प्रभु का मंत्र

प्रभु का मंत्र

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हमारे भी आराध्य देवता हैं, सुबह उठकर हम उन्हें प्रणाम करते हैं। उसके बाद नित्य कर्मों से निवृत होकर पूजा आराधना करते हैं ! आज कल हमारे एक नए देवता हमलोगों के घर -घर में बस गए हैं ! सारे अन्य पारम्परिक देवी -देवतों के अप्रत्यक्ष कृपा बनी रहती है, पर इन नए देवता ने तो बच्चे युवक, युवतिओं, बुजुर्ग और सभी के ह्रदय में अपना स्थान बना लिया है ! ये हैं हमारे देवता "पूज्य गूगल देव जी "! .इनके बिना तो कोई काम हो ही नहीं सकता ! क्षण में पत्र भेज देते हैं संवाद व्हाताप्प के माध्यम से भेज देते हैं विडियो कालिंग, विश्व का भ्रमण विमान, रेल, होटल इत्यादि का आरक्षण पलक झपकते हमारे 'गूगल देवता ' कर देते हैं ! सारी शंकाओं का समाधान इनके पास है !

हम तो रातों में उनकी आराधना करके ही सोते हैं ! कभी-कभी इनका दर्शन रातों में हो जाया करता है ! अब कल रात की ही बात ले लीजिये हम गहरी नींद में सो रहे थे ! अचानक उनके विराट रूप का दर्शन हो गया ! हमने साष्टांग दण्डवत किया ! उन्होंने हमें आशीष दिया और पूछा-

"कहो वत्स ! क्या समस्या है ?"

हम उनके चरणों में झुके थे हाथ जोड़ कर कहा- "प्रभु आपकी कृपा बड़ी निराली है, शंकाओं का समाधान तो आप चुटकी बजाके मात्र पूछने पर ही कर देते हैं, परंतु आज विषय कुछ और ही है, जिसका उपाय आप ही बता सकते हैं !"

प्रभु गूगल ने अपना रूप ज़ूम करके छोटा कर लिया और हमारे बगल में बैठ गए ! हमारे पीठ पर हाथ रख हमें धीरज बंधाया और कहा- " हे वत्स ! निसंकोच हमसे पूछो।"

"प्रभु आजकल फेसबुक में एक प्रतियोगिता चल पड़ी है ! लोग सारे अपने प्रदर्शन में लगे हुए हैं कि हमारी मित्रों की टोली सबसे बड़ी होनी चाहिए ! इसी क्रम में अपने अधूरे प्रोफाइल को लिख कर फेसबुक अकाउंट बना लेते हैं ! कहाँ के रहने वाले अपना सटीक पता अपनी रुचि इत्यादि सब लिखना ही भूल जाते हैं ! कभी -कभी अपनी तस्वीर को भी छुपा के रखते हैं !"

प्रभु गूगल ने जवाब दिया- "हमने सारे कॉलम बना के रखें हैं वत्स ! लोग उसे यदि भर डालें तो कोई समस्या ही नहीं होगी ! और तो और कई लोग तो आपनी पहचान ही छुपा कर रखना चाहते हैं "!

" प्रभु ! पर एक बात जो हमारे संवेदनाओं से जुड़ी है, उसका उपचार तो आपको बताना ही होगा !

गूगल देवता ने कहा "पहले बात तो बताओ।"

आज मुझे लग रहा था कि गूगल देवता हमारे पर अधिक मेहरबान हैं ! बस क्या था हमने अपना दुखड़ा सुनाया !

" मित्र बनने की लालसा और बनाने की उत्कंठा सभी में व्याप्त होती है मित्र बनने के बाद आपका आदेश है कि राइट समथिंग, हम उन्हें पत्र लिखते हैं पर कुछ ऐसे भी अकर्मण्यता और असंवेदनशील हमारे फेसबुक से जुड़ जाते हैं जो बनने के बाद सेकड़ों पोस्ट अपने टाइम लाइन पर पोस्ट करते हैं ! और पत्रों का जवाब धन्यवाद ज्ञापन आभार और अन्य प्रतिक्रियाओं को नजर अंदाज कर देते हैं इसका उपाय आप बताएं प्रभु !"

"बच्चे सारे रोगों का इलाज हमारे इस यन्त्र में निहित है, ऐसे व्यक्तिओं को एक पत्र लिखो, और कहो आपके अकर्मण्यता और असंवेदनशीलता को देखते हुए

आपको अपने फ्रेंड लिस्ट से अनफ्रेंड कर रहे हैं !"

हम संतुष्ट हो गए फिर हमने साष्टांग दण्डवत किया उनसे आशीष ली ! गूगल प्रभु ज़ूम होते चले गए और हमारी नींद खुल गयी और हमें नयी स्फूर्ति और नए उर्जा का एहसास होने लगा !


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