फर्क
फर्क
करिश्मा अपनी सहेली के घर आई थी। उसके तीन साल के बेटे पिंटू के साथ इतनी घुल गई थी कि वो एक पलके लिए भी उसे छोड़ नहीं रहा था।
अचानक एक फोन आया शैली रिंगटोन सुनकर किचन से दौड़कर हॉल में आई फोन उठाकर देखा तो विडियो कॉल था। उसकी सासने फोन किया था। वो पूना से पोते की खैरियत जानने के लिए उससे बात करना चाहती थी।
उसने बिना कुछ कहे पिंटू की तरफ फोन फोकस किया, पर करिश्मा यह देखकर हैरान रह गई कि शैली पिंटू को बडी-बडी आँखों से देखकर इशारे से डरा रही थी।
वो बेचारा डरके मारे दूसरे कमरेमें भाग गया । यह देखकर उसकी सासने फोन काट दिया ।
दूसरे दिन सुबह सब नाश्ता कर रहे थे तब एक और फोन आया। वो भी विडियो कॉल था शैली खुशी से खिल उठी।
उसकी बातों से ऐसा लग रहा था जैसे उसकी माँ का फोन होगा जो अपनी नवा से से बात करना चाहती थी। शैली बीना एल पल गवाँए बेडरुम में गई पिंटू अभी सो रहा था। उसने जाकर उसे जगाया, मुँह धुलाया और बात कराई वो भी बड़े प्यार से कह रही थी "बोलो बेटा, हेलो।"
पिंटूने दोहराया, उसने कहा "से आय लव यू" पिंटूने दोहराया।
सुन कर उसकी माँ बहुत खुश हो गई। जवाब में उसने भी वही दोहराया। उनके बीच बातों का सिलसिला यूँ ही चलता रहा।
करिश्मा वही बैठे सास और अपनी माँ में इतना फर्क ? देखकर हैरान रह गई।
