आँखें बला की खूबसूरत.. इतनी रात को इस सुनसान से स्टेशन पर???

वो जा कर उसके बगल में बैठ गया... पूरे स्टेशन में कोई 5-7 मुसाफ़िर एक चाय वाला और दो चार बेघर घूम रहे थे..

उसने बात बढ़ाने की गरज से फ़िल्मी स्टाइल में हाय कहा.. लड़की कुछ बोली नहीं एक साथ ढेर सारे रहस्य उसकी आँखों में तैर रहे थे

वो फिर खामोश हो गया. . एक्सक्यूज़ मी मैडम.. उसने ख़ामोशी को तोड़ते हुए कहा...

क्या है.. इस बार फिर बेरुखी से उसने जवाब दिया..

अरे आप तो नाराज़ हो गई... ऐसे ही टाइम पास करने के लिए हम बात कर सकते है?? अगर आप को बुरा न लगे तो

लड़की इस बार थोड़ा नरमी से पेश आई.. और हँसते हुए बोली अगर मैं कोई भूत वूत निकली तो??

हा हा हा हा.... भूत से मुझे डर नहीं लगता...

तो लगना चाहिये... उसकी बड़ी बड़ी आँखें और बड़ी हो गई.. एक ख़ामोशी से भरा खौफ धुंध में मिल गया.. 

अब लड़की खिलखिला पड़ी.. अच्छा चलो डरो नहीं... लड़के को सहज करते हुए बोली.. पूरी रात बातें हुई.. सुबह होने को थी.. अच्छा मिस मैं अभी आया.. और लड़का उठ कर चला गया

आधे घंटे में ट्रेन आ गई... अरे मैडम चढ़ जाइये ट्रेन मा...जादा देर नाही रुकेगी..

चाय वाले ने लड़की से कहा .. अरे भैया वो लड़का पता नहीं कहाँ चला गया?

कौन?

वही जो मेरे साथ बैठा था.. ये लीजिए उसका सामान आप रख लीजिए आए तो दे दीजिएगा...

सामान?? कहाँ गया ???

अरे मैडम आप भी देखी उसको.. वो तो भटकता आत्मा है.. अकसर राहगीरों को दिखता हैं रात में.. .

क्या???

वो तो पूछताछ वाले अंकल को भी तो दिखा था..

कैसा गजब बात करती हैं.. मैडम... पूछताछ तो शाम 6 बजे बंद हो जाता है.. कोई नहीं होता वहां पर...

और ट्रेन चलने लगी अरे चढ़ जाइये मैडम.. जल्दी कीजिए... चाय वाले ने फटाफट सामान चढ़ाने में मदद की... लड़की ट्रेन में चढ़ गई

अचानक उसका पैर फिसला और ट्रैक में गिर गया .. आहहह.... लड़की की चीख निकल पड़ी...

उसने कपड़े झाड़े और निकल कर ऊपर आ गया...

लड़की का सिर चकरा रहा था.... और दूर होती वो तीनों आकृतियाँ उसे हाथ हिला रही थी.. अब ये सपना था सच या फ़साना.. वो आज तक नहीं समझ पायी...



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama