पति का बटुआ
पति का बटुआ
रोज की तरह आज भी निमेष ने दफ्तर से आते ही अपना मोबाइल और बटुआ मेज पर रख कर शिखा को आवाज दी।
जल्दी से चाय बनाओ मैं फ्रेश होकर आता हूं निमेष बाथरूम गया तो शिखा ने उसके बटुए में से कुछ पैसे निकाल कर रख लिए।निमेष ज्यादा हिसाब किताब नहीं रखता था तो उसे पता ना चला।
शिखा निकाले हुए पैसों में से कुछ पैसे ऑफिस जाने वाले बैग में एक कोने वाली जेब में डालकर चेन लगा देती थी।एक दिन ऑफिस जाने के लिए निमेष बस में चढ़ा क्या देखता है बटुआ तो है ही नहीं ..घबराकर घर पर फोन लगाया तो शिखा बोली हां घर में ही रखा है पर आप घबराओ मत आपके बैग की पीछे की जेब में बहुत से पैसे रखे हैं।
निमेष ने देखा तो सचमुच पैसे मिल गए। फोन पर निमेष ने शिखा को धन्यवाद देकर कहा तुम्हारा भी जवाब नहीं तो शिखा बोल पड़ी-
"ये तो आपके बटुए का कमाल है।"ओम को और दोनों हंस पड़े।
