STORYMIRROR

Aman Barnwal

Tragedy

3  

Aman Barnwal

Tragedy

परिस्थिति और जरूरत

परिस्थिति और जरूरत

2 mins
387

चाय मे बिस्कुट को डुबो कर मुंह मे डालते हुए दूबे जी स्कूटर की चाभी ढूंढ रहे हैं। ये केवल आज की बात नहीं है दूबे जी रोज ही ऐसा किया करते हैं। निर्धारित समय के आखिरी क्षण मे उपस्थिति दर्ज़ करना मानो उनका रोज का प्रथम लक्ष्य होता हो। नौकरी के कुछ साल ही बचे हैं। दुबे जी अब बस समय काट रहे हैं। कुछ कार्य है, जो उन्हे करना होता है। जिसे वो रोज करते हैं। ना कुछ नया सीखते है ना ही सीखना चाहते है। हमारे इस्पात कारखाने के सभी दूबे जी अब बस नसीहतें देते हैं। हमारा इस्पात कारख़ाना मुश्किल दौर से गुजर रहा है। इसका असर कर्मचारियों पर मानसिक रूप से पड़ रहा है, जिसके कारण सभी दूबे जी बनते जा रहे हैं। कुछ नीतियाँ हें , जो की कर्मचारियों मे भेदभाव फैला रही है।

जो अभी दूबे जी नही बने है वो भी दूबे जी बनने की ओर चल पड़े है। वो भी असंतुष्ट है जिनको साइकल पर सरकारी नौकरी करनी पड़ती है, वो भी जिनको लोन ले कर क्वार्टर की मरम्मत करवानी पड़ती है और वो भी असंतुष्ट है जिनको अपनी शिक्षा के अनुकूल कार्य नही मिला है और वो भी जिन्होने अपने दोस्त की गर्भवती पत्नी को अस्पताल मे मरते देखा है।

इनसे उभरना आसान नहीं है परंतु इसकी जरूरत हैं। सिर्फ दूबे जी को ही नहीं बल्कि उन नए नए प्रतिभाओ को भी जो पूरे देश से चुन कर लाये जा रहे हैं। वो दूबे जी नहीं थे पर बनाए जा रहे हैं। ये किताबें पढ़ कर आ रहे हैं। ये उन किताबी बातों को यहाँ तलाशतें है पर उन्हे यहाँ सिर्फ दूबे जी दिखते हैं और उनका अनुभव दिखता है जो उनको दूबे जी बनने के लिए प्रेरित करता है। दूबे जी अनुभवी है पर बहुत पुराने हैं। दूबे जी को इन नयी उम्मीदों की ओर देखने की जरूरत है। इन प्रतिभाओं को सुनने की जरूरत है।

कर्मचारी, प्रबंधन, नियम एवं तकनीक, ये चार पहिये जब सही स्थिति में हो तब ही गाड़ी उत्पादन की मंजिल को छू सकती है। किसी पहिये मे अगर वायु की कमी हो तो वाहन चल तो सकता है परंतु प्रतिस्पर्धा मे भाग नही ले सकता है। जरूरत है क्षति से पूर्व उस पहिये मे वायु भरने की और उसकी जरूरत तक भरने की।

यहाँ दूबे जी एक सोच को दर्शाया गया है। इस शब्द का उपयोग बातों को रखने के लिए किया गया है। मेरा उद्देश्य किसी भी दूबे जी का अनादर करना नहीं है।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy