प्यार भरे रिश्ते
प्यार भरे रिश्ते
जया एक बहुत बड़े परिवार की बेटी थी, बड़ा परिवार का मतलब यहाँ पैसों से नहीं, लोगो से है। उसके घर मे पापा मम्मी के अलावा दादी, ताऊजी ताईजी, चाचा चाची, एक विधवा बुआ, ताऊजी ताईजी के दो बच्चे, जया और उसके दो भाई, चाचा चाची के दो बच्चे इतने लोग एक ही छत के नीचे बड़े ही प्यार से रहते थे। सभी लोग एक दूसरे से पूछ के ही कुछ काम करते थे, खाना सभी एक साथ खाते थे, हाँ बच्चों ओर दादीजी को पहले खाना खिला दिया जाता था।बाद में सभी नीचे एक साथ बैठ के ही खाते थे, उनका बहुत बड़ा बिसनेस था कपड़ों का सभी भाई वही बिसनेस देखते थे। और उस घर की नींव थी जया की दादी, उन्होंने ही बड़े प्यार से सभी को बांधे रखा था, जया की दादी बहुत ही सरल स्वभाव की महिला थी लेकिन हां जहाँ बोलना है वहाँ वो कभी चुप नहीं रहती थी, चाहे ग़लती किसी की भी हो, वो सभी सदस्यों को एक सा ही प्यार और सम्मान देती थी।
बहुएं तो बहुएं नहीं उनकी बेटियाँ थी, तभी तो तीनों बहुएं उनपर अपनी जान छिड़कती थी। कुछ दिनों के बाद जया की पढ़ाई पूरी हो गई और घर परिवार की पसंद से उसकी शादी भी पक्की हो गयी, जया खुश तो बहुत थी पर अंदर ही अंदर डर भी बहुत रही थी, यहाँ तो सभी थे उसकी मदद के लिए और घर के काम को मम्मी, ताईजी और चाची के रहते उसने कभी किये भी नहीं। जैसे जैसे शादी का समय पास आने लगा उसको बहुत चिंता होने लगी, उसकी चिंता उसकी दादी से छुपी नहीं थी, तजुर्बेरार आँखों ने सब पढ़ लिया था जया की परेशानियों को।
एक दिन दादी ने जया को अपने कमरे में बुलाया, और उसे एक कपड़े की एक पोटली दिखाते हुए बोली, "जया, तुम्हें पता है ये क्या है ? जया ने कहा " हाँ दादी ये आपके गहनों की पोटली है। तब उसकी दादी बोली,"नहीं बेटा, ये रिश्तों की पोटली है जिसमे मैंने सारे रिश्ते बांध के रखे है ताकि कुछ बिखर ना जाये। जया बोली "दादी मैं कुछ समझी नहीं ", दादी ने फिर कहना शुरू किया " सुन मेरी लाडो, कुछ ही दिनों में तेरी शादी हो जाएगी, और तू इस घर से दूसरे घर सदा के लिए चली जायेगी, अब यही से तेरी परीक्षा शुरू हो जाएगी, तुझे सारे रिश्ते संभाल के रखने है जैसे मैंने और इस परिवार के लोगो ने किया है, ग़लतियाँ तो सब से होती है लेकिन उन्हें तूल नहीं देना है जबकि प्यार से उन ग़लतियों को सुधारना है, तुझे उस घर की नींव बनके सबको एक साथ बांधे रखना है इस पोटली की तरह, ताकि कुछ रिश्ते हाथ से फिसल के टूट ना जाये, ये बहुत अनमोल होते है बेटा, पैसो की ताकत से भी ज्यादा अनमोल होते है रिश्ते, पैसा आज नहीं तो कल इंसान कमा लेगा लेकिन अगर रिश्ते टूट गए ना तो फिर उन्हें कमा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। तुझे सब का ध्यान रखते हुए इन्हें बचाये रखना है बिल्कुल अपने परिवार की तरह। आज जया को सब समझ आ चुका था कि कैसे दादी उनके इस घर को संभाल के रखी है तभी तो आज तक उसने इस घर मे कभी किसी को किसी चीज़ के लिए लड़ते नहीं देखा। आज उसे अपनी दादी पर पहले से भी ज्यादा गर्व हो रहा था जिसे वो बचपन से गहनों की पोटली समझती थी असल मे वो रिश्तों को पोटली निकली ।