परीक्षा परिणाम
परीक्षा परिणाम
घर आते ही प्रमोद ने जब अपने बेटे का उदास चेहरा देखा,तभी अनायास ही उसे याद आया कि आज तो 10वी कक्षा के परीक्षा परिणाम आने वाले थे।फिर अपने बेटे के समीप जा प्रमोद ने उससे पूछा,"बेटे आज तो तुम्हारा परीक्षा परिणाम आने वाला था न,बताओ क्या रिजल्ट रहा।"
वो कुछ कहता इसके पहले ही पत्नी सविता तमतमाते हुए बोली,"होना क्या है आपके लाड़ प्यार ने इसे बिगाड़ कर रख दिया है।इसके सभी दोस्तों के काफी अच्छे अंक आए हैं।और आपका लाडला बस सत्तर प्रतिशत अंक ही ला पाया,अब तो हो चुका डॉक्टरी में सिलेक्शन।"
अपनी माँ की बात सुन बच्चे की आंख से आसुओं की धार सी बह निकली। और उसका सर मारे शर्म के नीचे की ओर धसे जा रहा था।
"बेटे सत्तर प्रतिशत अंक कम भी नही होते,और तुम यह सोचो कि यदि तुम नब्बे प्रतिशत अंक लाते तब तुम केवल डॉक्टर बनते।और अस्सी या इससे कम में केवल इंजीनियर।पर जब तुम सत्तर प्रतिशत अंक लाए हो तो अब तुम्हारे लिए सुनहरे भविष्य हेतु कई विकल्प खुल चुके है।"
स्तिथि को भांपते हुए मनोचिकित्सक प्रमोद ने अपने बेटे को समझाते हुए कहा।