सुरभि शर्मा

Inspirational

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सुरभि शर्मा

Inspirational

परवरिश बदलें सृजन नहीं

परवरिश बदलें सृजन नहीं

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"माँ देधो (देखो) ना ये गुलीया (गुड़िया) कितनी सुंदर है एक दिला दो ना औल ये देधो (देखो) रँग बिरंगी चूड़ियाँ मुझे वो लेड (रेड) कलर वाली चाहिए" 4 वर्षीय अनन्या मचल रही थी अपनी मासूमियत में। "नहीं बेटा आपके पास पहले ही बहुत गुड़िया है और अभी से आप चूड़ियाँ पहनना मत सीखो आज मैं आपको बलून शूटिंग गेम दिलवाती हूँ।"

"पर माँ मुझे गन अच्छी नहीं लगती।"

"बेटा बहुत कुछ अच्छा ना लगने पर भी अपनी सुरक्षा के लिए सीखना पड़ता है"

"माँ मैंने आपको किचेन सेट लाने को कहा था ये आप हॉकी क्यूँ उठा लाए और पापा मुझसे जबर्दस्ती तयक्वान्डो के फॉर्म भरवा रहे हैं मुझे डांस सीखना है मैं कोई लड़का हूँ क्या जो ये सब करूँ ?"10 वर्षीय रूमझूम तूनकते हुए बोली।

"बेटा जब हम आप और आपके भाई में कोई फर्क नहीं कर रहे तो फिर आप खुद लड़का लड़की का फर्क क्यूँ कर रहे हो। हर अच्छी चीज हर किसी को सीखनी चाहिए आप कितना डर गयी थी। कल न्यूज़ में उस बच्ची को देख कर और आप जितना डरोगे लोग आपको उतना डराएंगे इसलिए अपनी सुरक्षा कैसे करनी है। ये सब आपको आनी चाहिए अनन्या। रूमझूम आपको कुछ बातें बताती हूँ।आप उस दिन पूछ रहे थे ना कि रेप क्या होता है ?

जब आपको कोई जबर्दस्ती हर्ट या टच करे जो आप को अच्छा ना लग रहा हो इसे रेप कहते हैं और कभी आप लोगों के साथ कोई कुछ ऐसा करने की कोशिश करे तो डरिये मत रोइए मत हिम्मत और दिमाग से काम लेने की कोशिश किजिए।

1- उस दिन आप पूछ रहे थे ना मम्मी ये पेपर स्प्रे क्या होता है जब आपको कोई इस तरीके से परेशान करे तब आप इसे परेशान करने वालों के आँखों में पिचकारी के रंग की तरह डाल सकती हैं। और अगर पेपर स्प्रे नहीं है तो आस पास मिट्टी। धूल। रेत जो भी चीज मिले उसे उसकी आँखों में फेंक सकती हैं।

2- कभी किसी अजनबी से कोई चीज मत लीजिए। उनके साथ कहीं मत जाइए कोई आपके मम्मी पापा का नाम ले कर बहकाने की कोशिश करे तो हम आपस में एक कोडवर्ड रखते हैं पहले उनसे वो पूछिए और बेटा आज की दुनिया में हम अपनों के बीच भी सुरक्षित नहीं इसलिए अगर आपको अचानक से आपका कोई अपना हमारे बोले बिना आपको कहीं ले कर जाने के लिए आए तो उनसे हमारा जो कोड है वो लिखा हुआ मांगिये।

3-कभी कुछ लोग आपके साथ गलत हरकत करने के बाद आपको डराएंगे कि मम्मी को बताएंगे तो वो नाराज हो जाएंगी पर ऐसा नहीं है जो भी बात हो वो आप हमसे जरूर शेयर किजिए।

4-बेटा आपने रानी लक्ष्मीबाई, दुर्गावती, नीरजा इन लोगों का नाम सुना है ना हमे इनकी तरह ही हिम्मत रखनी चाहिए विषम परिस्थिति में भी ।

5-कभी आप ऐसी मुसीबत में पड़ जाए तो रोने और डरने की जगह दिमाग से काम लेने की कोशिश करें। अपना मोबाइल नंबर घर का एड्रेस और मम्मी पापा के बेस्ट फ्रेंड के मोबाइल नंबर और एड्रेस जरूर याद रखें।

बेटा ये छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने और सतर्क रहने से बहुत हद तक हम इन तरह की घटनाओं से बच सकते हैं।"

(हाल फिलहाल जो घटनाएं हुई हैं उसके बाद बहुत सारे साहित्य में कन्या भ्रूण हत्या को कहीं ना कहीं सार्थक बताया जाने लगा पर क्यूँ खत्म पाशविकता को करना है या उदारता को अगर हर गलत बात का समाधान का तरीका गलत तरीके से होने लगे तो फिर ये सृष्टि और सृजन कहाँ जाएगी। बेटियों को आँचल में छुपाने की जगह अपने लिए लड़ना सिखाए और बेटों को लड़कियों की इज्जत करना)



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