प्यार
प्यार
प्यार की न तो कोई बोली है ना कोई आवाज। यह तो केवल एहसास है जो हम खामोशी से महसूस कर सकते हैं। प्यार हमारी जिंदगी में सबसे हसीन चीज है। यह एक अद्भुत, बिना देखी चुंबकीय शक्ति है जिसमें दो लोग आपस में बिना सवाल-जवाब किए भी महसूस कर सकते हैं।प्यार एक प्राकृतिक आभास है। प्यार में न तो कोई आदेश है न कोई मांग। प्यार कभी छीना नहीं जा सकता। हम अपनी सनक के अनुसार चंद्रमा, तारों, हवाओं, और बारिश को आदेश दे सकते हैं पर एक हद तक। मौसम को बदलने का हमारे पास सीमित दायित्व है,इसमें पारिस्थितिक संतुलन के बिगड़ने का खतरा हो होता है। हम प्यार को आमंत्रित कर सकते हैं लेकिन हुकम नहीं दे सकते कि कैसे, कहाँ और कब प्यार को व्यक्त करना है। सूरज की तरह प्यार किसी शर्तों का मोहताज नहीं है। प्यार हमारी इच्छा और डर को स्वतंत्र रूप से संकेत देता है। प्यार तो एक स्वतंत्र पंछी है, इसको हम कैद नहीं कर सकते, इसकी कोई सीमा नहीं होती है। प्यार ना तो कोई ईनाम है ना कोई सजा, प्यार सिर्फ न्याय की भाषा बोलता है। और जब किसी के साथ कुछ गलत होता है तो प्यार मोर्चा बन कर खड़ा हो जाता है। यह किसी भी तरह की दखलंदाजी नहीं चाहता। बहुत से प्यार के उदाहरण देखे हैं, यह वह सुंदरता है जो हम सिर्फ महसूस कर सकते हैं पर देख नहीं सकते।
पिछले हफ्ते की बात है, रात को लगभग 10:30 बजे थे किसी ने हमारा दरवाजा खटखटाया, जब मैंने दरवाजा खोला तो एक एक अजनबी किसी औरत को बांहों में उठाए हुए खड़ा था मैं कुछ भी नहीं समझ सका तभी मेरी मां कि पूछते हुए आई और बोली, "अरे बेटा इतनी रात को कौन आया है" और उनको देखते ही माने मां ने बोला, "आप लोग अंदर आइए"। अजनबी ने औरत को सहारा देकर अंदर सोफे पर बिठाया। थोड़ी देर में, उन लोगों की वार्तालाप से मैं समझ गया कि वह औरत मेरी मां की बचपन की सहेली है।फिर वह औरत (माधवी) बोली, "अचानक कल से मुझे पुराने दिन याद आ रहे थे तो मैं तुमसे (मेरी मांँ से) मिलना चाहती थी"। फिर इतने ही माँ नाश्ता ले आई, माधवी के पति ने उसे नाश्ता खिलाया और दवाई भी खिलाई और फिर उसने माधवी को अपनी बांहों में उठाया और दोनों चले गये।
जब वह दोनों गए तो मेरी मां ने अपनी सहेली के बारे में बताया कि पिछले करीब 10 साल से माधवी दमे की मरीज है और दिल की भी बीमारी है, इसी कारण बहुत कमजोर हो गई है और अपने आप चलने फिरने से लाचार है। इसका पति इसकी बहुत सेवा करता है सिर्फ और सिर्फ इसको खुश रखने के लिए। जब भी माधवी जहां भी जाने को कहती है तो उसका पति उसको वहां ले जाता है।
इसी को तो प्यार कहते हैं। 'प्रेम निर्णय' का सीधा और सरल मतलब है कि कभी भी किसी को प्यार का न्याय नहीं करना चाहिए क्योंकि अच्छा या बुरा, सही या गलत यह सब कुछ दूसरे के व्यवहार पर निर्भर करता है। एक ही समय में किसी की भी परिस्थितियां बिना किसी की जरूरत के बदली या नापी नहीं जानी चाहिए। प्यार की गहराई को कोई नहीं नाप सकता।
"प्रेम निर्णय की अनुपस्थिति है",, दलाई लामा