"चुनाव की प्रथम जीत"
"चुनाव की प्रथम जीत"
मैंने प्रथम डाक विभाग में मडंल स्तरीय
कर्मचारी संगठन के मुख्य सचिव पद का
द्विवार्षिक चुनाव लड़ा।
सभी कर्मचारी साथियों ने एक सिनियर कर्मचारी
नेताजी जो पिछलेे दस सालों से सचिव पद
पर लगातार निर्विरोध निर्वाचित होते आ रहे थे।
जो एक सांसद के रिश्तेदार भी थे।
उन्हें चुनाव में हराकर मुझे जीत दिलाई।
ऐसी प्रथम महत्वपुर्ण चुनावी जीत को
मैं जिन्दगी में कभी नहीं भुुला सकता हूूँ।
कयोंंकि मैंने उनसे पहले निवेेदन किया था।
किआप इस बार सचिव पद का चुनाव नहीं लड़े।
मुझे सभी कर्मचारी साथी सचिव पद का
चुनाव लड़ने का कह रहे हैं।
इसलिए मुझे निर्विरोध सचिव पद पर
निर्वाचित घोषित होने दिया जाएं।
आपके कार्य से कर्मचारी साथी खुश नहीं हैं।
इसलिए मुझे निर्विरोध मुख्य सचिव
पद दे दिया जाएं।
परन्तु उन्हेंं रिश्तेदार सांंसद का घमंड ले डूबा।
वह यह सोच रहे थे कि कर्मचारी मेरे से नाराज़
भले ही हो मेेेरे रिश्तेदार सांंसद कि सिफारिश
कि वजह से हर बार कि भांति इस बार भी
मुझे ही जीत दिलायेंगे।
परन्तु कर्मचारीयों ने नये तेजतर्रार नेतृत्व को
चुुुनाव मेंं जीत दिलाई।
यह जीत एक प्रतिभा की जीत थी।
हर बार कि तरह इस बार सिफारिश से
जीत का घमंड टूट गया।
जिन्दगी में प्रथम चुनाव में जीत काआनंद
महसूस किया।
जो कि मेरे लिए बहुत हीअद्धभूत था।
ऐसे ऐतिहासिक जीत के खुशी के पलों को
कभी भुलाया नहीं जा सकता हैं।
ऐसे मौके जिदंगी में बहुत कम लोगों को
नसीब होते हैं।
मुझे प्रथम चुनावी जीत दिलाने में सहयोग
समर्थन करने वाले मेरे सभी मित्रों
शुभ चिंंन्तकों एवं
ईश्वर का तहदिल शुक्रियाअदा करता हूँ।
और इसी के साथ ही मेरे जीवन कि इस
सच्ची ऐतिहासिक कहानी के पाठको को मेरा
नमस्कार,आपका का स्वागतआभार प्रकट करता हूँ।
