प्रतिक्रिया

प्रतिक्रिया

2 mins
230


टेम्स नदी के तट पर बैठे गोरे आदमी ने काले व्यक्ति से अति गंभीर स्वर में कहा, “काला, ग़ुलामी और शोषित होने का प्रतीक है। जबकि गोरा, आज़ादी और शासकवर्ग का पर्याय ! इस पर तुम्हारी क्या प्रतिक्रिया है ?”

काले ने गोरे को ध्यान से देखा। उसकी संकीर्ण मनोदशा को भाँपते हुए शांत स्वर में काले ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की, “जिस दिन काला बग़ावत कर देगा, उस दिन गोरे की आज़ादी ख़तरे में पड़ जाएगी और काला खुद शासन करना सीख जाएगा।”

“कैसे ?” उत्तर से असंतुष्ट गोरे ने पूछा। उसकी हँसी में छिछोरापन साफ़ झलक रहा था।

“देखो,” अपनी उंगली से काले ने एक और इशारा किया, “वो सामने सफ़ेद रंग का कुत्ता देख रहे हो !”

“हाँ, देख रहा हूँ।” गोरे व्यक्ति ने उत्सुक होकर कहा।

“उसे गोरा मान लो,” काले ने बिंदास हँसी हँसते हुए कहा।

“ठीक है,” अब गोरा असमंजस में था।

“जब तक वह शांत बैठा है, हम उसे बर्दाश्त कर रहे हैं। ज्यों ही वह हम पर भौंकना शुरू करेगा या हमें काटना चाहेगा, हम उसका सर फोड़ देंगे,” इतना कहकर काले ने खा जाने वाली दृष्टि से गोरे की तरफ़ देखा। इस बीच कुछ देर की ख़ामोशी के बाद काला पुनः बोला, “फिर दो बातें होंगी ?”

“क्या ?” कुछ भयभीत स्वर में गोरा बोला।

“या तो वह मर जायेगा ! या फिर भाग जायेगा !” इतना कहकर काले ने गोरे को घूरा, “तुम्हें और भी कुछ पूछना है ?”

“नहीं,” गोरे ने डरते हुए कहा और वहाँ से उठकर चल देने में अपनी भलाई समझी।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract