VIPIN KUMAR TYAGI

Inspirational

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VIPIN KUMAR TYAGI

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प्रेरणा देने से प्रदर्शन सुधरता है

प्रेरणा देने से प्रदर्शन सुधरता है

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पुराने समय की बात है एक शहर में एक पेंटर रहता था, जो अपनी पेंटिंग के लिए प्रसिद्ध था। लोग उसकी पेंटिंग को पसंद करते थे उसके दो बच्चे थे वह उनको पेंटर ही बनाना चाहता था।  लेकिन एक बच्चे ने इंजीनियर बनना पसंद किया दूसरा पिता की इच्छा पूरी करने के लिए पेंटर बन गया। पिता ने उसे अपने साथ पेंटिंग के कार्य में लगा दिया और पेंटिंग की सभी बारीकियां उसको बताई। वह बेटा जब भी अपनी पेंटिंग बनाता तो पिता उसमे और परिवर्तन लाने का सुझाव देता, बेटे को यह खराब लगता और वह नाराज़ हो जाता। 

एक दिन उसने कहा कि वह यह नहीं चाहता कि कोई उसके कार्य में हस्तक्षेप करे। बेटे को लगा कि वह तो पिता से भी बड़ा पेंटर बन गया। पिता नाराज़ होकर अपने दूसरे बेटे के पास चला गया। इस प्रकार से दिन बीतते गए पेंटर बेटे के अभिमान व पेंटिंग ने कोई बदलाव न होने के कारण उसकी पेंटिंग बिकनी बंद हो गई, उसका कारोबार ठप हो गया, उसके भूखे रहने की नौबत आ गई। वह परेशान होकर अपने पिता के पास गया, उसने पूछा की पिताजी मेरी पेंटिंग बिकनी क्यों बंद हो गई मैने तो आपसे भी अच्छी पेंटिंग बनाई। तो पिता ने कहा कि मैं आपको हमेशा बदलाव के लिए इसलिए कहता था कि आपकी बनाई पेंटिंग में सुधार आए उसमे नयापन आए ताकि लोगो को नई चीजें मिले और वह आपकी नई पेंटिंग आने का इंतजार करे। यदि आप एक जैसी ही पेंटिंग बनाते रहोगे तो लोग उससे उब जाएंगे और नयापन न होने से उसे खरीदना बंद कर देंगे। आज हर व्यक्ति नई चीज़े खरीदने में विश्वास करता है। अत आपको भी समय के साथ बदलना पड़ेगा तभी आप अपने आपको इस युग में प्रतियोगिता में रख सकते हो। यह बात बेटे की समझ में आ गई तथा उसने अपनी पेंटिंग में नई चीजें शामिल की तथा उसका कारोबार चल गया। उसे पिता कि प्रेरणा से फायदा हुआ। अत हम सभी को समय के साथ अपने अंदर बदलाव लाने चाहिए तभी हम प्रतियोगिता में रह सकते है प्रेरणा हमेशा बदलाव लाती है। 



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