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Rashmi R Kotian

Horror

4.1  

Rashmi R Kotian

Horror

रात १२:०० से १२:०५

रात १२:०० से १२:०५

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 यह बात उस वक़्त की है जब मैं दोस्तों के सात घूमने कर्नाटक की एक जिला *** गया था। वहाँ से हमारे होस्टल पहुंचने के लिए रात के ग्यारह बजे कार में अपने तीन दोस्तों के सात *** के किसी रास्ते से गुज़र रहा था। मैं कार ड्राइव कर रहा था कि अचानक वहाँ किसी रास्ते पर पीछे बस ड्राइवर बार बार हॉर्न डाल रहा था। जब मुझे कुछ समझ में नहीं आया तब वह बस से ही हमें गाडी रोकने को कहते हुवे चिल्ला रहा था।

" कया रे आकाश, पीछे सारी गाड़ी रुकी हुईं हैं। " मेरे एक दोस्त निखिल ने गाड़ी से बाहर झाखते हुवे हैरानी से कहा। जब मैं खुद पीछे मुड़ा तब मैने देखा कि सारी लारी, रिक्षाव, गाड़ी, बाइक सब व्हीकल्स हमसे कुछ दूर रूखी हुई थी। मैं हैरान ही रहा , सोचने लगा कि क्यों यह सारी गाड़ियाँ आगे बढ़ने के बजाय रुकी थी। जब मुझे फिर भी कुछ समझ मे नहीं आया कि आखिर मामला क्या था पीछे कड़ा बस ड्राइवर हल्के ज़ोर से मुझे पीछे आने को बोलकर फिर अचानक शान्त हो गया।

 मुझे समझ मे नहीं आ रहा था कि आगे तो कुछ नहीं !! नाहीं वह कोई पहाड़ी इलाखा था कि ऊपर से कोई पत्थर गिर पड़े। फिर क्यों बस ड्राइवर मुझे पीछे आने को बोल रहा था !? क्योँ सारी गाड़ियाँ रुकी हुई थी। लेकिन सारी गाड़ीयों को कड़ा देखकर मेरा मन को अजीब सी गब्राहट ने कब्ज़ा कर लिया ।

अचानक सब लोग शांत होगये। ना ड्राइवर ने मुझे फिर आवाज़ दी न किसी और लोगों ने अपना मुँह खोला। जब मैंने गड़ी देखी तब ठीक बारह बज रहे थे कि अचानक मेरे कानों ने कुछ ऐसी भयानक आवाज सुनी जो मैंने कभी अपने बुरे सपने में भी नही सुनी थी । एक औरत के रोने की अजीब सी भयानक आहट। वह इतना भयानक था कि आज भी उसके बारे में याद करता हूँ तो काँप उठता हूँ।

  एक औरत के रोने के आवाज़ ज़ोर ज़ोर से जैसे हमारे नज़दीक आने लगी। तब तक मैं भूत प्रेत, अगोचर आत्माओं पर यकीन

नहीं करता था लेकिन मेरे नज़रों ने मुझे चौकादिया। वह आहट जैसे तैसे हमारी करीब आयी तब एक काली सी औरत की परछाई जैसे आकृति अजीब से झपक्के हवा में जैसे उड़कर रास्ते के बीच बैठकर अजीब भयानक आवाज करते हुवे ज़ोर से रोने लगीं।

मैं और मेरे दोस्तों ने उसे काफी नजदीक से देखा। हमारी हाल तो डर के मारे जैसे जान बाहर निकल गयी थी। वह आत्मा वही बैठ रोकर 12.5 को फिर हवा में उड़ गई। उसके उड़ते ही मैंने डर के मारे 140 स्पीड में गाडी भगाया और हम सभी हॉस्टल पहुंच डर डर कर सो गए। अगले दिन हमने बजरंगबली का दर्शन किया था। कभी भी मैंने भूत को अपनी नज़रों से नहीं देखा था । इस घटना ने मुझे जैसे दिल का दोहरा ही दे दिया!!

लेकिन फिरभी जितना भी डर लगे वह आखिर क्या था झनने कि जिज्ञासा मन में हुई। आखीर वह आकृति क्या थी? लोगों ने क्यों अपनी गाड़ियों को रोखके रखा था । क्या वह लोग जानते थे कि वह आकृती आनेवाली थी? यह जानने के लिए अगले दिन उसी ड्राइवर के पास हम गए थे।उसने उस घटना की पीछे की मूल घटना सुनाया था!!

" सर उस जगह एक माँ और बेटी स्पॉट में ही एक्सीडेंट होकर मारे गए। उसके बाद हर रात वह आकृति 12 बजे आकर बैठकर 5 मिनट रोकर फिर हवा में 12.5 को उड़ जाती है। तब हम सब गाड़ी रोखते हैं। जिन्हें नहीं पता उन्हें गाड़ी रोखने को कहते हैं। पहले दिन मुझे भी डर के मारे बुखार होगयी थी सर लेकिन अब कॉमन होगया है सर ! पर आज तक उस आत्मा का इतने करीब से किसी ने सामना नहीं की! भगवान का शुक्र है उस आत्मा ने आप लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुँचाया!"

जब उसने ऐसाे कहा था तब हम और डर गए थे। यह घटना तो मेरी ज़िंदगी की अब तक कि सबसे भयानक घटना रही है! आज भी *** की उस रास्ते मे गाडियाँ 12 से 12.5 तक रुखते हैं !! काफी अजीब हैं ना!! काश आप कभी भी उस रास्ते से न गुज़रो न वैसा भयानक अनुभव आप लोगों को हो।


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