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Sameer Faridi

Drama

3  

Sameer Faridi

Drama

"प्यार का पास्ता"

"प्यार का पास्ता"

4 mins
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हर रोज की तरह कुनाल आज भी कॉलेज सही समय पर नहीं पहुँच पाया, एक बार फिर उसने रश्मि मैम की क्लास को मिस कर दिया था । हालांकि वो हमेशा यही चाहता था की उससे कभी इंग्लिश लिट्रेचर की क्लास मिस ना हो, एक ही तो उसका पंसदीदा सब्जेक्ट है, और ये सब्जेक्ट उसे और भी अच्छा लगने लगता है जब रश्मि मैम की आवाज से वो इंग्लिश के वर्ड सुनता है, एक अजीब ही झंकार के साथ वो इंग्लिश बोलती हैं, उनका बोलना किसी नेचुरल म्यूजिक से मेल खाता है । सब कहते हैं वो फिनैटिक लैंग्वेज में इंग्लिश बोलती हैं पर फिनैटिक में तो आधा बोलते, और आधा ख़ुद को समझना पड़ता है, पर यहाँ ऐसा नहीं था, उनकी तरफ से बोले जाने वाले हर वर्ड को आप बहुत अच्छी तरह सुन और समझ सकते हैं । मुंह को ज़्यादा नचा घुमा कर बात नहीं करती हैं सिर्फ होंठे हिलाती हैं और शब्द संगीत बनकर निकलता है । डिक्शन इतना खूबसूरत कि पता ही नहीं चलता, इंग्लिश बोल रही हैं या फिर उर्दू। सुबह के 10 बजकर 55 मिनट हो चुके थे जब कुनाल दौड़ता-हाँफता क्लास में पहुँचा। दस मिनट लेट बस ने उसका 10 घण्टे का शुकून छीन लिया था। वो अच्छी तरह से जानता था कि मैम 2 मिनट भी क्लास में एस्ट्रा नहीं रुकती हैं, कोई औफिशियल वर्क भी होता है तो वो लेक्चर के पहले ही फिनिश कर लेती हैं और लेक्चर को फिक्स टाइम, साइरेन बजने के साथ इंड कर देती हैं। उसके बाद वो और उनकी कार 10 मिनट भी कैम्पस में नहीं ठहरती। बाहर मैम की कार भी पार्क नहीं थी,इसलिए वो निराश मन से क्लास रूम की तरफ चल दिया।अगली क्लास 11:30 पर थी इसलिए क्लास रूम पूरी तरह से खाली था, अंदर पहुँच कर कुनाल ने बैग को टीचर टेबल पर धड़ाम से फेंक दिया -"Shit यार ! आज भी आना बेकार हो गया।" सिर को खुजलाते हुए वो उसी टेबल पर बैठ गया। कुछ समझ नहीं आ रहा था उसे शायद, दिमाग को ठण्डा और गले को गीला करने के लिए उसने बैग से बोतल निकाली और पीने लगा । तभी पीछे से एक बहुत ही प्यारी और शरारत भरी आवाज उसके कानों में पड़ी। "आय हाय, तेरा न सही पर मेरा आना आज भी सक्सेज हो गया।" प्रिया.....,प्रिया मुखर्जी कुनाल की बेस्ट से भी ज़्यादा बेस्ट वाली फ्रेंड, जो उसे मानती भी थी और चाहती भी । पर इस चीज़ का एहसास शायद कुनाल को न था, गर होता, तो प्रिया जैसी खूबसूरत और जिन्दादिल लड़की को छोड़ उसका ध्यान कभी भी बनावटी आवाज़ वाली रश्मि मैम के लैक्चरों पर न जाता । कुनाल के लिए तो वो बस एक फ्रेंड थी, वो फ्रेंड जो उसका ध्यान रखे, उसके लिए अच्छा-सा कुछ खाने को लाए और उसे अपनी सड़ी-सड़ी बातों से पकाए, इससे ज़्यादा कुछ नहीं। रूम में घुसते ही उसने शरारत शुरू कर दी, बोतल में हल्के से हाथ लगाया तो आधे से ज़्यादा पानी कुनाल के ऊपर छलक गया। "क्या करती है यार.....? वैसे भी दिमाग औफ़ है और तू भी ना .......shit यार...., पूरी टी-शर्ट पे पानी उड़ेल दिया ?" कुनाल बिना उससे नज़रे मिलाए अपनी अंतरात्मा का दुख बयां करने लगा। "अच्छा........टी-शर्ट, ज़्यादा बोल बच्चन मत कर, लास्ट संडे को मैंने ही दिलाई थी ये टी-शर्ट समझे।" प्रिया ने जोर से उसके बाल खींचे और टी-शर्ट का इतिहास उसे याद दिलाया । "हाँ-हाँ पता है, अब क्या पूरे कॉलेज में ढिंढोरा पीटेगी ?" कुनाल टी-शर्ट पर गिरा पानी साफ करते हुए बोला। "कॉलेज में क्या, मेरी चले ना तो पूरे मुंबई को बता दूँ।" प्रिया भी उसी टेबल पर चढ़कर बैठ गयी। "इतना ही अफसोस है देने का, तो फिर वापस ले ले।" कुनाल टी-शर्ट की तरफ देखते हुए बोला। "अफसोस तो बहुत है, पर खैरात में दी गयी चीज़, मैं ना वापस नहीं लेती।" प्रिया चिढ़ाते हुए बोली। "चल ठीक है-ठीक है, भेजा मत खा । कुछ खाने को लाई है तो दे ।" कुनाल हार मानते हुए बोला। "आज ना मैं तेरे लिए कुछ इस्पेशल लेकर आयी हूँ, गेस व्हाट ?" प्रिया ने अपने बैग से एक डिब्बा बाहर निकाला। " मसाला डोसा ?" कुनाल ने गेस किया। "ऊँ.....हूँ..." प्रिया ने सिर हिलाया । "इडली ?" कुनाल ने फिर हवा में तीर चलाया। "नो-नो....अच्छे से गेस करो ।" "चल दे...इतना मेरे को गेस नहीं करना । " कुनाल ने डिब्बा खींचने की कोशिश की। "वन मोर...,बस लास्ट ओक्के ।" प्रिया ने फिर ज़िद की। इस बार कुनाल डिब्बे की तरफ झुका और उसकी ख़ुशबू से अंदाजा लगाने लगा। "लगी सौ की डेफ्नेटली पाव भाजी....चल अब दे।" कुनाल ने गेस किया और झटके से प्रिया से डिब्बा छीन लिया। उसने जैसे ही डिब्बा खोला तो उसका मुंह उतर गया। "चल निकाल सौ रुपए ।" प्रिया ने खुशी के साथ कहा। "ये इस्पेशल है ? अबे चुड़ैल, हर दूसरे दिन तो तू 'पास्ता' लाती है फिर इसमें इस्पेशल क्या हुआ ? और तुझे क्या लगता है इस बीस रुपए के पास्ते के लिए मैं तेरे को सौ रुपए दूँगा ? मुंह देख अपना।" कुनाल ने शिकायत करने के साथ ही पास्ता खाना भी शुरू कर दिया था। 'चुड़ैल' शब्द सुनते ही वो पूरी तरह से आग बबुला हो


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